दक्षेश्वर महादेव मंदिर ( Daksheshwar Mahadev Mandir )भारत में अनेकों भव्य मंदिर पाए जाते हैं जिनके संबंध में कोई न कोई कहानी जुड़ी हुई है। इन मंदिरो में अधिकतर मंदिर भगवान् शिव के ही पाए जाते हैं। देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में भगवान् शिव का ऐसा ही एक मंदिर है जो दक्षेश्वर महादेव मंदिर ( Daksheshwar Mahadev Mandir ) के नाम से प्रचलित है।दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पीछे भी एक पौराणिक कथा और कई मान्यताएं हैं। वैसे तो इस मंदिर में बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं परन्तु इसके निर्माण के पीछे के कहानी के बारे में बहुत…
Author: Prabhu Bhakti
देवी लक्ष्मी (Devi Lakshmi) का जब भी नाम आता है उसे हमेशा धन के साथ जोड़कर देखा जाता है। जबकि लक्ष्मी धन, सम्पदा और वैभव के अलावा सुख-शांति की भी प्रतीक है। ये बड़े ही चंचल स्वाभाव की मानी जाती हैं और एक जगह नहीं टिकती हैं इन्हें अपने साथ बनाये रखने के लिए व्यक्ति को नियमों का पालन करना पड़ता है।माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन शुक्रवार माना जाता है जिसके पीछे भी एक ख़ास वजह है। आज हम उसी वजह के बारे में आप सभी को अवगत कराने वाले हैं :क्यों शुक्रवार का…
सप्तपुरी क्या है | Sapta Puri kya hai हिन्दू धर्म में मोक्ष पाने को बेहद महत्व दिया जाता है। हिन्दू पुराणों के अनुसार सात ऐसी पुरियों (Sapta Puri) का निर्माण किया गया है, जहां इंसान को मुक्ति प्राप्त होती है। मोक्ष यानी कि मुक्ति, जो इंसान को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति देती है। इन मोक्ष दायिनी पुरियों में शरीर त्यागना मनुष्य जीवन के लिए सभी मूल्यवान वस्तुओं से ऊपर है। व्यक्ति जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति पाने के लिए लाख प्रयास करता है इसके बाद भी कोई यह नहीं जान पाता कि उसे मोक्ष (Moksha) की प्राप्ति हुई या नहीं।…
समुद्र मंथन क्या है? ( What is Samudra Manthan? )संसार की रचना से पूर्व कई ऐसी घटनाएं हुई जिसका उल्लेख हिन्दू धर्म में मिलता है, इसमें से एक है समुद्र मंथन (Samudra Manthan) की घटना। मंथन का शाब्दिक अर्थ होता है बिलौना या किसी गूढ़ तत्व की गहरी छानबीन इस प्रकार समुद्र मंथन से तातपर्य है समुद्र में किसी गूढ़ तत्व को ढूंढने की प्रक्रिया।जब सृष्टि का सृजन किया जाना था तब उस सृष्टि में सभी वस्तुओं और तत्वों को एक व्यवस्थित रूप देने के लिए समंदर में मंथन करने की योजना बनाई गई जिसका ज़िक्र आज हम करने वाले…
भारत के तमिलनाडु राज्य के तंजौर क्षेत्र में स्थित बृहदेश्वर मंदिर (Brihadeshwara Mandir) प्राचीन भारतीय वास्तुकला का एक अद्भुत उदहारण पेश करता है। यह भारत का एकमात्र मंदिर है जो ग्रेनाइट से निर्मित है। भगवान् शिव को समर्पित इस मंदिर को राजराजेश्वरम भी कहा जाता है। बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण इतने सुन्दर और भव्य तरीके से किया गया है कि इसे UNESCO ने वर्ल्ड हेरिटेज (World Heritage) में स्थान प्रदान किया है। बृहदेश्वर मंदिर का इतिहास ( History of Brihadeshwara Temple )बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण सन 1003-1010 ई. के बीच चोल वंश (Chola Dynasty) के शासक राजराज प्रथम ने करवाया था।…
भारत के सबसे प्राचीन और रहस्यमयी मंदिरों में विरुपाक्ष मंदिर ( Virupaksha Mandir ) शामिल है जो कर्नाटक राज्य की तुंगभद्रा नदी के समीप हम्पी में अवस्थित है। विरुपाक्ष में ‘विरु’ का अर्थ है – विपरीत और अक्ष से तात्पर्य है पहिया। यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि यह मंदिर विपरीत अक्ष वाला है। यहाँ भगवान् शिव (Lord Shiva) के विरुपाक्ष रूप की पूजा किये जाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है। भगवान् विरुपाक्ष की पत्नी का नाम पंपा था जिस कारण इस मंदिर को पम्पापति मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ भुवनेश्वरी और विरुपाक्ष…
मीनाक्षी मंदिर (Meenakshi Mandir) को मीनाक्षी सुंदरेश्वरर मंदिर और अम्मां मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान् शिव और उनकी पत्नी पार्वती को समर्पित है जो देवी पार्वती के सबसे पवित्र में से एक है। इस मंदिर के आसपास ही मदुरई नामक शहर बसा हुआ है, यह भारत के सबसे प्राचीन शहरों की सूची में शामिल है।इतिहासकारों का तो यह भी मानना है कि इस शहर के व्यापारिक सम्पर्क प्राचीन यूनान और एथेंस की सभ्यताओं तक थे। जिनके बारे में संस्कृत भाषा में कुछ इस प्रकार उल्लेख किया गया है :।। कांची तु कामाक्षी,मदुरै मिनाक्षी, दक्षिणे कन्याकुमारी…
भारत में पेड़ पौधों को पूजे जाने की परम्परा सदियों से प्रचलन में है। पेड़-पौधे पूजनीय है ये बात तो प्राचीन काल जैसे सतयुग, त्रेतायुग में ही ईश्वर की लीलाओं के माध्यम हमें ज्ञात हो गई थी। आज हम वैश्विक जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से जूझ रहे हैं और तरह-तरह की संधियां कर पृथ्वी को प्रलय से बचाने के प्रयासों में जुटे है पर हमारी भारतीय परंपरा तो सदियों से इनके सरंक्षण के पक्ष में रही है। आज हम बात करेंगे इन्हीं पूजनीय पेड़-पौधों में से एक आक का पौधा ( Aak Ka Paudha ) यानी Madar ka ped की।
सनातन धर्म से संबंध रखने वाले हर व्यक्ति में मोक्ष प्राप्ति की कामना दबी हुई है। अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए वह तरह-तरह के प्रयास करता है ताकि वह इस जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाकर सीधे देवलोक को प्राप्त हो। धार्मिक ग्रंथों में मुख्यतः चार धामों के नाम (Name of Char Dham) बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथ पुरी और रामेश्वरम शामिल है। इन चार तीर्थ धामों की यात्रा करने की बात कही गई है।भारत में चार धाम कहाँ है? (Where is 4 Dham in India?)ये चारधाम (4 Dham) भारत (India) की चार दिशाओं में मौजूद है, उत्तर में बद्रीनाथ,…