Close Menu
Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    • Silver Jewellery
    • Spiritual T Shirt
    • Spiritual Locket
    • Spiritual Ring
    • Spiritual Bracelet
    0 Shopping Cart
    Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    0 Shopping Cart
    Home » मनसा देवी मंदिर: जहाँ धागा बाँधने से पूरी होती है भक्तों की हर मुराद
    Story

    मनसा देवी मंदिर: जहाँ धागा बाँधने से पूरी होती है भक्तों की हर मुराद

    Prabhu BhaktiBy Prabhu BhaktiJuly 26, 2023Updated:July 26, 2023
    Share
    Facebook WhatsApp

    हरिद्वार से 3 किलोमीटर की दूरी पर मौजूद मनसा देवी (Mansa Devi) को भगवान् शिव और पार्वती की पुत्री माना जाता है पर पुराणों में वर्णन मिलता है कि मनसा देवी ऋषि कश्यप के मस्तिष्क से जन्म लेने वाली शक्ति की देवी थीं। वे किसी भी विष से अधिक शक्तिशाली मानी जाती थीं इसलिए ब्रह्मा जी ने उनको विषहरि नाम दिया।

    वहीँ विष्णु पुराण (Vishnu Purana) में जिस नागकन्या के बारे में उल्लेख किया गया है वे देवी मनसा है। वहीँ ब्रह्मवर्ती पुराण में देवी मनसा नामक नागकन्या को भगवान् शिव और कृष्ण भक्त बताया गया है।

    मनसा देवी मंदिर कहाँ स्थित है? ( Mansa Devi Mandir kaha sthit hai? )

    उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थलों में हरिद्वार प्रसिद्ध स्थान है जहां साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है। गंगा अपने उद्गम से निकलने के बाद हरिद्वार में ही सबसे पहले प्रवेश करती है।

    यहीं हरिद्वार से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर शिवालिक की पहाड़ियों में मनसा देवी का धाम अवस्थित है। कहा जाता है कि यहाँ आने वाले सभी श्रद्धालुओं की माँ मनसा देवी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती है।  

    इस मंदिर में एक पेड़ की शाखा पर धागा बाँधने की प्रथा है जहाँ पर भक्तगण धागा बांधते है और जैसे ही उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है वे आकर बाँधा हुआ धागा खोल देते हैं।

    इस तरह हुआ था देवी मनसा का जन्म ( Mansa Devi Ka janm Kaise Hua )

    एक बार भगवान् शिव (Lord Shiva) और देवी पार्वती मानसरोवर झील में जल क्रीड़ा में मग्न थे उस समय दोनों का तेज उस झील में मौजूद कमल के पत्तो में इकट्ठा हो गया था। उस समस्या देवी पार्वती और भगवान् शिव की रक्षा कर रही सर्पिणियों ने उस तेज को अपने कुण्डल में रख लिया।  इसके बाद ही इकट्ठे किये गए उस तेज से देवी मनसा देवी का जन्म हुआ था।  

    देवी मनसा (Devi Mansa) के जन्म को लेकर एक और कहानी प्रचलन में है जिसके मुताबिक एक बार भगवान् शिव एक मनमोहक योगी का रूप धारण कर धरती पर भ्रमण करने निकले थे उस वक़्त पास के एक गाँव में रहने वाली महिला भगवान् शिव के मनमोहक रूप पर मोहित हो गई और उनपर वशीकरण के माध्यम से नियंत्रण पाने की कोशिश करने लगी। दरअसल इस वशीकरण पाश में भगवान् शिव बांध चुके थे। उन दोनों के ही संबंध से मनसा देवी का जन्म हुआ था।  

    मनसा देवी को नागराज की बहन क्यों कहा जाता है? ( Mansa Devi ko Nagraj ki behan kyon kaha jata hai? )

    वहीँ मनसा देवी (Mansa devi) को नागराज (Naagraj) की बहन कहने के पीछे भी एक कहानी प्रचलन में है। मनसा देवी जब भगवान् शिव और देवी पार्वती के पास उनसे मिलने आई थी तब भोलेन्थ के गले में लटके हुए नागराज वासुकि ने दोनों से हाथ जोड़कर प्रार्थना की और कहा कि देवी मनसा को नागलोक भेज दें।

    नागराज ने ऐसी प्रार्थना इसलिए की थी क्योंकि अष्टनागों की कोई बहन नहीं थी। भोलेनाथ ने नागराज की प्रार्थना को स्वीकार करते हुए उन्हें नागलोक जाने की अनुमति दे दी और तभी से देवी मनसा को नाग देवता की बहन माना जाता है।  

