Author: Prabhu Bhakti

आइये जानते हैं – गुरु सांदीपनि कौन थे? | Aaiye jante hain Guru Sandipani kaun hain Sandipani Ashram Ujjain – गुरु सांदिपनी  (Guru Sandipani) मूलतः काशी के रहने वाले थे पर वे अपने पुत्रों की मृत्यु के वियोग को सहन नहीं कर पा रहे थे इसलिए उन्होंने काशी छोड़कर उज्जैन में रहने का निश्चय किया था। जब उन्होंने उज्जैन (अवंतिका पूरी) में प्रवेश किया तो वहां सिंहस्थ का मेला लगा हुआ था और वहां अकाल पड़ा था। सभी लोगों में पानी और भोजन को लेकर मरने-मारने की स्थिति बनी हुई थी। जैसे ही वहां के लोगों को पता चला कि…

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एक तरफ भगवान् को अर्पित किया गया प्रसाद पवित्र माना जाता है वहीँ दूसरी तरफ भगवान् शिव (Lord Shiva) को शिवलिंग (Shivling) के माध्यम से चढ़ाये गए प्रसाद को खाने की शास्त्रों में मनाही है। हजारों और लाखों की संख्या में शिवलिंग (Shivling) पर प्रसाद चढ़ाया भी जाता है और उसी को फिर खाया भी जाता है बिना यह जाने हुए कि ऐसा करना शास्त्रों में वर्जित है। आज हम शिव पुराण (Shiv Purana) में वर्णित इस तथ्य को उजागर करेंगे कि आखिर क्यों शिवलिंग पर अर्पित किये गए भोग को खाने से सख्त मना किया गया है साथ ही यह…

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खरमास क्या होता है? ( Kharmas Kya hota hai? )जब सूर्य मीन राशि में गोचर करता है तो उस माह में खरमास (Kharmas) की शुरुआत मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब भी देवताओं के राजा कहे जाने वाले सूर्य देव बृहस्पति की 2 राशि धनु और मीन में गोचर करते हैं तब खरमास का महीना लगता है।  हिन्दू धर्म में कुछ ऐसे माह आते है जब किसी शुभ कार्य को करने की सख्त मनाही होती है। खरमास उन्हीं में से है बाकी चातुर्मास और श्राद्ध ऐसा समय है जब कोई भी कार्य किया…

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हरिद्वार से 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद मनसा देवी (Mansa Devi) को भगवान् शिव और पार्वती की पुत्री माना जाता है पर पुराणों में वर्णन मिलता है कि मनसा देवी ऋषि कश्यप के मस्तिष्क से जन्म लेने वाली शक्ति की देवी थीं। वे किसी भी विष से अधिक शक्तिशाली मानी जाती थीं इसलिए ब्रह्मा जी ने उनको विषहरि नाम दिया।वहीँ विष्णु पुराण (Vishnu Purana) में जिस नागकन्या के बारे में उल्लेख किया गया है वे देवी मनसा है। वहीँ ब्रह्मवर्ती पुराण में देवी मनसा नामक नागकन्या को भगवान् शिव और कृष्ण भक्त बताया गया है।मनसा देवी मंदिर कहाँ स्थित…

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दक्षिणेश्वर काली मंदिर | Dakshineswar kali temple history in hindi Dakshineswar kali Temple देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इन शक्तिपीठों की स्थापना के पीछे एक मान्यता प्रचलित है। जिसके मुताबिक जब भगवान् विष्णु ने मां सती के शरीर के अपने चक्र से टुकड़े किये थे तब जहाँ-जहाँ देवी सती के शरीर के टुकड़े, आभूषण गिरे वहां इनका निर्माण हो गया। इस मंदिर में देवी के दाएं पैरों की कुछ उँगलियाँ इसी जगह पर गिरी थी। इसी तरह कुल 51 जगह ऐसी हैं जहाँ देवी के टुकड़े गिरे थे जिन्हें शक्तिपीठों के नाम से जाना जाता है।  Buy Mahadev Silver…

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हनुमान जी के गुण | Hanuman ji ke gun रामायण में सबसे प्रख्यात चरिता हनुमान जी (hanuman ji) का है जिनके बारे में कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं। हनुमान जी में इतने गुण विद्यमान है कि यदि किसी ने इनमें से 2-4 गुणों का पालन भी कर लिया तो वह अपने लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सकता है। आज हम हनुमान जी के उन्हीं गुणों पर प्रकाश डालेंगे और आपको बताएंगे कि आखिर कैसे आप भी जीवन में बड़े मुकाम पा सकते हैं।हनुमान जी के 10 गुण ( Hanuman ji ke 10 gun ) :1.…

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