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    Home » Dakshineswar Kali Temple: जानिये 51 शक्तिपीठों में शामिल इस मंदिर का इतिहास
    Temple

    Dakshineswar Kali Temple: जानिये 51 शक्तिपीठों में शामिल इस मंदिर का इतिहास

    Prabhu BhaktiBy Prabhu BhaktiJanuary 10, 2024Updated:January 10, 2024
    Dakshineswar Kali Temple
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    दक्षिणेश्वर काली मंदिर | Dakshineswar kali temple history in hindi 

    Dakshineswar kali Temple देवी के 51 शक्तिपीठों में से एक है। इन शक्तिपीठों की स्थापना के पीछे एक मान्यता प्रचलित है। जिसके मुताबिक जब भगवान् विष्णु ने मां सती के शरीर के अपने चक्र से टुकड़े किये थे तब जहाँ-जहाँ देवी सती के शरीर के टुकड़े, आभूषण गिरे वहां इनका निर्माण हो गया। इस मंदिर में देवी के दाएं पैरों की कुछ उँगलियाँ इसी जगह पर गिरी थी। इसी तरह कुल 51 जगह ऐसी हैं जहाँ देवी के टुकड़े गिरे थे जिन्हें शक्तिपीठों के नाम से जाना जाता है। 

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    दक्षिणेश्वर काली मंदिर का निर्माण 1847 में एक जमींदार और परोपकारी रानी रश्मोनी द्वारा कराया गया था। देवी काली का मंदिर कोलकाता का एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र है। मंदिर में मां काली के अवतार मां भवतारिणी की पूजा की जाती है। 25 एकड़ में फैले इस मंदिर में हर रोज देश भर से हजारों श्रद्धालु आते हैं।

    कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर का इतिहास काफी पुराना माना जाता है. यह मंदिर, हुगली नदी के पूर्वी किनारे पर बना है। इस मंदिर का निर्माण 1847 में जान बाज़ार की ज़मींदार और परोपकारी रानी रश्मोनी ने शुरू कराया था। मंदिर का निर्माण 1855 में पूरा हुआ।dakshineswar kali temple history in hindi | दक्षिणेश्वर काली मंदिर

    दक्षिणेश्वर काली मंदिर कहां है | दक्षिणेश्वर मंदिर कहां स्थित है | Dakshina Kaali Mandir kaha sthit hai? 

    दक्षिणेश्वर काली मां (Dakshineswar Kali Temple) मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता शहर में एक छोर के निकट हुगली नदी के किनारे अवस्थित है। यह माता काली के प्रचलित मंदिरों में से एक है। यहाँ विराजमान दक्षिणा काली मां अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। 

    स्वामी विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस की कर्मभूमि | Dakshineswar Kali Mandir 

    इस दक्षिणेश्वर कली मंदिर को परमहंस रामकृष्ण की कर्मभूमि माना जाता है। रामकृष्ण परमहंस स्वामी विवेकानंद के गुरु और पश्चिम बंगाल में हिन्दू नवजागरण के प्रमुख सूत्रधारों में से एक हैं। दक्षिणकाली मंदिर के प्रमुख पुरोहित की भूमिका भी निभा चुके है। कहा तो यह भी जाता है कि इसी स्थान पर धर्मगुरु रामकृष्ण को Maa Dakshineshwari Kali ने दर्शन दिए थे।

    दक्षिणेश्वर काली मंदिर कहां स्थित है | dakshineswar kali temple | dakshineswar temple in hindi
    images of dakshineswar kali
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    दक्षिणा काली मंदिर निर्माण के लिए रानी रासमणि से जुड़ी कहानी

    Dakshineswar Temple का निर्माण साल 1855 में हुआ था। दरअसल जान बाजार की ज़मींदार रानी रासमणि को एक स्वप्न आया था जिसमें माता काली ने उन्हें यह मंदिर बनवाने का निर्देश दिया था।  

