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    Home » ऐसे करें पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण जीवन से दूर हो जाएंगी सभी परेशानियां
    Astrology

    ऐसे करें पांच मुखी रुद्राक्ष को धारण जीवन से दूर हो जाएंगी सभी परेशानियां

    Prabhu BhaktiBy Prabhu BhaktiJanuary 8, 2024Updated:January 8, 2024
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    पंचमुखी रुद्राक्ष | Panchmukhi Rudraksha

    Panchmukhi Rudraksha भगवान शिव के महादेव स्वरुप का प्रतीक है। यह व्यक्ति के सभी पापों और बुरे कर्मों को खत्म कर व्यक्ति को अध्यात्म की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है। पंचमुखी रुद्राक्ष में कालाग्नि नामक रूद्र का वास है, जो व्यक्ति के दैहिक रोग को समाप्त कर देता है।
     
    पंचमुखी रुद्राक्ष मनुष्य के दैहिक रोगों की समाप्ति तो करता ही है, साथ ही इसमें मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोगों में भी लाभ प्राप्त हो सकता है. इसके अलावा, पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनिद्रा की स्थिति, श्वसन संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिलता है.

    5 मुखी रुद्राक्ष पहनने नियम | panchmukhi rudraksha pehne ke niyam

    पंचमुखी रुद्राक्ष की सतह पर पांच प्राकृतिक रेखाएं होती हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, इस रुद्राक्ष के अधिपति भगवान कलाग्नि हैं, जो भगवान शिव का ही एक रूप माने जाते हैं. पंचमुखी रुद्राक्ष, भगवान शिव के पांच रूपों का प्रतीक है. 
     
    पंचमुखी रुद्राक्ष के कुछ फ़ायदे: 
    • पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और सफलता आती है.
    • यह मनुष्य के दैहिक रोगों को खत्म करता है.
    • इसमें मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोगों में भी लाभ मिलता है.
    • पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से अनिद्रा की स्थिति, श्वसन संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिलता है.
    • यह पहनने वाले के आस-पास की सभी नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट कर देता है.
    • पंचमुखी रुद्राक्ष को घर या ऑफ़िस में भी रखा जा सकता है, ताकि वातावरण में नकारात्मकता को दूर किया जा सके.
    पंचमुखी रुद्राक्ष को लाल धागे या पीले धागे में पहनना चाहिए. इसे पूर्णिमा, अमावस्या या सोमवार को धारण करना श्रेष्ठ माना जाता है. रुद्राक्ष एक, सत्ताईस, चौवन या एक सौ आठ की संख्या में धारण करना चाहिए. इसे धारण करने के बाद मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.

    आज के इस लेख में हम आपको पंचमुखी रुद्राक्ष के बारे में संक्षेप में पूरी जानकारी देंगे और साथ ही उससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब भी देंगे।

    5 मुखी रुद्राक्ष को पहनने से क्या होता है?। पंचमुखी रुद्राक्ष के लाभ | Benefits of Panchmukhi Rudraksha

    Panch Mukhi Rudraksha Benefits Weraring Rules And Importance ...
    ज्योतिष शास्त्र की मानें तो जो कोई विधिवत पंचमुख रुद्राक्ष धारण करता है, उसे मानसिक शांति मिलती है. अनावश्यक मन विचलित और परेशान नहीं रहता है. – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्‍पति के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष पहनना शुभ रहता है.

    पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के लाभ
    पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले क्या करना चाहिए
    पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कैसे करें
    पंचमुखी रुद्राक्ष कौन कौन धारण कर सकता है
    5 मुखी रुद्राक्ष किस दिन धारण करना चाहिए
    पंचमुखी रुद्राक्ष की क्या कीमत है
    पंचमुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक है
    पंचमुखी रुद्राक्ष का मंत्र क्या है
    रुद्राक्ष कौन सा अच्छा होता है
    असली रुद्राक्ष कौन सा होता है
    रुद्राक्ष का पानी पीने से क्या होता है
    कितने रुद्राक्ष की माला पहननी चाहिए
    पंचमुखी रुद्राक्ष किस धागे में पहनना चाहिए
    पंचमुखी रुद्राक्ष किस दिन पहनना चाहिए

    पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या लाभ? | Panchmukhi Rudraksha Pahanne se kya labh? 

    पंचमुखी रुद्राक्ष के कई सारे चमत्कारिक लाभ हैं जैसा कि पहले ही बताया जा चुका है यह मनुष्य के दैहिक रोगों की समाप्ति करता है। इसमें खासकर मधुमेह, स्तनशिथिलता, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोग शामिल हैं। साथ ही अनिद्रा की स्थिति, श्वसन संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिलता है। यह गुरु के उल्टे प्रभाव को कम करने में सहायक है। बताते चलें कि पंचमुखी रुद्राक्ष तनावमुक्त और सुखी जीवन प्रदान करते हुए आलस्य को दूर भगाता है।

    पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से पहले क्या करना चाहिए? | Panchmukhi Rudraksha Pehanne se pehle kya karna chahiye?

