
पारद शिवलिंग(Parad Shivling) पारे से निर्मित होता है जिस कारण इसे पारद नाम दिया गया है। पारा को संस्कृत भाषा में पारद की संज्ञा दी गई है। पुराणों में कई प्रकार के शिवलिंग का जिक्र है। इन शिवलिंगों में पारद शिवलिंग सबसे अधिक सर्वश्रेष्ठ माना गया है। सावन के महीने में इस शिवलिंग की पूजा करना बेहद शुभ है।
इससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। ऐसी मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने से 12 Jyotirlingas पूजा का फल मिलता है। यह एकमत्र ऐसा धातु है जो तरल रूप में उपलब्ध है। इसलिए इसे बनाने की प्रक्रिया बहुत कठिन मानी जाती है। रूद्र संहिता में वर्णन है कि रावण ने पारद शिवलिंग की पूजा कर भगवान शिव को प्रसन्न किया था। यही वजह है कि वह अपनी लंका को स्वर्ण का बना पाया था। [1]
पारद संहिता में कई औषधियों का उल्लेख है जिससे पारा धातु को शुद्ध कर पत्थर रूप दिया जाता है। उदाहरणस्वरूप : चित्रक, नक्षिणकी, व्यग्रपादि, शंकपुष्पी, लाजवंती, नीम, शमी, वक्रतुण्डी और पुत्रजीविका आदि। [2]
पूरे विधि विधान से पूजा किये जाने से Parad Shivling ke fayde अनेक है आइये जानते हैं Parad Shivling benefits in hindi :
1. पारद शिवलिंग को जिस घर में स्थापित किया जाता है वहां सुख-समृद्धि और शान्ति का वास होता है।
2. इससे 100 अश्वमेघ, लाखों गो दान और चारधाम यात्रा का फल प्राप्त होता है। (शिव महापुराण श्लोक-1)
3. भगवान शिव की कृपा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। (शिव महापुराण श्लोक-2)
4. पारद शिवलिंग की पूजा करने से ब्रह्म हत्या, गोहत्या जैसे पाप से मुक्ति मिलती है। (शिव महापुराण श्लोक-15)
5. Benefits of Parad Shivling में व्यक्ति को दीर्घायु और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होना शामिल है।
6. यह शिवलिंग सबसे पवित्र माना जाता है। यह घर के सभी वास्तुदोषों की समाप्ति करता है।
7. उच्च रक्क्तचाप, ह्रदय रोग और अस्थमा जैसी बिमारियों को नियंत्रण करने में सहायक है।
8.देवी सरस्वती की कृपा होती है, बौद्धिक विकास होता है साथ ही एकाग्रता क्षमता बढ़ती है। [3]
आइये जानते हैं Parad Shivling ki puja kaise kare :
1. Parad Shivling puja के लिए प्रातःकाल स्नान करें।
2. भगवान शिव की प्रतिमा को शिवलिंग के साथ में रखें।
3. फिर शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं और प्रतिमा पर भी छिड़कें।
4. इसके पश्चात बेलपत्र अर्पित करें। साथ ही दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें।
Parad Shivling Puja Mantra
‘ऐं ह्रीं श्रीं ‘ॐ नम: शिवाय’ : श्रीं ह्रीं ऐं’
5. ध्यान रहे कि शिवलिंग पर दूध, दही, सिन्दूर, शहद और चंदन आदि नहीं चढ़ाना चाहिए।
6. चढ़ाये गए जल को तुलसी, पीपल और बरगद छोड़कर किसी भी पौधे में डाल सकते हैं।
शिव महापुराण श्लोक
लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्।
तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।
ब्रह्महत्या सहस्त्राणि गौहत्याया: शतानि च।
तत्क्षणद्विलयं यान्ति रसलिंगस्य दर्शनात्।।
स्पर्शनात्प्राप्यत मुक्तिरिति सत्यं शिवोदितम्।।
इस श्लोक के अनुसार करोड़ों शिवलिंग पूजन से जो फल मिलता है। उससे भी कई गुना ज्यादा फल पारद शिवलिंग की पूजा से प्राप्त होता है। इसके केवल स्पर्श से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
1. इस शिवलिंग का अभिषेक करने से व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
2. पारद शिवलिंग का अभिषेक गन्ने के रास से किया जाना चाहिए। इससे व्यक्ति को लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
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1.पारद शिवलिंग की पहचान करने के लिए उसे हथेली पर घिसे। यदि उसमें से कालिख न निकले तो वह असली है।
2. लैब में टेस्ट करने से यदि इसमें जस्ता, सिक्का धातु मिलें तो यह नकली है।
3. इसकी पहचान के लिए एक तरीका और है। इसे पानी में डालकर धूप में रखा जाए तो यह सोने के रंग में तब्दील हो जाता है।
आइये जानते हैं पारद शिवलिंग कैसे साफ करें :
1. सर्वप्रथम तो यह जान लें कि घर में किसी छोटे आकार के शिवलिंग को ही रखना चाहिए।
2. शिवलिंग को साफ़ करने के लिए एक थाल में शिवलिंग रखें।
3. इसके पश्चात उसके ऊपर गंगाजल से अभिषेक करें।
4. तब तक उसपर जल डालें जब तक वह अच्छी तरह से साफ़ न हो जाए।
5. वैसे यदि शुद्ध जल से प्रतिदिन अभिषेक किया जाए तो वह साफ़ हो ही जाता है।
कई बार लोगों के मन में यह सवाल आता है कि आखिर पारद शिवलिंग को घर में कैसे बनायें? आपको बता दें पारद शिवलिंग पारा धातु से निर्मित होता है. जो कि तरल होता है। अतः इसे घर पर नहीं बनाया जा सकता। इस शिवलिंग को बनाये जाने की प्रक्रिया कठिन है।
1. सर्वप्रथम भगवान शंकर की प्रतिमा के आगे दीपक जलाएं।
2. उसके बाद सफ़ेद कपड़े में लपेटकर शिवलिंग को स्थापित करें।
3. फिर उस पर जल अभिषेक किया जाना चाहिए।
3. अभिषेक करते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप भी अवश्य करें।
4. ध्यान रखें इसपर केतकी के पुष्प अर्पित नहीं करने चाहिए।
5. शिवलिंग पर तुलसी, हल्दी और सिन्दूर चढ़ाना भी वर्जित है।
6. यदि आप शिवलिंग की प्रतिदिन पूजा नहीं सकते तो इसे घर में स्थापित न करें।
पारद शिवलिंग मर्क्युरी यानी पारा धातु से बना होता है। ध्यान रखें इसे किसी सोने की वस्तु के आस-पास नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से वह सोना रंग छोड़ने लगता है।
इस शिवलिंग को घर में रखा जा सकता है यदि उसका आकार छोटा हो। पारद शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए या नहीं? इसका जवाब है कि इसपर जल चढ़ाया जा सकता है। साथ ही आपको बता दें कि पारद शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा होनी भी जरुरी नहीं है।
पारद शिवलिंग को ऊर्जावान बनाये रखने के लिए इसमें पानी भरकर रखना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि जल भरकर शिवलिंग रखने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। यह घर में मौजूद बुरी शक्तियों का नाश करता है।