पारस पत्थर क्या है? ( Paras Pathar kya hai? )
पारस पत्थर ( Paras Pathar ) एक ऐसा पत्थर है जो लोहे को भी सोना बना देता है। माना जाता है कि यह एक ऐसा पत्थर है जिसके प्रयोग से कई राजाओं ने लोहे को भी सोने में बदल दिया था। लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि आखिर ये पारस पत्थर कहाँ से आया था और अब कहाँ है? क्या पारस पत्थर समुद्र मंथन ( Samudra Manthan ) से ही निकला था या फिर इसका कोई और रहस्य है? आज हम आपको पारस पत्थर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके छूते ही लोहा भी सोने में बदल जाता था।
पारस पत्थर किस राजा के पास था? ( Paras Paras Pathar kis Raja ke paas tha? )
दोस्तों पारस पत्थर के बारे में कई अलग अलग किवदंतियां है, साथ ही कई लोग इस बात का दावा भी करते हैं कि राजस्थान का एक किला है। इस किले के पास एक मंदिर स्थापित है, जहां पर एक झील बनी हुई है। माना जाता है कि आज भी इस मंदिर के पास बनी झील के अंदर वह पारस पत्थर ( Paras Pathar ) मौजूद है। लोगों का ये भी कहना है कि राजस्थान के एक किले के राजा रायसेन के पास ही वह पारस पत्थर मौजूद था। वह अक्सर लोगों से “कर” के रूप में पैसे नहीं बल्कि पुराना लोहा लेते थे और इस लोहे को पारस पत्थर की मदद से सोने में बदल देते थे।
राजा रायसेन के पास बहुत सा खजाना होने के कारण एक दिन उनके किले पर आक्रमण हुआ। बताया जाता है कि पारस पत्थर को बचाने के लिए राजा ने उसे अपने पुरोहित को दे दिया था। पुरोहित ने राजा द्वारा दिए गए Paras pathar को एक साधारण पत्थर समझकर झील में फेंक दिया था।
राजा रायसेन के पास बहुत सा खजाना होने के कारण एक दिन उनके किले पर आक्रमण हुआ। बताया जाता है कि पारस पत्थर को बचाने के लिए राजा ने उसे अपने पुरोहित को दे दिया था। पुरोहित ने राजा द्वारा दिए गए Paras pathar को एक साधारण पत्थर समझकर झील में फेंक दिया था।
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पारस पत्थर की क्या पहचान है? – पारस पत्थर की पहचान क्या है – पारस पत्थर कैसे पहचाने? ( Paras Pathar ki kya pehchan hai? )
पारस पत्थर एक ऐसा अद्भुत काले रंग का सुगन्धित चमकता पत्थर है जो लोहे को स्वर्ण में तब्दील कर देता है क्योंकि जब राजा को इस बात का पता चला तो उन्होंने पारस पत्थर की खोज में हाथियों पर लोहे की जंजीर लटका कर इस तालाब में उतारा। काफी देर तक पारस पत्थर की तालाश की गयी, इसके बाद जब हाथ इस तालाब से बाहर आये तो कुछ ऐसा हुआ जिसे देख सभी के होश उड़ गए।
दरअसल एक हाथी पर लगी लोहे की चैन सोने में तब्दील हो चुकी थी। इसके बाद फिर से तालाब में पारस पत्थर को ढूंढा गया लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी पारस पत्थर उनके हाथ नहीं लगा। माना जाता है कि आज भी ये पत्थर इस झील में मौजूद है जिसको ढूंढने आज भी कई लोग यहां आते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस किले के आसपास से आज भी सोना मिलता है इसलिए ये भी कहा जाता है कि इस किले की मिट्टी सोना उगलती है।
पारस पत्थर के बारे में एक किवदंती ये भी है कि कहा जाता है कि Paras patthar मध्प्रदेश के रायसेन के किले में आज भी मौजूद है। जो भी इस किले के अंदर पारस पत्थर की तालाश में जाता है तो उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। आखिर ऐसा क्यों होता है ये आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
वहीँ कहते हैं कि पारस पत्थर ( Paras patthar ) भगवान विष्णु ( Bhagwan Vishnu ) के पास था। जिसे एक राजा ने तपस्या करके भगवान विष्णु से प्राप्त किया था। दोस्तों पारस पत्थर का वर्णन केवल हिन्दू मान्यताओं में ही नहीं हुआ बल्कि अन्य धर्मों में भी पारस पत्थर के होने को माना गया है।
लेकिन क्या वाकई में पारस पत्थर था? जिसकी मदद से राजाओं ने लोहे को भी सोने में बदल दिया था या फिर लोहे को सोने में बदलने की कोई रासायनिक तकनीक थी ? पारस पत्थर आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
दरअसल एक हाथी पर लगी लोहे की चैन सोने में तब्दील हो चुकी थी। इसके बाद फिर से तालाब में पारस पत्थर को ढूंढा गया लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी पारस पत्थर उनके हाथ नहीं लगा। माना जाता है कि आज भी ये पत्थर इस झील में मौजूद है जिसको ढूंढने आज भी कई लोग यहां आते हैं। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस किले के आसपास से आज भी सोना मिलता है इसलिए ये भी कहा जाता है कि इस किले की मिट्टी सोना उगलती है।