    कहानी की बात करें तो रानी रासमणि (Rani Rasmani) एक विधवा रानी थी। वे अत्यधिक आध्यात्मिक थीं जिस कारण थोड़ी उम्रदराज होने पर उनकी तीर्थ पर जाने की इच्छा हुई। इसलिए उन्होंने सर्वप्रथम वाराणसी जाने की योजना बनाई। वाराणसी जाने के लिए पहले के समय में रेल की सुविधा नहीं होती थी इसलिए सब नाव का प्रयोग करते थे।dakshineswar kali mandir | दक्षिणेश्वर काली मंदिर कहां है

    गंगा के रास्ते से होते हुए वाराणसी पहुंचा जाता था। रानी रासमणि ने इस रास्ते से जाने के लिए योजना बनाई परन्तु एक रात पहले ही रानी को सपना आया। Dakshineswar Kali Maa ने रात में रानी के स्वप्न में आकर कहा कि वाराणसी न जाए यहीं पर मंदिर का निर्माण करवाए। इस तरह सन 1855 में दक्षिणेश्वर नामक मंदिर का निर्माण करवाया गया।  

    काली की कहानी | Kali story

    हिन्दू पुराणों देवी काली को एक रूद्र अवतार माना गया है। उनके स्वरुप की बात करें तो तस्वीरों में देवी ने एक विकराल रूप धारण किया हुआ है। गले में मुंडमाला और एक हाथ में रक्त टपकाता हुआ खड्ग और दूसरे हाथ में खप्पर है। देवी काली ने भगवान् शिव पर भी पैर रख दिया था इसलिए उन्हें लेटे हुए भगवान शंकर पर खड़ी जीह्वा निकाले दिखाया गया है।

    दक्षिणा काली मंदिर की मान्यता | Dakshina Kaali Mandir ki manyata | Dakshineswar kali temple

    यह मंदिर इसलिए अथिक महत्व रखता है क्योंकि यह 51 शक्तिपीठों में शामिल है। यहाँ पूरे भारत समेत दुनियाभर से श्रद्धालु दर्शन करने पहुचंते हैं। साथ ही बता दें कि यह मंदिर दुनिया के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहाँ आने वाले हर व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। 

    दक्षिणेश्वर मंदिर कहां स्थित है | dakshineswar temple history in hindi |दक्षिणेश्वर कली मंदिर
    दक्षिणेश्वर कली मंदिर

    दक्षिणा काली मंदिर की स्थापना कब हुई? | Dakshina Kaali Mandir ki sthapna kab hui?

    दक्षिणा काली मंदिर का निर्माण 1847 में शुरू हुआ और 1855 में जाकर पूर्ण हुआ था।

    दक्षिणेश्वर काली मंदिर में जाने का समय क्या है? | Dakshineshwar Kaali Mandinr me jane ka samay kya hai?

    यह मंदिर सुबह के समय 4 से 6 घंटे के लिए खुलता है जबकि संध्या के 4 से 5 घंटे के लिए खुला रहता है। 
    दक्षिणेश्वर मंदिर | दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकाता | dakshineswar mandir timing
    दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकाता

    Dakshineswar Mandir Timing | दक्षिणेश्वर काली मंदिर कोलकाता 

    Dakshineswar temple opening time : सुबह – 6am संध्या – 3pm
    Dakshineswar temple closing time : सुबह – 12:30pm संध्या – 8:30pm
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    1 Comment

    1. Dr.Subir kumar chakrawarty on September 4, 2023 6:54 pm

      दक्षिणेश्वर काली मंदिर 51 पीठ स्थान में सम्मिलित नहीं है और न ही देवी का कोई अंग यहां गिरा। लेकिन यह रासमनी द्वारा स्थापित ठाकुर रामकृष्ण परमहंस की साधना स्थली होने से एक सिद्ध पीठ के रूप में जानी जाती है।

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