Author: Prabhu Bhakti

भारत के तमिलनाडु राज्य के तंजौर क्षेत्र में स्थित बृहदेश्वर मंदिर (Brihadeshwara Mandir) प्राचीन भारतीय वास्तुकला का एक अद्भुत उदहारण पेश करता है। यह भारत का एकमात्र मंदिर है जो ग्रेनाइट से निर्मित है। भगवान् शिव को समर्पित इस मंदिर को राजराजेश्वरम भी कहा जाता है। बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण इतने सुन्दर और भव्य तरीके से किया गया है कि इसे UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज (World Heritage) में स्थान प्रदान किया है। बृहदेश्वर मंदिर का इतिहास ( History of Brihadeshwara Temple )बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण सन 1003-1010 ई. के बीच चोल वंश (Chola Dynasty) के शासक राजराज प्रथम ने करवाया था।…

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भारत के सबसे प्राचीन और रहस्यमयी मंदिरों में विरुपाक्ष मंदिर ( Virupaksha Mandir ) शामिल है जो कर्नाटक राज्य की तुंगभद्रा नदी के समीप हम्पी में अवस्थित है। विरुपाक्ष में ‘विरु’ का अर्थ है – विपरीत और अक्ष से तात्पर्य है पहिया। यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह मंदिर विपरीत अक्ष वाला है। यहाँ भगवान् शिव (Lord Shiva) के विरुपाक्ष रूप की पूजा किये जाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। भगवान् विरुपाक्ष की पत्नी का नाम पंपा था जिस कारण इस मंदिर को पम्पापति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ भुवनेश्वरी और विरुपाक्ष…

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मीनाक्षी मंदिर (Meenakshi Mandir) को मीनाक्षी सुंदरेश्वरर मंदिर और अम्मां मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान् शिव और उनकी पत्नी पार्वती को समर्पित है जो देवी पार्वती के सबसे पवित्र में से एक है। इस मंदिर के आसपास ही मदुरई नामक शहर बसा हुआ है, यह भारत के सबसे प्राचीन शहरों की सूची में शामिल है।इतिहासकारों का तो यह भी मानना है कि इस शहर के व्यापारिक सम्पर्क प्राचीन यूनान और एथेंस की सभ्यताओं तक थे। जिनके बारे में संस्कृत भाषा में कुछ इस प्रकार उल्लेख किया गया है :।। कांची तु कामाक्षी,मदुरै मिनाक्षी,   दक्षिणे कन्याकुमारी…

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भारत में पेड़ पौधों को पूजे जाने की परम्परा सदियों से प्रचलन में है। पेड़-पौधे पूजनीय है ये बात तो प्राचीन काल जैसे सतयुग, त्रेतायुग में ही ईश्वर की लीलाओं के माध्यम हमें ज्ञात हो गई थी। आज हम वैश्विक जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से जूझ रहे हैं और तरह-तरह की संधियां कर पृथ्वी को प्रलय से बचाने  के प्रयासों में जुटे है पर हमारी भारतीय परंपरा तो सदियों से इनके सरंक्षण के पक्ष में रही है। आज हम बात करेंगे इन्हीं पूजनीय पेड़-पौधों में से एक आक का पौधा ( Aak Ka Paudha ) यानी Madar ka ped की।

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सनातन धर्म से संबंध रखने वाले हर व्यक्ति में मोक्ष प्राप्ति की कामना दबी हुई है। अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए वह तरह-तरह के प्रयास करता है ताकि वह इस जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाकर सीधे देवलोक को प्राप्त हो। धार्मिक ग्रंथों में मुख्यतः चार धामों के नाम (Name of Char Dham) बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम शामिल है। इन चार तीर्थ धामों की यात्रा करने की बात कही गई है।भारत में चार धाम कहाँ है? (Where is 4 Dham in India?)ये चारधाम (4 Dham) भारत (India) की चार दिशाओं में मौजूद है, उत्तर में बद्रीनाथ,…

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भारत में वैसे तो बहुसंख्यक मंदिर मौजूद है जिनसे कोई न कोई रोचक कहानी जुड़ी हुई है पर आश्चर्य की बात यह है कि विश्व का सबसे बड़ा मंदिर भारत में न होकर विदेश में स्थित है। इंडोनेशिया के कम्बोडिया में मिकांक नदी के किनारे सिमरिप शहर में स्थित अंकोरवाट(angkor wat) नामक इस मंदिर की लोकप्रियता इतनी अधिक है इसे UNESCO ने वर्ष 1992 में विश्व धरोहर (World Heritage) के रूप में भी सूचित किया है।इस मंदिर को पहले यशोधरपुर के नाम से जाना जाता था। हर साल यहाँ लाखों की संख्या में पर्यटक वास्तु शास्त्र के इस अनोखे और…

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देवभूमि उत्तराखंड के पांच ऐसे स्थल जहाँ पर नदियों का संगम हुआ उसे ही पंच प्रयाग के नाम से जाना जाता है।  पंच प्रयाग नाम से प्रसिद्ध ये जगह ख़ास तौर पर दान पुण्य और स्नान के लिए हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश वाले मार्ग से बद्रीनाथ की ओर जाते हुए आप इन पंच प्रयाग के दर्शन कर सकते हैं। ये स्थान धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही तरह से बहुत महत्वपूर्ण हैं।  पंच प्रयाग कौन-कौन से हैं? (Panch Prayag kaun-kaun se hai?)1. देव प्रयाग ( Dev Prayag )अलकनन्दा और भागीरथी नदियों का जहाँ संगम होता है वह स्थान देव प्रयाग (Dev Prayag)…

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सम्पूर्ण सृष्टि के पालनहार के नाम से प्रसिद्ध भगवान् विष्णु पहले भूमि, दूसरे अंतरिक्ष और तीसरे द्युलोक इन तीनों लोकों में वास करते हैं।  ‘विष्णु’ शब्द में विस् का अर्थ है उपस्थित होना। संसार की हर वस्तु हर कण में भगवान् विष्णु का वास है। भारत में भगवान् विष्णु को समर्पित प्रमुख सात स्थान है जिन्हें सप्तबद्री (Sapt Badri) के नाम से जाना जाता हैं।ये सभी मंदिर अलकनंदा नदी घाटी में बद्रीनाथ से करीब 24 किलोमीटर दूर दक्षिण में नंदप्रयाग तक फैले है जिसे बद्रीक्षेत्र के नाम से जाना जाता है। बता दें सप्त बद्री (Sapt Badri) में कुल 7…

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खंडोबा मंदिर का रहस्य ( Khandoba Mandir ka rahasya )भारत में पाए जाने वाले मंदिरों की ख़ास बात यह है कि यहाँ मौजूद लगभग हर मंदिर अपने साथ कोई न कोई रहस्य समेटे हुए है। भगवान् शिव (Bhagwan Shiv) के अनेकों मंदिर अपनी एक अलग पौराणिक कथा और खासियत को लेकर प्रसिद्ध है। इन्हीं मंदिरों में से एक है खंडोबा मंदिर (Khandoba Mandir) जो भगवान् शिव को समर्पित है।यह महाराष्ट्र के पुणे जिले में जेजोरी नामक नगर में अवस्थित है। मराठी भाषा में इस स्थान को ‘खंडोबाची जेजुरी’ (Khandobachi Jejuri Mandir) कहा जाता है। जेजोरी खंडोबा मंदिर (Jejuri Khandoba Temple)…

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