Author: Prabhu Bhakti

Maa Skandamata: मां स्कंदमाता5th day of navratri में दुर्गा मां के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा अर्चना की जाती है। यह पांचवा रूप माता का है जिसमें ममता और स्नेह का समावेश है। जैसा कि देवी के नाम से ही प्रदर्शित होता है भगवान स्कंद की माता। चार भुजाओं, तीन आंखे और सिंह की सवारी करने वाली माता कुमार कार्तिकेय यानी भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय की माता है। इस पांचवे रूप में भगवान कार्तिकेय बालक रूप में माता की गोद में विराजमान है। देवी कमल से बने आसन पर सदैव विराजमान रहती हैं इसलिए इन्हें पद्मासन…

Read More

Mata Kushmanda: माता कुष्मांडानवरात्रि के चौथे दिन देवी कूष्माण्डा का पूजन होता है kushmanda meaning पर गौर करें तो ‘कु’ का तात्पर्य सूक्ष्म तथा ऊष्मा का अर्थ गर्माहट या ऊर्जा से और अंडा शब्द को पृथ्वी का सूचक बताया गया है। ये व्यक्ति के अनाहत चक्र को नियंत्रित करती हैं। माता के आठ हाथ होने के कारण Ashtabhuja Devi के नाम से भी पुकारा जाता है। देवी के 7 हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है और उनके आठवें हाथ में सिद्धि और निधियों को देने वाली जपमाला है जिससे वे सभी को सिद्धि व…

Read More

Maa Chandraghanta: माता चंद्रघंटा नवरात्रि के शुरुआत के दो दिन पार्वती के कन्या रूप की पूजा की जाती है वहीँ तीसरे दिन उनके विवाहित रूप की आराधना होती है जो देवी चंद्रघंटा के नाम से प्रचलित हैं। यह देवी पार्वती का वैवाहिक रूप है जिसमें वे भगवान शिव के साथ शादी हो जाने के बाद आधे चंद्र को अपने माथे पर धारण करती हैं। navratri 3rd day पूजे जानी वाली माता चंद्रघंटा का शरीर सोने की भांति चमकीला होता है। मां सिंह पर सवारी करती हैं उनके 10 हाथ है जो कि अस्त्र-शस्त्र जैसे खड्ग, गदा, त्रिशूल, चक्र और धनुष…

Read More

Mata Brahmacharini: माता ब्रह्मचारिणीनवरात्रि के दुसरे दिन ब्रह्मचारिणी मां की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी नाम के पीछे के रहस्य के बारे में बात करें तो इसका तात्पर्य तपस्या करने वाली देवी से है क्योंकि ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाले। इस दिन माता पार्वती के युवा कन्या रूप की आराधना की जाती है और कुंडलिनी शक्तियों को जगाया जाता है। ऐसी  मान्यता है कि जो भी देवी के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा अर्चना पूरे मन से करता है उसमे तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। [1]Brahmacharini Story: ब्रह्मचारिणी…

Read More

Maa Shailputri: मां शैलपुत्रीशैलपुत्री एक संस्कृत नाम है जिसका अर्थ है शैल की पुत्री यानी हिमालय की बेटी क्योंकि मां दुर्गा ने हिमालय राज के घर जन्म लिया था इसलिए इन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाता है। शैलपुत्री की सवारी वृषभ है जिस कारण इन्हें वृषरूढ़ा भी कहा जाता है। इनके दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल पुष्प है। प्रकृति और स्त्री के गहरे संबंध को दर्शाती माता शैलपुत्री सभी जीव जंतुओं और हरियाली की रक्षक भी मानी जाती है।Shailaputri devi vrat katha: पौराणिक कथापौराणिक कथा में इनका ज़िक्र सती से जोड़कर दिखाया गया है क्योंकि…

Read More

नवऱात्रि मनाये जाने का महत्वनवरात्रि का शाब्दिक अर्थ तो नौ रातें हैं लेकिन गहराई में उतरे तो ज्ञात होता है वह नौ रातें जो दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित हों।  यह नौ पवित्र दिन शक्ति पूजा के लिए है, योग साधना के लिए हैं, मां को प्रसन्न करने के लिए हैं। मनुष्य के शरीर में नौ छिद्र है दो आँख, दो कान, दो नाक, दो गुप्तांग और एक मुँह। इन पवित्र दिनों में व्यक्ति इन्हीं छिद्रों का शुद्धिकरण कर छठी इंद्री को जगाने का प्रयास करता है। हिन्दू पांचांग के अनुसार तो साल में चार बार नवरात्रि आते हैं लेकिन…

Read More

Hanuman Ji ki katha : भक्त जो हनुमान जी की निस्वार्थ पूजा करता था । Hanuman ji ki katha : तमिलनाडु के दाम में बिरजू नाम का व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहा करता था। मैं काफी गरीब था। उसके पास खाने के लिए भी पैसे नहीं थे व कार्यकर्ता पर वह इतना पैसे कभी नहीं जुटा पाता था कि वह अपने सारी जरूरतें पूरी कर सके। उसकी पत्नी हमेशा उसे ताने मार कर नीचा दिखाया करती थी। बिरजू हनुमान जी का सीन भक्त था। वे दिन-रात हनुमान जी की पूजा पाठ किया करता। वहां से प्रार्थना करता कि भगवान…

Read More

गांव में गरीब किसान रहा करता था जिसका नाम था साधु , साधु अपने खेत में दिन रात मेहनत करता परंतु मेहनत अनुसार उसे उसका फल कभी नहीं मिलता था। कभी बारिश ना होने के कारण कभी धूप तेज होने के कारण कभी कोई परेशानी हो जाने के कारण उसको उसकी फसल का सही मूल्य नहीं मिल पाता था। एक बार गांव में बिल्कुल भी बारिश ना हुई। सूखा पड़ने के कारण खेत में फसल हुई नहीं थी जिससे परेशान होकर साधु है। आत्महत्या करने का निर्णय लिया । अगले दिन जब साधु अपने खेत पर पहुंचा तो उसने देखा…

Read More

यूं तो हमने भगवान व उनके भक्तों से जुड़े कई चमत्कार देखे और सुने हैं। परंतु आज हम आपको ऐसे चमत्कार के बारे में बताने जा रहे है जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे l बहुत समय पहले एक महिला गुजरात से वृंदावन श्री बांके बिहारी जी के दर्शन करने आई हुई थी, वह महिला श्री बांके बिहारी जी के मंदिर में पहुंची पर हाथ जोड़कर उनके दर्शन करने लगी। दर्शन करते हुए उस महिला को बांके बिहारी जीकी प्रतिमा इतनी प्यारी लग गई कि उनसे वहीं खड़े खड़े उस महिला को लगाव सा हो गया और वह महिला बिहारी…

Read More

बिहार के एक गांव में छोटू नाम के व्यक्ति रहता था जो कि कुम्हार था। वह दिनभर मटके बनाते और खाली समय में हनुमान जी की भक्ति में लीन रहता। छोटू की आस्था कुछ इस प्रकार थी कि हनुमानजी हमेशा मेरे साथ है , मेरी संकट की घड़ी में कोई मेरा साथ दे ना दे हनुमान जी मेरा साथ अवश्य देगे l वह गांव के हर मंदिर में हनुमान जी की पूजा पाठ करता मंगलवार का व्रत रखता जब वह किसी परेशानी में होता तोहनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठकर उनसे बात किया करता है कि जैसे हनुमान जी…

Read More