Close Menu
Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    • Silver Jewellery
    • Spiritual T Shirt
    • Spiritual Locket
    • Spiritual Ring
    • Spiritual Bracelet
    0 Shopping Cart
    Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    0 Shopping Cart
    Home » Maa Brahmacharini- 2nd Day of Navratri
    Uncategorized

    Maa Brahmacharini- 2nd Day of Navratri

    Prabhu BhaktiBy Prabhu BhaktiJuly 26, 2023Updated:July 26, 2023
    Share
    Facebook WhatsApp

    Mata Brahmacharini: माता ब्रह्मचारिणी

    नवरात्रि के दुसरे दिन ब्रह्मचारिणी मां की पूजा की जाती है। ब्रह्मचारिणी नाम के पीछे के रहस्य के बारे में बात करें तो इसका तात्पर्य तपस्या करने वाली देवी से है क्योंकि ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाले। इस दिन माता पार्वती के युवा कन्या रूप की आराधना की जाती है और कुंडलिनी शक्तियों को जगाया जाता है। ऐसी  मान्यता है कि जो भी देवी के ब्रह्मचारिणी रूप की पूजा अर्चना पूरे मन से करता है उसमे तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की वृद्धि होती है। [1]

    Brahmacharini Story: ब्रह्मचारिणी की पौराणिक कथा

    देवी पार्वती ने अपने पूर्वजन्म में नारद जी के उपदेश देने के बाद भगवान शिव को अपने पति के रूप में स्वीकार कर लिया था और उन्हें पाने के लिए कठिन तपस्या की थी इसलिए उनके इस रूप को ब्रह्मचारिणी कहा जाता है। इस शब्द का संधि विच्छेद करने से पता चलता है कि ब्रह्म- अर्थात् तपस्या तथा चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली।

    सती के रूप में अपने आप को यज्ञ में झोंक देने के बाद देवी ने हिमालय राज की बेटी शैलपुत्री या हेमावती के रूप में जन्म लिया। जब देवी पार्वती अपनी युवावस्था में आईं उस वक़्त नारद जी ने उन्हें बताया कि यदि वे तपस्या के मार्ग पर आगे बढ़ती हैं तो उन्हें अपने पूर्व जन्म के पति का साथ दोबारा मिल सकता है, नारद जी की इस बात को मानकर देवी पार्वती ने कठिन तपस्या का मार्ग चुना। 

    देवी के इस मार्ग में कई तरह के पड़ाव आये। अपने इस पहले पड़ाव में हज़ारों सालों तक शाख पर रहकर दिन व्यतीत किये और इसके अगले वर्षों तक उन्होंने कठोर तपस्या करते हुए फल-मूल खाकर बिताये। कई वर्षों तक कठोर व्रत करते हुए खुले आसमान में वर्षा, धूप और सर्दी के सभी कष्ट झेले और अपनी तपस्या को आगे जारी रखा। उनकी इस तपस्या में तीसरा पड़ाव आया जब उन्होंने धरती पर गिरे हुए बेलपत्रों को खाकर जीवन का निर्वाह किया। उसके बाद निर्जल रहकर उन्होंने अपनी तपस्या को आगे बढ़ाया। देवी पार्वती की इसी कठोर तपस के कारण उन्हें ब्रह्मचारिणी के नाम से पुकारा जाता है और नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी के रूप में इनकी पूजा की जाती है। पौराणिक कथा के अनुसार देवी पार्वती यानी ब्रहमचारिणी ने लगभग 5000 हज़ार वर्षों तक कठिन तपस्या की थी. [2]

    Maa Brahmacharini Puja Vidhi: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि

    1. प्रातःकाल स्नान करने के पश्चात ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए हाथ में पुष्प लेकर माता का ध्यान करें। 

    2. ध्यान करने  के पश्चात देवी को पंचामृत से स्नान कराएं।  

    3. विभिन्न प्रकार के फूल, कुमकुम, सिन्दूर आदि माता को अर्पित करें। 

    4. इन सभी क्रियाओं के बाद देवी का ध्यान करते हुए नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें।  

    BRAHAMCHARINI MANTRA: ब्रह्मचारिणी मंत्र

    या देवी सर्वभूतेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। 

    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

    BRAHAMCHARINI DEVI PRARTHANA MANTRA: ब्रह्मचारिणी देवी प्रार्थना मंत्र

    दधाना कर पद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू। 

    देवी प्रसीदतु मई ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।।

    DEVI BRAHAMCHARINI JAAP MANTRA: देवी ब्रह्मचारिणी जाप मंत्र :

    ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः॥

    ब्रह्मचारिणी देवी का आधुनिक समाज में महत्व

    आधुनिकता के इस दौर में लोगों की दिनचर्या भोग-विलास और भौतिक सुखों से आगे बढ़ ही नहीं पा रही है। यह धुन लोगों पर इस हद तक सवार है कि वे अपने जीवन का मूल लक्ष्य ढूंढने के बजाय विलासिता में डूबे हुए हैं। ऐसे में देवी ब्रह्मचारिणी का रूप उनके लिए बहुत बड़ा उदहारण है कि कैसे अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए व्यक्ति को त्याग और सयंम बरतकर कर्म करना चाहिए।

     

