त्रिशक्ति कवच क्या है? ( What is Trishakti Kavach? )
Trishul Om Swastik के सम्मिश्रण से बना यह त्रिशक्ति कवच तीनों की अद्भुत शक्तियों को लिए हुए है। इसमें शामिल ॐ शब्द में पूरे ब्रह्माण्ड की शक्ति समाहित है। मान्यता है कि इसके उच्चारण मात्र से ईश्वर के निकट पहुंचा जा सकता है।
वहीँ शिव जी का त्रिशूल समस्त बुराइयों का खात्मा करता है। इससे कोई भी बुरी शक्ति व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचा सकती है।
स्वस्तिक हर कार्य में शुभ का प्रतीक है। बताते चलें कि ‘अमरकोश’ में ‘स्वस्तिक’ का अर्थ पुण्यकार्य करना लिखा है। इस प्रकार यह कवच हर काम को शुभ करता है। यह सारी बुरी शक्तियों से दूर रखते हुए हमें ईश्वर के निकट पहुंचाता है।
त्रिशक्ति कवच के क्या फायदे? ( Trishakti Kavach Benefits in hindi )
1. त्रिशक्ति कवच इसे धारण करने वाले को संसार की सभी नकारात्मक ऊर्जा से सरंक्षण करता है।
2. इस भगवान शिव शक्ति कवच के प्रयोग व्यक्ति के हर काम मंगल होते है।
3. भगवान शिव की कृपा सदैव जातकों पर बनी रहती है।
4. यह सोचने- समझने की क्षमता और रचनात्मकता में वृद्धि करता है।
कवच लॉकेट की तरह यन्त्र के भी अनेक फायदे है जिनका जिक्र नीचे किया गया है :
त्रिशक्ति यन्त्र क्या है? ( What is Trishakti Yantra? )
अपनी अलग-अलग प्रकार की इच्छाओं को पूरा करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में यंत्रों का उल्लेख है। धन और वैभव की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी या कुबेर यन्त्र का उपयोग किया जाता है। इसी प्रकार त्रिशक्ति यन्त्र की भी कुछ खास विशेषताएं हैं। इन विशेषताओं को ध्यान में रखकर ही इसे प्रयोग में लाया जाता है।
त्रिशक्ति यन्त्र के लाभ ( Trishakti Yantra Benefits )
Trishakti Yantra Benefits in hindi इस प्रकार है :
1. यह विभिन्न ग्रहों की दशा को ठीक करने में सहायक है।
2. यह वास्तु दोष और पितृ दोष के हानिकारक प्रभावों को शांत करता है।
3. यह घर और जीवन में मौजूद संकटों का निवारण करता है।
4. आभामंडल में सकरात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाता है।
त्रिशक्ति कवच और यन्त्र को धारण कैसे करें? ( Worship Method of Wearing Trishakti Kavach and Yantra )
1.Trishakti Shivyog कवच को धारण करने या यन्त्र की स्थापना के लिए शिव की प्रतिमा को एक चौकी पर रखें।
2. इसके पश्चात प्रतिमा पर गंगाजल का छिड़काव करें और भगवान को पुष्प और बेलपत्र अर्पित करें।
3. प्रतिमा के आगे एक दीपक और धुप जलाकर भगवान शंकर की आराधना करें।
4. साथ ही ॐ नमः शिवाय का जाप करते हुए इसे धारण करें या स्थापित करें।
त्रिशक्ति का महत्व ( Significance of Trishakti )
आइये जानते है इस Trishakti Locket में शामिल Trishakti Symbol यानी त्रिशूल, ॐ और स्वस्तिक के महत्व के बारे में :
शिव जी का त्रिशूल :
भगवान शंकर का त्रिशूल रजोगुण, तमोगुण और सतगुण की विशेषता लिए है। यह ब्रह्मांण्ड को चलाने और उसका अंत करने का प्रतीक है। ग्रह, नक्षत्र और तारे ये सभी इसमें सम्मिलित है।
यह त्रिशूल व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भौतिक संकटों का निवारण करने में सक्षम है। भगवान शिव के त्रिशूल की एक विशेषता यह है कि यह तीनों कालों का प्रतिनिधित्व करता है। यह भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य काल से संबंधित है।
ॐ का महत्व :
ॐ शब्द में पूरी सृष्टि की ऊर्जा समाहित है। किसी भी मंत्र के उच्चारण में यह शब्द विद्यमान है। देवी देवताओं के हर स्तोत्र, कवच पाठ, सूक्तपाठ में यह शब्द मौजूद है। इससे हमें ॐ शब्द के महत्व का पता चलता है। बताते चलें कि यह कई गंभीर बिमारियों का निवारक भी है।
इसके उच्चारण से जो ध्वनि निकलती है, वह आभामंडल में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ाती है। इस शब्द को सुनने से शरीर और अंतर्मन आनंदमय हो जाता है।
ॐ शब्द के उच्चारण के लाभ :
1. यह तनाव को कम करता है।
2. एकग्रता शक्ति को बढ़ाने में लाभदायक।
3. ह्रदय स्वस्थ रहता है।
4. नकारात्मक स्थिति से उबरने में सहायक।
5. भावनाओं को नियंत्रण में रखता है। [1]
स्वस्तिक का महत्व :
इसका प्रयोग लगभग हर पूजा में किया जाता है। इसके संबंध में कहा जाता है – ‘स्वस्तिक क्षेम कायति, इति स्वस्तिकः’। अर्थात् ‘कल्याण का प्रतीक स्वस्तिक है। ऋग्वेद में स्वस्तिक को सूर्य का प्रतीक बताया गया है। उसकी आकृति में शामिल चार भुजाओं को चार दिशाएं बताया गया है। वहीँ सिद्धान्त सार ग्रन्थ में स्वस्तिक विश्व ब्रह्माण्ड का प्रतीक है।
त्रिशक्ति सम्मिश्रण के चमत्कारी लाभ
Shivyog Trishakti में त्रिशूल, ॐ और स्वस्तिक से व्यक्ति तीनों शक्तियों का लाभ मिलता है। इन फायदों जरिये वह हर मार्ग पर अकेले चलकर कई बड़े मुकाम पा सकता है।