पारस पत्थर के बारे में एक किवदंती ये भी है कि कहा जाता है कि Paras patthar मध्प्रदेश के रायसेन के किले में आज भी मौजूद है। जो भी इस किले के अंदर पारस पत्थर की तालाश में जाता है तो उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। आखिर ऐसा क्यों होता है ये आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
वहीँ कहते हैं कि पारस पत्थर ( Paras patthar ) भगवान विष्णु ( Bhagwan Vishnu ) के पास था। जिसे एक राजा ने तपस्या करके भगवान विष्णु से प्राप्त किया था। दोस्तों पारस पत्थर का वर्णन केवल हिन्दू मान्यताओं में ही नहीं हुआ बल्कि अन्य धर्मों में भी पारस पत्थर के होने को माना गया है।
लेकिन क्या वाकई में पारस पत्थर था? जिसकी मदद से राजाओं ने लोहे को भी सोने में बदल दिया था या फिर लोहे को सोने में बदलने की कोई रासायनिक तकनीक थी ? पारस पत्थर आज भी एक रहस्य बना हुआ है।
पारस पत्थर कैसा होता है | Paras Pathar kaisa hota hai
पारस पत्थर एक मिथकीय पत्थर है जिसके बारे में यह मान्यता है कि यह धातुओं को सोने में बदल सकता है।
पारस पत्थर कहां मिलेगा | Paras Pathar kahan milega
Paras pathar के बारे में एक किवदंती ये भी है कि कहा जाता है कि पारस पत्थर मध्प्रदेश के रायसेन के किले में आज भी मौजूद है। जो भी इस किले के अंदर पारस पत्थर की तालाश में जाता है तो उसका मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है।
पारस पत्थर कैसे मिलेगा | Paras Patthar kaise milega – paras pathar kahan milta hai
कहा जाता है कि ये Paras pathar अब भी किले में मौजूद है और इसकी रखवाली जिन्न करते हैं। जो लोग पारस पत्थर की तलाश में किले में गए उनकी मानसिक हालत खराब हो गई। कहा जाता है कि किले के खजाने का आज तक पता नहीं लग पाया है। इसकी तलाश में आज भी किले में रात में गुनियां (एक तरह से तांत्रिक) की मदद से खुदाई होती है।
पारस पत्थर का शिवलिंग | Paras Patthar ka shivling
माना जाता है कि यह शिवलिंग पारस के पत्थर से बना है। पारस का पत्थर ऐसा होता है कि लोह को भी सोना बना देता है। पशुपति मंदिर में चारों दिशाओं में एक मुख और एकमुख ऊपर की ओर है। हर मुख के दाएं हाथ में रुद्राक्ष की माला और बाएं हाथ में कमंडल मौजूद है।
पारस पत्थर का फोटो दिखाइए | Paras Patthar ka photo dekhaiye –
पारस पत्थर का रहस्य | Paras Patthar ka rahasay
कहते हैं कि राजा राजसेन के पास Paras patthar था, जो लोहे को भी सोना बना सकता था. आज भी लोगों इस पारस पत्थर की तलाश में आते हैं. पत्थर की तलाश में लोगों ने इस किले को जगह -जगह से खोद डाला हैं. पारस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि किले के अंदर कई रूहानी ताकतें इस पत्थर की रक्षा कर रही हैं.
पारस पत्थर का रंग कैसा होता है | Paras Patthar ka rang kaisa hota hai
सामान्य रूप से कहा जाता है कि पारस पत्थर ( Paras patthar )का रंग लाल चमकीला होता है।
क्या पारस पत्थर सच में है? | Kya Paras Pathar sach mein hai
पारस पत्थर एक मिथकीय पत्थर है जिसके बारे में यह मान्यता है कि यह धातुओं को सोने में बदल सकता है।
पारस पत्थर की सच्चाई क्या है? | Paras Patthar ki sachaee kya hai
पारस पत्थर एक पहेली है। आज तक इस रहस्य को कोइ नहीं जान पाया और जिसने जाना अब वह इस दुनिया मे नहि है परन्तु कह्ते हैं कि पारस कि खोज अब तक जारी है। एटॉमिक संरचना की मानी जाये तो कोई ऐसा Paras pathar नहीं होता है जो लोहे को सोना बना दे। यह काले रंग का सुगन्धित पत्थर है तथा यह दुर्लभ व बहुमूल्य होता है।
पारस पत्थर कौन सी नदी में है? | Paras patthar konse nadi ( river) me hai
एच. जी. होम्स ने अपनी पुस्तक ‘द हाइलैंड्स ऑफ़ अननोन इंडिया’ में इस बात को स्वीकारा है कि नर्मदा के गुल-बकावली के प्रवाह के आस-पास ही पारस पत्थर मौजूद है।
पारस पत्थर की कहानी | Paras Pathar ki kahani
पारस ने लोहे को तो कंचन किया ही, उसके साथ ही अपने स्वामी को भी निहाल कर दिया था। नि:स्वार्थ सेवा का ऐसा जज़्बा पारस के अतिरिक्त और किसके पास हो सकता था। इसलिए सेवक तथा उसके सेवा भाव को परखिए और अपना जीवन भी सार्थक करिए। मंडन लोहार ने भी उस बदरूप पत्थर को पहचाना और उसे अंगीकार किया।