एक मंदिर ऐसा जहां भगवान हनुमान को पुरुष नहीं बल्कि स्त्री रूप में पूजा जाता है। क्यों सुनकर हैरान रह गए ना। मगर यह सच है आखिर वो कौन सा मंदिर है जहां हनुमान जी की स्त्री रूप में पूजा की जाती है, और इसके पीछे का रहस्य क्या है।संकट मोचन हनुमान जी,, जिन्हें ब्रह्मचारी कहां जाता है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, पवन पुत्र हनुमान बाल ब्रह्मचारी थे। उन्होंने जीवन भर ब्रह्मचर्य धर्म का पालन किया और प्रभु श्री राम की सेवा की। हालांकि कई कथाओं में भगवान हनुमान जी की शादी के भी प्रमाण मिलते है। लेकिन शादी के बाद भी वह ब्रह्मचारी के रूप में ही जाने जाते है। आपको जानकर आश्चर्य लगेगा, लेकिन दुनिया में एक मंदिर(Hanuman Temple) ऐसा भी है जहां हनुमान पुरुष नहीं बल्कि स्त्री के वेश में नजर आते हैं। यह प्राचीन मंदिर बिलासपुर के पास है। हनुमानजी के स्त्री वेश में आने की यह कथा कोई सौ दौ सौ नहीं बल्कि दस हजार साल पुरानी मानी जाती है।
छत्तीसगढ़ में मौजूद है ये अद्भुत मंदिर
भारत में हनुमान जी के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं। सभी जानते हैं कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ के इस मंदिर में हनुमान(Hanuman Temple) जी की पूजा एक स्त्री के रूप में होती है। यह मंदिर छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से लगभग 25 किलोमीटर दूर रतनपुर में स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी को पुरुष नहीं बल्कि स्त्री के रूप में पूजा जाता है। इस अनोखे मंदिर की स्थापना के पीछे की पौराणिक कथा भी काफी दिलचस्प है गिरजाबंध स्थित हनुमान मंदिर सदियों से इस क्षेत्र में अस्तित्व में है। माना जाता है कि हनुमान जी की यह प्रतिमा दस हजार साल पुरानी है।
मंदिर का निर्माण देवजू नाम के राजा ने करवाया था
किंवदंती है कि मंदिर का निर्माण पृथ्वी देवजू नाम के राजा ने कराया था। राजा पृथ्वी देवजू हनुमान जी (Hanuman Temple)के बहुत बड़े भक्त थे औऱ उन्होंने कई सालों तक रतनपुर पर शासन किया था। माना जाता है कि वह कुष्ठ रोग से पीड़ित थे। कहा जाता है कि एक रात राजा के सपने में हनुमान जी आए और उन्हें मंदिर बनाने का निर्देश दिया। राजा ने मंदिर का निर्माण शुरू करवाया। जब मंदिर काम पूरा होने वाला था, तब राजा के सपने में फिर हनुमान जी आए और उन्हें महामाया कुंड से मूर्ति निकाल कर मंदिर में स्थापित करने के लिए कहा। राजा ने हनुमान जी के निर्देशों का पालन किया और कुंड से मूर्ति निकाली। लेकिन हनुमान जी की मूर्ति को स्त्री रूप में देखकर सब हैरान रह गए।
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क्या है इस अद्भुत मंदिर की कहानी
फिर महामाया कुंड से निकली मूर्ति को पूरे विधि विधान से मंदिर में स्थापित किया गया,और मंदिर(Hanuman Temple) के पीछे तालाब खुदवाया। जिसका नाम गिरजाबंध रख दिया। मूर्ति स्थापना के बाद राजा की बीमारी पूरी तरह से ठीक हो गई।मनवांछित फल पाकर राजा ने हनुमान जी से वरदान मांगा कि हे प्रभु, जो यहां दर्शन करने को आये उसका सभी मनोरथ सफल हो। इस तरह राजा पृथ्वी देवजू द्वारा बनवाया यह मंदिर भक्तों के कष्ट निवारण का ऐसा केंद्र हो गया। दक्षिण मुखी हनुमान जी की मूर्ति में पाताल लोक का चित्रण हैं। रावण के पुत्र अहिरावण का संहार करते हुए उनके बाएं पैर के नीचे अहिरावण और दाये पैर के नीचे कसाई दबा है। हनुमान जी के कंधों पर भगवान राम और लक्ष्मण को बैठाया है। एक हाथ में माला और दूसरे हाथ में लड्डू से भरी थाली है।