सौर मंडल में विराजमान मंगल (Mangal) चौथा ग्रह है जो हल्के रक्त वर्ण का होने के चलते लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। मंगल जातक को कई सारी आपदाओं से रक्षा करता है। वह व्यक्ति को शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभावों से भी बचाता है इसलिए मंगल को सेनापति की भी संज्ञा दी गई। मंगल के दो रूप हैं और इन रूपों की व्याख्या भी अलग-अलग प्रकार से की गई है। शुभता के प्रतीक मंगल के देवता हनुमान जी (Lord Hanuman) को माना गया है जबकि अशुभता के प्रतीक वाले मंगल के देवता भूत-प्रेत माने गए…
Author: Prabhu Bhakti
सब लोग अपने जीवन में अपने अच्छे वक़्त (Good Times) का बड़ी ही बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। कई बार तो हमारा अच्छा वक़्त चल रहा होता है लेकिन हम उस समय में भी बुरी स्थितियों को देखने के इतने आदि हो चुके होते हैं कि अच्छे समय के संकेतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं। जब भी अच्छा समय आता है भगवान् हमें संकेत (Signs) जरूर देते हैं, ये संकेत कोई अवसर, कोई निर्णय, कोई मुख्य व्यक्ति आइये आज आपको बताते हैं उन सकारात्मक या अच्छे संकेतों के बारे में जिन पर गौर कर कोई व्यक्ति अपने जीवन को खुशहाल…
हिन्दू धर्म में लक्ष्मी के सदैव घर में वास करने के लिए कई तरह के नियमों का उल्लेख किया गया है। जिनका यदि सख्ती से पालन किया जाए तो वह लक्ष्मी माता को प्रसन्न रख सकता है। जब माता लक्ष्मी प्रसन्न रहेंगी तो घर में सुख-शान्ति और धन-वैभव तो अवश्य ही आएगा।आज हम आपको उन्हीं नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही जातकों द्वारा की जा रही उन गलतियों के बारे में भी बताएंगे जिससे वे जाने-अनजाने में ही सही लक्ष्मी को नाखुश कर दिया करते हैं। माता लक्ष्मी बहुत ही चंचल स्वभाव की होती हैं यदि…
गंगा नदी (Ganga River) के बारे में हिन्दू धर्म के वेदों, पुराणों से लेकर महाभारत और रामायण तक में इसका वर्णन मिलता है। गंगा नदी भारत की एकमात्र ऐसी नदी है जिसका जल कभी सड़ता नहीं है। गंगा मैया (Ganga Maiya) को धार्मिक ग्रंथों में तो स्थान मिला ही हुआ है साथ ही इसके जल में जो विशेष गुण पाए जाते हैं उसके वैज्ञानिक आधार भी मौजूद है। आज हम गंगा के जन्म से लेकर इसके पवित्र होने तक के पीछे की कहानी के बारे में बात करेंगे।गंगा का जन्म कैसे हुआ ? (How is Ganga born?) गंगा (Ganga) का जन्म वैशाख…
एकादशी व्रत का महत्व (Ekadashi vrat ka mahatva) वैष्णव परंपरा (vaishnavism) से संबंध रखने वाले लोग एकादशी व्रत (Ekadashi Vrat) का पालन करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी जातक हर वर्ष आने वाले 24 एकादशी व्रत का पालन करता है उसे जीवन में किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी और आर्थिक समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही उन्हें कभी दरिद्रता का सामना भी नहीं करना पड़ता। विष्णु पुराण (Vishnu Puran) में एकादशी के बारे में कुछ इस तरह का वर्णन मिलता है कि तन-मन का बेहतर स्वास्थ्य बनाये रखने के लिए और शारीरिक सुंदरता की कामना रखने…
वैष्णव परंपरा में एकादशी का जितना महत्व है उतना ही महत्व शैव परंपरा (Shaivism) में त्रयोदशी व्रत ( Trayodashi Vrat ) का है, जिसे प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भी कहते हैं।। भगवान विष्णु के भक्त एकदाशी का व्रत रख अपनी सच्ची श्रद्धा भगवान के प्रति समर्पित करते है तो वहीं प्रदोष व्रत भगवान शिव (Bhagwan Shiva) के प्रति अपनी सच्ची श्रद्धा को समर्पित करने के लिए रखा जाता है। प्रदोष व्रत क्या होता है? ( Pradosh Vrat kya hota hai? )हिंदू पंचांग (Hindu Panchang) के मुताबिक हर माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष में आने वाली त्रयोदशी (Trayodashi) तिथि को…
भारत में भगवान् शिव (Lord Shiva) को आकार और निराकार दोनों ही रूपों में पूजा जाता है इसलिए इनके निर्गुण और सर्गुण दोनों ही तरह के भक्त हैं। महादेव की अधिकतर शैव परंपरा से संबंध रखने वाले लोग आराधना करते हैं। भारत में भगवान् शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों (12 Jyotirlingas) से जुड़े ख़ास मंदिर तो मौजूद हैं ही इसी के साथ कई ऐसे कई रहस्मयी मंदिर भी हैं जिनकी महिमा निराली है।इन्हीं रहस्यमयी मंदिरों में से एक है बोधेश्वर महादेव मंदिर (Bodheshwar Baba Mandir)। बता दें कि यह मंदिर उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में बांगरमऊ के निकट अवस्थित है।…
बुध ग्रह, ज्योतिष (Budh, Jyotish)Budh Grah Ke Lakshan – बुध सौरमंडल में मौजूद आठ ग्रहों में से सबसे छोटा और सूर्य के सबसे समीप वाला ग्रह है। बुध हल्का स्वभाव लिए हरे वर्ण का कहलाता है। बुध के अधिदेवता भगवान् विष्णु को माना जाता है। ये अपने हाथों में तलवार, गदा लिए वरमुद्रा को धारण किये हुए हैं। शुभ बुध के लक्षण (Shubh Budh ke lakshan)1. बुध शुभ हो तो बुआ और मौसी की सेहत अच्छी रहती है। 2. व्यक्ति शारीरिक रूप से सुन्दर और ज्ञानशील होता है। 3. नौकरी या व्यवसाय अच्छी स्थिति में होता है। 4. सूँघने शक्ति की बहुत तेज होती…