दुर्गियाना मंदिर कहाँ है? ( Durgiyana Mandir kahan hai? )
दुर्गियाना मंदिर (Durgiana Mandir) पंजाब के अमृतसर (Amritsar) प्रान्त में लोहगढ़ के पास मौजूद एक बहुत ही लोकप्रिय मंदिर है। जिसे लक्ष्मीनारायण मंदिर, दुर्गा तीर्थ और शीतला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर का नाम दुर्गियाना इसलिए रखा गया क्योंकि यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है। देवी दुर्गा पार्वती का विशाल और विकराल रूप है जिनका जन्म राक्षसों और असुरों के सर्वनाश के लिए हुआ था।
अमृतसर में दुर्गियाना मंदिर का निर्माण किसने करवाया? ( Who built Durgiana Temple in Amritsar? )
दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक दुर्गियाना मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण 16वीं शताब्दी में किया गया और इसका पुनर्निर्माण 20वीं शताब्दी यानी साल 1921 में गुरु हरसाई मल कपूर द्वारा एकत्रित किये गए धन से हुआ था। सबसे ख़ास बात यह कि इसके स्थापत्य की नींव गंगा दशमी के दिन साल 1925 में प्रसिद्ध समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा रखी गई।
दुर्गियाना मंदिर की वास्तुकला (Architect of Durgiana Temple in hindi)
दुर्गियाना मंदिर की वास्तुकला (Durgiana mandir ki vastukala) अमृतसर के सर्वप्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) की तर्ज पर आधारित है। मंदिर में कांगड़ा शैली की चित्रकला और शीशे का अद्भुत कार्य सभी को अपनी ओर आकर्षित कर देने वाला है। मंदिर के विशाल दरवाजे चांदी के और दीवारें संगमरमर की बनी हुई हैं। चांदी की नक्काशी के कारण इसे रजत या सिल्वर मंदिर भी कहते हैं। दुर्गियाना मंदिर का निर्माण झील के बिल्कुल बीचों बीच करवाया गया है। इसके क्षेत्रफल की बात करें तो यह 160 मीटर x 130 मीटर के करीब है। यहाँ की रंगीन लाइट रात्रि के समय इस मंदिर की ख़ूबसूरती में चार चाँद लगा देती हैं।
मंदिर की विशेषताएं :
यहाँ मंदिर में सबसे पहले प्रवेश करते ही एक अखंड प्रज्वलित दिखाई देगी। इस स्थान पर दुर्गा के अन्य रूप कहे जाने वाले शीतला माता की पूजा-अर्चना की जाती है। इधर परिसर में माता सीता और हनुमान के मंदिर भी है। इसी के साथ लक्ष्मी नारायण मंदिर सरोवर के ठीक मध्य में दिखाई देगा जिसकी छतरी और गुम्बद। आपको यह भी बता दें कि मंदिर तक पहुँच सुलभ बनाने के लिए एक पुल भी बनाया गया है।
मंदिर की विशेषताएं :
यहाँ मंदिर में सबसे पहले प्रवेश करते ही एक अखंड प्रज्वलित दिखाई देगी। इस स्थान पर दुर्गा के अन्य रूप कहे जाने वाले शीतला माता की पूजा-अर्चना की जाती है। इधर परिसर में माता सीता और हनुमान के मंदिर भी है। इसी के साथ लक्ष्मी नारायण मंदिर सरोवर के ठीक मध्य में दिखाई देगा जिसकी छतरी और गुम्बद। आपको यह भी बता दें कि मंदिर तक पहुँच सुलभ बनाने के लिए एक पुल भी बनाया गया है।
दुर्गियाना मंदिर तक कैसे पहुंचे? (How to reach Durgiana Temple?)
दुर्गियाना मंदिर अमृतसर में अवस्थित ह और अमृतसर रेलवे स्टेशन से इसकी दूरी लगभग डेढ़ किलोमीटर है। वहीँ हवाई यात्रा की बात करें तो अमृतसर का एयरपोर्ट राजा सांसी एयरपोर्ट है और यह भारत के सभी प्रमुख शहरों से संपर्क है। यदि आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं तो अमृतसर नेशनल हाइवे 1 राजधानी दिल्ली और अमृतसर को आपस में जोड़ता है।
( भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के विशाल दुर्गा रूप का जन्म अच्छाई पर बुराई की जीत के लिए हुआ था। जो भी देवी दुर्गा की पूजा सच्चे मन से करता है उन्हें देवी सभी बुरी शक्तियों से बचाती है। यदि आप अपने शत्रुओं से परेशान है, घर में नकरात्मक ऊर्जा से गृह कलेश हो रहे हैं तो आपको Durga Kavach अवश्य ही धारण करना चाहिए।। )
( भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती के विशाल दुर्गा रूप का जन्म अच्छाई पर बुराई की जीत के लिए हुआ था। जो भी देवी दुर्गा की पूजा सच्चे मन से करता है उन्हें देवी सभी बुरी शक्तियों से बचाती है। यदि आप अपने शत्रुओं से परेशान है, घर में नकरात्मक ऊर्जा से गृह कलेश हो रहे हैं तो आपको Durga Kavach अवश्य ही धारण करना चाहिए।। )