Author: Prabhu Bhakti

मिथुन राशि के जातक द्वि स्वाभाव के होने के साथ-साथ बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं। ये लोग स्वतंत्र विचार वाले माने जाते हैं। कहा जाता है इस राशि के लोग प्रेम के संबंध में बड़ी से बड़ी चुनौती पार कर जाने में हिचकिचाते नहीं है। एक पल को क्रोधित होते हैं तो एक पल को मान भी जाते हैं। इस राशि में बुध परिवर्तन और संचार का एक कारक है जिस कारण इन लोगों की भाषा शैली अच्छी होती है। मिथुन राशि के जातक किसी भी विषम परिस्थिति का सामना करने से घबराते नहीं है।आइये जानते हैं कैसे रहेगा…

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सभी के जीवन में सफलता प्राप्त करने के पीछे का एकमात्र उद्देश्य होता है आर्थिक समृद्धि प्राप्त करना। कई बार लाख संघर्षों के बावजूद आर्थिक संपन्नता व्यक्ति के हाथ नहीं लगती है। फिर व्यक्ति तलाशता है संघर्ष से कुछ हटकर मार्ग। आज हम आपको उसी मार्ग के बारे में बताने जा रहे हैं। वास्तु शास्त्र का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक है। ख़ास तौर पर वास्तु शास्त्र से जुड़े नियमों का पालन उत्तर भारत में किया जाता है।वास्तु शास्त्र को उत्पत्ति की बात करें तो इसकी नींव विश्वकर्मा द्वारा रखी गई थी। वास्तु शास्त्र के नियम किसी भवन के निर्माण…

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वृषभ राशि के लोग व्यक्तित्व के धनी, स्वाभाव से शांत और बुद्धिमान होते हैं। इनकी चाहत पैसा, रुतबा और संपत्ति पाने की होती है। साथ ही बताते चलें कि वृषभ राशि के जातक कठोर भी होते हैं। ये लोग बड़े ही हठीले प्रवृति के होते हैं इन्हें अपनी रोज़ की दिनचर्या में किसी तरह का बदलाव करना पसंद नहीं होता है।आइये जानते हैं आखिर कैसा रहेगा वृषभ राशि के लिए नया साल :करियरवृषभ राशि के जातकों के लिए करियर के सन्दर्भ में यह साल काफी अच्छा रहेगा। इस वर्ष आपका भाग्य करियर के मामले में खूब साथ निभाएगा। पूरे साल…

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अक्सर लोग अपने भविष्य के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। सभी को अपने बीते हुए कल और वर्तमान के हालातों के बारे में ज्ञात होता है लेकिन भविष्य एक ऐसा शब्द है जो अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है। ये रहस्य तभी मालूम पड़ते हैं जब वह बीत जाये या वर्तमान में घटित होने लगे।अपने भविष्य से अनभिज्ञ हर व्यक्ति इन्हीं अनगिनत रहस्यों को उजागर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र का सहारा लेता है ताकि वे जान पाएं अपने जीवन की अनसुलझी गुत्थियों को और बना पाए यह उतार-चढ़ावों से भरा जीवन एक संतुलित…

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ब्लोइंग शंख क्या है? (What is blowing Shankh?)सभी भगवानों की तस्वीर पर गौर करें तो लगभग हर देवी-देवता के हाथों में शंख दिखाई पड़ता है। वहीँ माँ लक्ष्मी और भगवान विष्णु का तो यह सबसे प्रिय है। कहते हैं जहाँ शंख होता है वहां बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं कर सकती।प्राचीन काल से ही युद्ध और यज्ञ को शुरू करने से पहले शंखनाद किये जाने की प्रथा है। आज कल यह हर हिन्दू घर में हर पूजा में खासकर श्री हरि और लक्ष्मी माँ की पूजा में अवश्य ही शामिल होता है।शंख बजाने के फायदे (What are the benefits of Blowing…

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रोग निवारण के लिए प्रसिद्ध मंदिर-Famous Temples For Curing Diseasesक्या किसी ने कभी यह कल्पना भी की थी कि कोई बीमारी उन्हें घरों में कैद कर सकती है। हालांकि यह हमारी आज़ादी का उल्लंघन है परन्तु जीवन से ज़रूरी आखिर होगा भी क्या? कोरोना महामारी जैसी न जाने कितनी ही महामारियां सदियों से चली आ रही हैं। इसी के साथ कुछ ऐसी गंभीर बीमारियां भी हैं जिनके सामने विज्ञान भी फेल है। ऐसे में व्यक्ति को एक ही मार्ग दिखाई पड़ता है वह मार्ग है ईश्वर का मार्ग। आज हम आपको कुछ ऐसे प्रमुख मंदिरों के बारे में बताएंगे जहाँ…

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पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के लाभपंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले क्या करना चाहिएपंचमुखी रुद्राक्ष धारण कैसे करेंपंचमुखी रुद्राक्ष कौन कौन धारण कर सकता है5 मुखी रुद्राक्ष किस दिन धारण करना चाहिएपंचमुखी रुद्राक्ष की क्या कीमत हैपंचमुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक हैपंचमुखी रुद्राक्ष का मंत्र क्या हैरुद्राक्ष कौन सा अच्छा होता हैअसली रुद्राक्ष कौन सा होता हैरुद्राक्ष का पानी पीने से क्या होता हैकितने रुद्राक्ष की माला पहननी चाहिएपंचमुखी रुद्राक्ष किस धागे में पहनना चाहिएपंचमुखी रुद्राक्ष किस दिन पहनना चाहिए

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काशी की उत्पत्ति कैसे हुई? ( Kashi ki utpatti kaise hui? ) ऋग्वेद में काशी का वर्णन इस प्रकार मिलता है – ‘काशिरित्ते.. आप इवकाशिनासंगृभीता:’। पुराणों के मुताबिक पहले यह भगवान विष्णु की पुरी हुआ करती थी। परन्तु भगवान शिव ने विष्णु जी से यह अपने निवास के लिए मांग लिया था।  इसके पीछे एक पौराणिक कथा है।  एक बार जब भगवान शिव ने क्रोधित होकर ब्रह्माजी का पांचवां सिर धड़ से अलग कर दिया तो वह सिर उनके करतल से चिपक गया। कहा जाता है कि करीब बारह वर्षों तक भगवान शिव अनेक तीर्थों का भ्रमण करते रहे परन्तु…

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