    हिन्दू धर्म में माता ब्रह्मचारिणी का महत्व : IMPORTANCE OF MATA BRAHAMCHARINI


    माता ब्रह्मचारिणी पूरे जगत में विद्यमान चर और अचर विद्याओं की देवी है। वे एक श्वेत वस्त्र धारण की हुई कन्या या पुत्री के रूप में जगत में विख्यात है। इनकी सवारी बाघिन है। उनके दाहिने हाथ में एक जाप माला और बाएं हाथ में कमण्डलु है। त्याग और संयम के गुण लिए मां ब्रह्मचारिणी समाज को धैर्य और निरंतर प्रयासरत रहने की प्रेरणा देती है।  

    क्या खाएं और क्या पहनें ? WHAT TO WEAR AND WHAT TO EAT


    नवरात्रि में तामसिक भोजन ग्रहण करना वर्जित है। ब्रह्मचारिणी देवी को श्वेत रंग बेहद प्रिय है इसलिए इस दिन सफ़ेद वस्त्र और खाने में दूध और उससे बने पदार्थ ही ग्रहण किये जाएं तो देवी की असीम कृपा होगी। इसी के साथ आपको यह भी बताते चलें कि माता को नवरात्रि के दूसरे दिन चीनी और पंचामृत का भोग भी लगाया जाता है।

    ब्रह्मचारिणी की पूजा कैसे करें?


    1. प्रातःकाल स्नान करने के पश्चात हाथ में कमल पुष्प लेकर देवी का ध्यान करें। 

    2. इसके बाद नीचे दिए गए मंत्र का 108 बारी जाप करें। 
     
    या देवी सर्वभू‍तेषु माँ ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। 
    नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥  

    3. देवी ब्रह्मचारिणी की व्रत कथा पढ़कर भी पूजा अर्चना की जा सकती है। 
    Share. Facebook WhatsApp
    Previous ArticleShailputri Mata- First Day of Navratri
    Next Article Maa Chandraghanta – 3rd Day of Navratri

    Related Posts

    भगवान हनुमान का सदेव आशीर्वाद बना रहता हैं 4 राशियों पर

    Srikalahasti Temple – | श्रीकालहस्ती मंदिर | |आंध्र प्रदेश| देश का एकमात्र अदभूत मंदिर

    भगवान श्री कृष्ण की यह 2 कहानियाँ आप सभी को रुला देंगी।

    Leave A Reply Cancel Reply

    Special for You

    भगवान हनुमान का सदेव आशीर्वाद बना रहता हैं 4 राशियों पर

    Uncategorized December 8, 2023

    आखिर क्या होती है राशि? जब इस धरती पर कोई मनुष्य जन्म लेता है, तो…

    Srikalahasti Temple – | श्रीकालहस्ती मंदिर | |आंध्र प्रदेश| देश का एकमात्र अदभूत मंदिर

    December 7, 2023

    भगवान श्री कृष्ण की यह 2 कहानियाँ आप सभी को रुला देंगी।

    December 6, 2023

    शिव के नटराज रूप का क्या है रहस्य, कौन है उनके पैरों के नीचे?

    December 7, 2023
    Recent
    • भगवान हनुमान का सदेव आशीर्वाद बना रहता हैं 4 राशियों पर
    • Srikalahasti Temple – | श्रीकालहस्ती मंदिर | |आंध्र प्रदेश| देश का एकमात्र अदभूत मंदिर
    • भगवान श्री कृष्ण की यह 2 कहानियाँ आप सभी को रुला देंगी।
    • शिव के नटराज रूप का क्या है रहस्य, कौन है उनके पैरों के नीचे?
    • वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर-जल्द ही भारत का सबसे विशाल मंदिर बनने वाला है

    Hanuman ji ka chola – इस तरीके से चढ़ाये हनुमान जी को चोला | संपूर्ण विधि

    Hanuman November 18, 2023

    Bajrang bali ka chola | Chola for hanuman ji आखिर भगवान हनुमान को चोला (Hanuman…

    Kalyug के अंत मे kali की मदद करने कौन आएगा?

    Mahadev November 2, 2023

    Kalyug | कलयुग में बिरुपाक्ष्य की प्रतिमा: धर्म के खिलाफ कलयुग एक ऐसा युग, जिसे…

    Recent Posts
    • भगवान हनुमान का सदेव आशीर्वाद बना रहता हैं 4 राशियों पर
    • Srikalahasti Temple – | श्रीकालहस्ती मंदिर | |आंध्र प्रदेश| देश का एकमात्र अदभूत मंदिर
    • भगवान श्री कृष्ण की यह 2 कहानियाँ आप सभी को रुला देंगी।
    • शिव के नटराज रूप का क्या है रहस्य, कौन है उनके पैरों के नीचे?
    • वृन्दावन चंद्रोदय मंदिर-जल्द ही भारत का सबसे विशाल मंदिर बनने वाला है
    Sale is Live
    Oversized t-shirt
    Top Product
    • Silver Jewellery
    • Spiritual T Shirt
    • Spiritual Locket
    • Spiritual Ring
    • Spiritual Bracelet
    Imp Links
    • Privacy Policy
    • Shipping and Delivery Policy
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
    • Privacy Policy
    • Shipping and Delivery Policy
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
    © 2022-23 Prabhubhakti Private Limited

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.