Author: Prabhu Bhakti

Mantr Jaap Benefits | मंत्र जाप के फायदे हमारे शास्त्रों में अपनी इन्द्रियों को नियंत्रण में रखने का एकमात्र उपाय जाप (Mantr Jaap) बताया गया है। किसी भी व्यक्ति का मन इतना चंचल होता है कि भले ही शरीर एक स्थान पर हो परन्तु मन देश-विदेशों की सैर तक कर आता है। भटकता हुआ यह मन हमें सकारत्मक अनुभव कराता है तो हमें दुःखी करने के लिए नकारात्मक विचारों की भी सुनामी सी ला देता है।फिर इसे रोकने के लिए व्यक्ति अपने आप को व्यस्त रखने के प्रयास करता है। तरह-तरह के कामों में उलझ जाता है और अपनी परवाह…

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Shani Dev & Hanuman Story : हनुमान जी और शनिदेव का क्या संबंध है? Hanuman aur Shani dev ki kahani – हिन्दू धर्म में जहाँ एक तरफ हनुमान जी ( Hanuman Ji ) को संकटमोचक की संज्ञा दी गई है तो वहीँ शनि देव न्याय के देवता कहे गए है। व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देने वाले शनिदेव ( Shani Dev ) का हनुमान जी से एक ख़ास संबंध है जिसके कारण जब भी किसी व्यक्ति पर शनि का प्रकोप हावी होता है तो उसे हनुमान जी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। आइये जानते…

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संकटमोचक ( Sankat Mochan ) कहे जाने वाले हनुमान जी ( Hanuman Ji ) की माँ अंजना ( Maa Anjana ) अपने पूर्व जन्म में एक अप्सरा हुआ करती थीं लेकिन अपनी एक भूल के चलते उन्हें ऋषि के श्राप को भोगना पड़ा था। इसी श्राप के चलते उन्होंने विरज नामक वानर राजा के घर में एक वानरी के रूप में जन्म लिया था। आइये जानते है एक अप्सरा की वानरी बनने की कहानी के बारे में :अंजनी माता की कहानी ( Anjani Mata ki Kahani )एक बार की बात है देवराज इंद्र ( Devraj Indra ) की सभा लगी…

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हिन्दू धर्म में पीपल ( Pipal ) के पेड़ को देव वृक्ष की संज्ञा यूँही नहीं दी है, इस वृक्ष में हिन्दू धर्म के समस्त देवी देवताओं का वास होता है। साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह वृक्ष बहुत ख़ास है क्योंकि यह पर्यावरण की रक्षा में भी अपना अहम योगदान देता है। हमारे समाज में पेड़-पौधों की पूजा किये जाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।इसके पीछे कोई धार्मिक महत्व हो या वैज्ञानिक पर सच तो यही है भारतीय संस्कृति पर्यावरण के लिए चलाये जा रहे इन अभियानों से बहुत पहले ही इस बात से अवगत…

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वस्तुओं और सेवाओं के बढ़ते दामों के इस कठिन दौर में आम व्यक्ति दो वक़्त की रोटी का इंतजाम भी बड़ी मुश्किल से कर पा रहा है। परिवार की बढ़ती जरूरतें कई बार व्यक्ति को बैंक से या रिश्तेदारों से पैसा उधार (Loan) लेने पर मजबूर कर देती है। फिर उधार लिए गए उस पैसे पर लगा ब्याज बोझ को कभी उतरने ही नहीं देता है।ऐसा लगता है मानों कन्धों पर कर्ज (Loan) का बोझ लदता ही जा रहा है। कर्ज न चुका पाने की स्थिति में व्यक्ति मानसिक चिंताओं से बुरी तरह से घिर जाता हैं। यह चिंताएं जीवन…

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दक्षेश्वर महादेव मंदिर ( Daksheshwar Mahadev Mandir )भारत में अनेकों भव्य मंदिर पाए जाते हैं जिनके संबंध में कोई न कोई कहानी जुड़ी हुई है। इन मंदिरो में अधिकतर मंदिर भगवान् शिव के ही पाए जाते हैं। देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड में भगवान् शिव का ऐसा ही एक मंदिर है जो दक्षेश्वर महादेव मंदिर ( Daksheshwar Mahadev Mandir ) के नाम से प्रचलित है।दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पीछे भी एक पौराणिक कथा और कई मान्यताएं हैं। वैसे तो इस मंदिर में बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं परन्तु इसके निर्माण के पीछे के कहानी के बारे में बहुत…

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देवी लक्ष्मी (Devi Lakshmi) का जब भी नाम आता है उसे हमेशा धन के साथ जोड़कर देखा जाता है। जबकि लक्ष्मी धन, सम्पदा और वैभव के अलावा सुख-शांति की भी प्रतीक है। ये बड़े ही चंचल स्वाभाव की मानी जाती हैं और एक जगह नहीं टिकती हैं इन्हें अपने साथ बनाये रखने के लिए व्यक्ति को नियमों का पालन करना पड़ता है।माता लक्ष्मी (Mata Lakshmi) की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन शुक्रवार माना जाता है जिसके पीछे भी एक ख़ास वजह है। आज हम उसी वजह के बारे में आप सभी को अवगत कराने वाले हैं :क्यों शुक्रवार का…

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सप्तपुरी क्या है | Sapta Puri kya hai हिन्दू धर्म में मोक्ष पाने को बेहद महत्व दिया जाता है। हिन्दू पुराणों के अनुसार सात ऐसी पुरियों (Sapta Puri) का निर्माण किया गया है, जहां इंसान को मुक्ति प्राप्त होती है। मोक्ष यानी कि मुक्ति, जो इंसान को जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति देती है। इन मोक्ष दायिनी पुरियों में शरीर त्यागना मनुष्य जीवन के लिए सभी मूल्यवान वस्तुओं से ऊपर है। व्यक्ति जीवन-मरण के चक्र से मुक्ति पाने के लिए लाख प्रयास करता है इसके बाद भी कोई यह नहीं जान पाता कि उसे मोक्ष (Moksha) की प्राप्ति हुई या नहीं।…

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समुद्र मंथन क्या है? ( What is Samudra Manthan? )संसार की रचना से पूर्व कई ऐसी घटनाएं हुई जिसका उल्लेख हिन्दू धर्म में मिलता है, इसमें से एक है समुद्र मंथन (Samudra Manthan) की घटना। मंथन का शाब्दिक अर्थ होता है बिलौना या किसी गूढ़ तत्व की गहरी छानबीन इस प्रकार समुद्र मंथन से तातपर्य है समुद्र में किसी गूढ़ तत्व को ढूंढने की प्रक्रिया।जब सृष्टि का सृजन किया जाना था तब उस सृष्टि में सभी वस्तुओं और तत्वों को एक व्यवस्थित रूप देने के लिए समंदर में मंथन करने की योजना बनाई गई जिसका ज़िक्र आज हम करने वाले…

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