    (देवी की सर्वोच्चतम शक्ति का आशीर्वाद पाने के लिए Durga Kavach Locket को धारण करें। कवच को धारण करने से माँ दुर्गा आपको आपके शत्रुओं से रक्षा प्रदान करेंगी।)

    FAQs

    देवी मनसा के माता-पिता कौन है? ( Devi Mansa ke Mata-Pita kaun hai? )

    हिन्दू धर्म में देवी मनसा को नर्मदा की तरह ही भगवान् शिव और माता पार्वती की पुत्री माना गया है।

    देवी मनसा का विवाह किससे हुआ था और उनके पुत्र का क्या नाम है? ( Devi Mansa ka vivah kisse hua tha aur unke putra ka kya naam hai? )

    देवी मनसा का विवाह जगत्कारु से हुआ था और उनके पुत्र का नाम आस्तिक था।  

    मनसा देवी किसकी बहन मानी जाती हैं? ( Mansa Devi kiski behan mani jaati hai? )

    इन्हें नागों के राजा कहे जाने वाले वासुकि की बहन भी कहा जाता है।
    Share. Facebook WhatsApp
    Previous Articleकामाख्या मंदिर(Kamakhya Mandir) : ये है देवी सती के 51 शक्तिपीठों में शामिल इस मंदिर का रहस्य
    Next Article खरमास में भूलकर भी न करें ये काम नहीं तो झेलनी पड़ेंगी परेशानियां

    Related Posts

    Brahmarakshas :ब्रह्मराक्षस वेद पुराणों का ज्ञान रखते है ये पिशाच।

    Kalyug के अंत मे kali की मदद करने कौन आएगा?

    Devi maa का मुख देता हैं मुराद पूरी होने के संकेत

    Leave A Reply Cancel Reply

    Special for You

    भगवान हनुमान का सदेव आशीर्वाद बना रहता हैं 4 राशियों पर

    Uncategorized December 8, 2023

    आखिर क्या होती है राशि? जब इस धरती पर कोई मनुष्य जन्म लेता है, तो…

    Srikalahasti Temple – | श्रीकालहस्ती मंदिर | |आंध्र प्रदेश| देश का एकमात्र अदभूत मंदिर

    December 7, 2023

    भगवान श्री कृष्ण की यह 2 कहानियाँ आप सभी को रुला देंगी।

    December 6, 2023

    शिव के नटराज रूप का क्या है रहस्य, कौन है उनके पैरों के नीचे?

    December 7, 2023
    Recent
    • भगवान हनुमान का सदेव आशीर्वाद बना रहता हैं 4 राशियों पर
    • Srikalahasti Temple – | श्रीकालहस्ती मंदिर | |आंध्र प्रदेश| देश का एकमात्र अदभूत मंदिर
    • भगवान श्री कृष्ण की यह 2 कहानियाँ आप सभी को रुला देंगी।
    • शिव के नटराज रूप का क्या है रहस्य, कौन है उनके पैरों के नीचे?
    • वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर-जल्द ही भारत का सबसे विशाल मंदिर बनने वाला है

    Hanuman ji ka chola – इस तरीके से चढ़ाये हनुमान जी को चोला | संपूर्ण विधि

    Hanuman November 18, 2023

    Bajrang bali ka chola | Chola for hanuman ji आखिर भगवान हनुमान को चोला (Hanuman…

    Kalyug के अंत मे kali की मदद करने कौन आएगा?

    Mahadev November 2, 2023

    Kalyug | कलयुग में बिरुपाक्ष्य की प्रतिमा: धर्म के खिलाफ कलयुग एक ऐसा युग, जिसे…

    Recent Posts
    • भगवान हनुमान का सदेव आशीर्वाद बना रहता हैं 4 राशियों पर
    • Srikalahasti Temple – | श्रीकालहस्ती मंदिर | |आंध्र प्रदेश| देश का एकमात्र अदभूत मंदिर
    • भगवान श्री कृष्ण की यह 2 कहानियाँ आप सभी को रुला देंगी।
    • शिव के नटराज रूप का क्या है रहस्य, कौन है उनके पैरों के नीचे?
    • वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर-जल्द ही भारत का सबसे विशाल मंदिर बनने वाला है
    Sale is Live
    Oversized t-shirt
    Top Product
    • Silver Jewellery
    • Spiritual T Shirt
    • Spiritual Locket
    • Spiritual Ring
    • Spiritual Bracelet
    Imp Links
    • Privacy Policy
    • Shipping and Delivery Policy
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
    • Privacy Policy
    • Shipping and Delivery Policy
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
    © 2022-23 Prabhubhakti Private Limited

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.