    रुद्राक्ष को पहनने से पहले व्यक्ति के शरीर और मन का शुद्धिकरण किया जाना बहुत जरुरी है।  इसे पहनने से पहले मांस-मदिरा का सेवन रोक देना चाहिए और मन-मस्तिष्क भगवान के ध्यान में अधिक लगाना चाहिए। साथ ही भगवान शिव की नियमित तौर पर पूजा किया जाना भी बेहद आवश्यक है तभी ईश्वर की कृपा अति शीघ्र प्राप्त होगी।

    कुछ ध्यान रखने वाली  बातों में ये बातें भी शामिल है जैसे- किसी दूसरे व्यक्ति को अपना रुद्राक्ष पहनने के लिए न दें। इसे हमेशा विषम संख्या में पहनना चाहिए।  

    पंचमुखी रुद्राक्ष धारण कैसे करें? | Panchmukhi Rudraksha dhaaran kaise kare? | 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि | panchmukhi rudraksha mantra

    1. पंचमुखी रुद्राक्ष की माला को पहनने के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार है।  
    2. इस दिन शिव की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं और बेलपत्री अर्पित करें।   
    3. इसके बाद दिए गए 5 मुखी धारण मंत्र का जाप करें।
                 ॐ ह्रीं क्लीं नम:
    4. यह सभी क्रिया संपन्न करने के बाद ही रुद्राक्ष धारण करें।  

    पंचमुखी रुद्राक्ष कौन कौन धारण कर सकता है? | Panchmukhi Rudraksha kaun-kaun dhaaran kar sakta hai? | पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

    ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गंभीर रोगों से जूझ रहे लोगों को पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। कला और साहित्य के क्षेत्रों से जुड़े लोगों जैसे- शिक्षक, विशेषज्ञों, पत्रकारों को यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
     

    पंचमुखी रुद्राक्ष की क्या कीमत है? | Panchmukhi Rudraksha ki kya keemat hai? 

    बाजारों में पंचमुखी रुद्राक्ष की उसके आकार से हिसाब से कीमत तय की गई। हमारे पास दो तरह की पंचमुखी रुद्राक्ष उपलब्ध है जिसमें से एक है जाप वाली Original Panchmukhi Rudraksha Mala और दूसरा है साधारण 5 मुखी रुद्राक्ष 5 mukhi rudraksha जिसको आप धागे में पहन सकते है

    पंचमुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक है? | Panchmukhi Rudraksha kiska prateek hai?

    पांच मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव महादेव स्वरूप का प्रतीक है जो नरहत्या जैसे पापों को नष्ट कर देता है।  

    पंचमुखी रुद्राक्ष का मंत्र क्या है? | Panchmukhi Rudraksha ka mantra kya hai?

    पंचमुखी रुद्राक्ष का धारण मंत्र ”ॐ ह्रीं क्लीं नम:” है। इस मंत्र का जाप करते हुए ही पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए। 

    रुद्राक्ष कौन सा अच्छा होता है? | Rudraksha kaun sa achha hota hai?

    सभी तरह के रुद्राक्ष की कोई न कोई ऐसी विशेषता है जिसे ध्यान में रखकर ही इन्हें धारण किया जाता है। इसलिए व्यक्ति को अपनी समस्या और राशि के हिसाब से रुद्राक्ष को धारण करना चाहिए।  

    असली रुद्राक्ष कौन सा होता है? | Asli Rudraksha kaun sa hota hai?

    असली रुद्राक्ष वही है जो गर्म पानी में उबालते समय रंग न छोड़े और तेल में डुबोकर रखने पर अपना रंग पहले से और अधिक गहरा दिखाए। ये दोनों ही रुद्राक्ष की पहचान करने के तरीके हैं।    

    रुद्राक्ष का पानी पीने से क्या होता है? | Rudraksha ka pani peene se kya hota hai?

    रुद्राक्ष में जीवाणु रोधी और anti-inflammatory गुण पाए जाते हैं इसलिए रुद्राक्ष का पानी पीने से व्यक्ति के इन सभी तरह रोग समाप्त हो  जाते हैं।    

    कितने रुद्राक्ष की माला पहननी चाहिए? | Kitne Rudraksha ki maala pehanni chahiye?

    वैसे तो एक ही रुद्राक्ष की माला पहनी जाती है क्योंकि एक ही रुद्राक्ष इतना अधिक प्रभावशाली है कि अधिक की आवश्यकता ही नहीं। वहीँ जाप के लिए 108+1 रुद्राक्ष वाली माला प्रयोग में लानी चाहिए।  

    रुद्राक्ष कौन से धागे में पहनना चाहिए? | Rudraksha kaun se dhaage me pehanna chahiye? | 5 mukhi रुद्राक्ष किस धागे में पहने

    रुद्राक्ष को लाल, श्वेत या पीले धागे में ही पहनना चाहिए। वहीँ बताते चलें काले धागे में रुद्राक्ष पहनना वर्जित है। 

    पंचमुखी रुद्राक्ष किसका प्रतीक है? 

    आर्थिक परेशानी दूर करने के लिए ...
    पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि पंचमुखी रुद्राक्ष भगवान शिव के 5 रूपों का प्रतीक है. मनुष्य का शरीर पंचतत्वों अग्नि, जल, वायु, आकाश व पृथ्वी से बना है. पंचमुखी रुद्राक्ष से व्यक्ति के शरीर के ये सभी पांच तत्व नियंत्रण में रहते हैं. पंचमुखी रुद्राक्ष बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभाव को समाप्त करता है.
     

    5 मुखी रुद्राक्ष में किसका वास होता है?

    Panch Mukhi Rudraksha: पंचमुखी रुद्राक्ष ...
    उन्हीं में से एक पंचमुखी रुद्राक्ष (panch mukhi rudraksha) है. कहा जाता है पंचमुखी रुद्राक्ष को विधिवत धारण करने से पंचब्रह्म की विशेष कृपा प्राप्त होती है. पंचब्रह्म में भगवान गणेश, भगवान शिव, शक्ति (देवी) भगवान विष्णु और सूर्य देव शामिल हैं.

    5 मुखी रुद्राक्ष कौन सी राशि वालों को पहनना चाहिए?

    वहीं धनु और मीन राशि के जातक 5 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
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