Author: Prabhu Bhakti
नारियल (Nariyal) एक ऐसा उपयोगी फल है जिसे खाने में भी प्रयोग में लाया जाता है, एक औषधि के रूप में भी यह रामबाण इलाज है और इसके पानी को भी स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। इतना ही नहीं हिन्दू धर्म में लगभग सभी मांगलिक कार्यों में इसके प्रयोग का अपना अलग महत्व है। श्रीफल (Shri Phal) के नाम से जाना जाने वाला यह फल त्रीदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है।दूसरे शब्दों में कहें तो नारियल (Nariyal) एक बेहद उपयोगी फल है जो भारत के तटीय क्षेत्र जैसे- गोवा, केरल, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में…
मनुष्य का अहंकार उसके विनाश का एक बड़ा कारण बन सकता है क्योंकि अहंकार से ही हमारे भीतर कई ऐसे विचार जन्म लेते हैं जो बर्बादी की कगार पर ला खड़ा करते हैं। कलयुग में अहंकार शब्द बहुत ही सामान्य है परन्तु सतयुग में जब किसी देवी-देवता को अहंकार होता था तो तुरंत ही उन्हें कोई न कोई ऐसा सबक मिल जाता था जिससे भीतर पनपे अहंकार के गुण समाप्त हो जाते थे। ऐसी अनेकों पौराणिक कथाओं में से आज हम आपके लिए लेकर आएं हैं देवर्षि नारद (Devarshi Narad) के अहंकार से जुड़ी एक कहानी। नारद मुनि के अहंकार की…
पौष मास का महत्व ( Paush Mahine ka Mahatva )हिन्दू धर्म में हर माह कृष्ण पक्ष ( Krishna Paksha ) की अंतिम या पन्द्रवीं तिथि को अमावस्या ( Amavasya ) पड़ती है जिसका बहुत अधिक महत्व बताया गया है। अमावस्या के बारे में कहा जाता है कि यह पितरों को मोक्ष ( Moksha )प्रदान करती है। जिस कारण अमावस्या के दिन स्नान आदि करने के पश्चात पूजन और जप करना बहुत शुभ माना जाता है।इन अमावस्या में भी पौष माह ( Paush Mahina ) की अमावस्या सबसे ख़ास होती है। पौष माह की अमावस्या शीघ्र और शुभ फल प्रदान करती…
Mantr Jaap Benefits | मंत्र जाप के फायदे हमारे शास्त्रों में अपनी इन्द्रियों को नियंत्रण में रखने का एकमात्र उपाय जाप (Mantr Jaap) बताया गया है। किसी भी व्यक्ति का मन इतना चंचल होता है कि भले ही शरीर एक स्थान पर हो परन्तु मन देश-विदेशों की सैर तक कर आता है। भटकता हुआ यह मन हमें सकारत्मक अनुभव कराता है तो हमें दुःखी करने के लिए नकारात्मक विचारों की भी सुनामी सी ला देता है।फिर इसे रोकने के लिए व्यक्ति अपने आप को व्यस्त रखने के प्रयास करता है। तरह-तरह के कामों में उलझ जाता है और अपनी परवाह…
Shani Dev & Hanuman Story : हनुमान जी और शनिदेव का क्या संबंध है? Hanuman aur Shani dev ki kahani – हिन्दू धर्म में जहाँ एक तरफ हनुमान जी ( Hanuman Ji ) को संकटमोचक की संज्ञा दी गई है तो वहीँ शनि देव न्याय के देवता कहे गए है। व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देने वाले शनिदेव ( Shani Dev ) का हनुमान जी से एक ख़ास संबंध है जिसके कारण जब भी किसी व्यक्ति पर शनि का प्रकोप हावी होता है तो उसे हनुमान जी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। आइये जानते…
संकटमोचक ( Sankat Mochan ) कहे जाने वाले हनुमान जी ( Hanuman Ji ) की माँ अंजना ( Maa Anjana ) अपने पूर्व जन्म में एक अप्सरा हुआ करती थीं लेकिन अपनी एक भूल के चलते उन्हें ऋषि के श्राप को भोगना पड़ा था। इसी श्राप के चलते उन्होंने विरज नामक वानर राजा के घर में एक वानरी के रूप में जन्म लिया था। आइये जानते है एक अप्सरा की वानरी बनने की कहानी के बारे में :अंजनी माता की कहानी ( Anjani Mata ki Kahani )एक बार की बात है देवराज इंद्र ( Devraj Indra ) की सभा लगी…
हिन्दू धर्म में पीपल ( Pipal ) के पेड़ को देव वृक्ष की संज्ञा यूँही नहीं दी है, इस वृक्ष में हिन्दू धर्म के समस्त देवी देवताओं का वास होता है। साथ ही वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह वृक्ष बहुत ख़ास है क्योंकि यह पर्यावरण की रक्षा में भी अपना अहम योगदान देता है। हमारे समाज में पेड़-पौधों की पूजा किये जाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।इसके पीछे कोई धार्मिक महत्व हो या वैज्ञानिक पर सच तो यही है भारतीय संस्कृति पर्यावरण के लिए चलाये जा रहे इन अभियानों से बहुत पहले ही इस बात से अवगत…
वस्तुओं और सेवाओं के बढ़ते दामों के इस कठिन दौर में आम व्यक्ति दो वक़्त की रोटी का इंतजाम भी बड़ी मुश्किल से कर पा रहा है। परिवार की बढ़ती जरूरतें कई बार व्यक्ति को बैंक से या रिश्तेदारों से पैसा उधार (Loan) लेने पर मजबूर कर देती है। फिर उधार लिए गए उस पैसे पर लगा ब्याज बोझ को कभी उतरने ही नहीं देता है।ऐसा लगता है मानों कन्धों पर कर्ज (Loan) का बोझ लदता ही जा रहा है। कर्ज न चुका पाने की स्थिति में व्यक्ति मानसिक चिंताओं से बुरी तरह से घिर जाता हैं। यह चिंताएं जीवन…