Author: Prabhu Bhakti

Surya Kavacham Benefits | सूर्य पुराण पाठ | सूर्य कवच स्तोत्र | Surya Kavach stotra सूर्य देवता के महत्वपूर्ण मंत्र और स्तोत्र आदि कुछ इस प्रकार हैं | सूर्य पुराण पढ़ने के फायदे | सूर्य कवच के फायदेभगवान सूर्य नमस्कार मंत्रश्री सूर्य नमन मंत्र का उच्चारण करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। सूर्य मंत्र जाप इस प्रकार है:भगवान सूर्य देव चालीसाश्री सूर्य बीज मंत्रॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:। सूर्य नमस्कार श्लोकॐ ध्येयः सदा सवितृ-मण्डल-मध्यवर्ती,नारायण: सरसिजासन-सन्निविष्टः।केयूरवान् मकरकुण्डलवान् किरीटी,हारी हिरण्मयवपुर्धृतशंखचक्रः ॥सूर्य भगवान की आरतीसूर्य भगवान के 108 नाम | 108 names of lord surya |सूर्य के 108 नाम का…

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क्या है देवी Saraswati के Kavach और Yantra का महत्वSaraswati Kavach और Yantra में मां सरस्वती के सभी गुणों का सम्मिश्रण होता है जिसकी कामना हर महत्वकांक्षी व्यक्ति को होती है। वैदिक साहित्य में goddess saraswati ज्ञान का आधार बताई गई हैं।  जहां भी ज्ञान, कला, कौशल विद्यमान है वहां देवी सरस्वती का वास होने से ही यह सब संभव हो पाया है। देवी सरस्वती के इन सभी गुणों को अपने भीतर जागृत करने के लिए सरस्वती कवच का प्रयोग किया जाता है। सरस्वती कवच और Yantra के महत्व और इसके प्रयोग के बारे में जानने से पहले हम आपको बताएंगे…

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हिंदू धर्म में tulsi के पौधे को अधिक शुभ माना गया है। कई पूजा-पाठ और अनुष्ठान में तो इसके बिना पूजा अधूरी मानी जाती है। वैसे तो तुलसी हर हिन्दू घर में मिलेगी लेकिन खासतौर पर वैष्णव परंपरा का पालन करने वालों के घर में तुलसी का पौधा होना उतना ही जरूरी है जितना जरूरी शैव पंथ के लोगों के लिए बेलपत्र है। वैदिक ग्रंथों में तुलसी के महत्व का वर्णन भी देखने को मिलता है। [1]वैज्ञानिक दृष्टिकोण से तुलसीवैज्ञानिक भाषा में Ocimum tenuiflorum के नाम से जाना जाने वाला तुलसी का पौधा एक झाड़ के रूप में उगता है…

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1)रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई ? रुद्राक्ष की उत्पत्ति कैसे हुई ? (how did rudraksha originate from?) 2) शिव पुराण में रुद्राक्ष का वर्णन ( Rudraksha shiva story in hindi ) 3) रुद्राक्ष के पेड़ कहां पाए जाते हैं? (Rudraksha tree where found?) 4) रुद्राक्ष का पेड़ भारत में कहाँ पाया जाता है? ( Where is rudraksha tree found in india? ) 5) असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करे? (how to identify real rudraksh?) 6) शिव रुद्राक्ष माला का जप कैसे करे? (Shiva rudraksha mala ka jap kaise kare? ) 7)रुद्राक्ष माला सिद्ध करने का मंत्र ( Mantra to activate…

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दशहरा कब मनाया जाता हैHindu calendar में month Ashvin की दशमी तिथि (शुक्ल पक्ष) को Dussehra मनाया जाता है। जिस प्रकार नवरात्र में Devi (Durga) के नौ रूपों ने लगातार नौ दिन तक भीषण युद्ध लड़कर दसवें दिन संसार को असुरों से मुक्ति दिलाई थी उसी प्रकार vijaya dashami के दिन प्रभु श्री राम ने रावण का अंत कर बुराई को जड़ से समाप्त कर दिया था। इसलिए चाहे इस पर्व को राम द्वारा रावण का वध किये जाने के रूप में मनाया जाए या फिर दुर्गा द्वारा महिषासुर का संहार किये जाने के रूप में दोनों ही तरह से…

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Mahanavami पर्वहिन्दू धर्म में महानवमी का पर्व ख़ासा महत्व रखता है। इस दिन navarathri goddess देवी पार्वती के नौंवे अवतार सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।  यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत के तौर पर मनाया जाता है। भारत के कई राज्यों बिहार, बंगाल, उड़ीसा, असम में दुर्गा पूजा बड़ी ही धूमधाम से मनाई जाती है। यहाँ navratri day 9 को दुर्गा उत्सव, शरदोत्सब, अकालबोधन, महापूजो जैसे भिन्न-भिन्न नामों से पुकारा जाता है। वहीँ Sharada Navaratri के दौरान बंगाल में मनाया जाने वाले महापूजों के दिन दुर्गा मां की विदाई विसर्जन स्वरुप की जाती है। [1] देवी SiddhidhatriHindu calendar के…

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Maa Mahagauri: देवी महागौरीDurga ashtami के दिन देवी महागौरी की आराधना की जाती है। Nauratri की आठवीं देवी महागौरी के स्वरुप की बाते करें तो देवी की चार भुजाएं हैं, जिसमें से एक भुजा में उन्होंने त्रिशूल लिया हुआ है वहीँ एक हाथ में उनके डमरू विराजमान है। हाथ में भोलेनाथ का डमरू होने के कारण ही उन्हें शिव के नाम से भी पुकारा जाता है। ये दोनों ही शिव -शक्ति का प्रतीक है यानी शिव महागौरी के बगैर अधूरे है। देवी की शक्ति अमोघ और अधिक फलदायी है। Sharada Navaratri का आठवां दिन विवाहित स्त्रियों के बहुत महत्व रखता है,…

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Devi Kalaratri: माता कालरात्रिnavarathri goddess मां दुर्गा की सप्त शक्ति का नाम देवी कालरात्रि है। इनके नाम से साफ़ झलकता है काल की रात। saptami के दिन साधक का मन सहस्रार चक्र में अवस्थित होता है इसका अर्थ यह है कि व्यक्ति को संसार  की सारी सिद्धि और निधि (विद्या, धन, शक्ति) प्राप्त होती है।Devi (Durga) के अनेक नाम है जैसे भद्रकाली, महाकाली, भैरवी, चामुंडा और चंडी आदि। इन्हें ही देवी काली की संज्ञा दी है कालरात्रि और महाकाली दोनों ही नाम एक दूसरे के पूरक है। इनकी पूजा से भूत, पिशाच और सभी नकारात्मक बुरी शक्तियां नष्ट हो जाती…

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Maa Katyayani: माता कात्यायनी6th day of navratri पर पूजी जाने वाली मां दुर्गा का नाम मां कात्यायनी है। कात्य गोत्र के महर्षि कात्यायन ने अपनी कठिन तपस्या के माध्यम से देवी को अपनी पुत्री स्वरुप प्राप्त किया था। आपको बता दें कि योग साधना के छठे दिन साधना करने वाले का मन आज्ञा चक्र में अवस्थित रहता है और आज्ञा चक्र में ध्यान लगे होने के कारण व्यक्ति आज्ञा स्वरूप अपना सब कुछ देवी के चरणों में अर्पित कर देता है। इनकी चार भुजाओ में अस्त्र-शस्त्र और कमलपुष्प है, देवी सिंह पर विराजमान है। देवी कात्यायनी को महिषासुरमर्दिनि के नाम…

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