पंचमुखी रुद्राक्ष क्या है? ( What is Panchmukhi Rudraksha? )
पंचमुखी रुद्राक्ष ( Panch mukhi Rudraksha ) में भगवान शिव के वृष पर विराजमान पंचमुखी महादेव स्वरूप का वास होता है और इस रुद्राक्ष का प्रतिनिधित्व रूद्र कालाग्नि करते हैं। इसमें पञ्च देवों का वास होने के कारण इसे शिव के आत्म-स्वरूप की संज्ञा भी दी गई है। यह रुद्राक्ष सर्वगुण संपन्न माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव का सबसे प्रिय रुद्राक्ष है। पंचमुखी रुद्राक्ष का अधिपति गृह बृहस्पति है।
पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है? ( Panchmukhi Rudraksha pahnne se kya hota hai? )
पंचमुखी रुद्राक्ष ( Panch mukhi Rudraksh ) पहनने से व्यक्ति अपनी बहुत सारी परेशानियों से मुक्ति पा सकता है, भगवान शिव के समीप पहुँच सकता है और अपना जीवन सुखी-समृद्ध बना सकता है। अब हम नीचे जानेंगे कि पंचमुखी रुद्राक्ष को पहनने से किस प्रकार व्यक्ति सुखी जीवन की ओर चल सकता है।
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5 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे | 5 Mukhi Rudraksha benefits in hindi – 5 mukhi rudraksha benefits in hindi
1. पंचमुखी रुद्राक्ष भौतिक संकटों और दैहिक रोग को समाप्त करने में लाभाकरी माना जाता है।
2. यह रुद्राक्ष मधुमेह, स्तनशिथिलता, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोगों से बचाव करता है।
3. 5 Mukhi Rudraksha ke fayde में एक फायदा है कि यह व्यक्ति के तनाव को कम कर मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
4. जीवन से नकारात्मकता को दूर कर अध्यात्म की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है।
5. यदि जातक की कुंडली में बृहस्पति का प्रतिकूल प्रभाव है तो उसे पंचमुखी रुद्राक्ष अवश्य ही धारण करना चाहिए।
6. यह अनिद्रा की समस्या से निजात दिलाने में सहायक है।
7. यह नरहत्या के दोषों को दूर करने में सक्षम है। ये सभी अद्भुत Panchmukhi Rudraksha ke fayde हैं।
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पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम ( Rules of wearing Panchmukhi Rudraksha in hindi )
1. पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के लिए व्यक्ति का सात्विक रहना अनिवार्य है।
2. मांस-मदिरा और तामसिक भोजन ग्रहण वर्जित है।
3. मन में किसी के लिए द्वेष भाव या अहंकार नहीं होना चाहिए।
4. नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
5. इसे शमशान, शवयात्रा, शौचालय में न पहनें।
6. महिलाएं पंचमुखी रुद्राक्ष को पीरियड्स के दौरान धारण न करें।
पंचमुखी रुद्राक्ष कौन कौन धारण कर सकता है? ( Who can wear Panchmukhi Rudraksha? )
पंचमुखी रुद्राक्ष को बच्चे, महिलाएं और पुरुष तीनों ही धारण कर सकते हैं। साथ ही जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति अशुभ फल दे रहा हो, अनिद्रा की समस्या हो, ह्रदय रोग, मधुमेह, स्तनशिथिलता, एसिडिटी, तनाव से मुक्ति पाने के लिए इसे धारण किया जा सकता है। ज्योतिष के अनुसार मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु तथा मीन राशि वाले जातकों को यह रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।
1. पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सोमवार या गुरूवार का दिन चुने।
2. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3. एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग रखें।
4. शिवलिंग का जलाभिषेक करें या पंचामृत से स्नान कराएं।
5. उन्हें पुष्प, बेलपत्र, सुपारी, अक्षत, चन्दन अर्पित करें।
6. घी का दीपक और धूप जलाएं।
7. भगवान को फल और नैवैद्य अर्पित करें।
8. इसके बाद भगवान शिव के प्राण मंत्र ॐ नमः शिवाय का 11 बार जाप करें।
10. अब पंचमुखी रुद्राक्ष को पहले भगवान को समर्पित करें और फिर धारण मंत्र का जाप करते हुए इसे धारण करें।
पंचमुखी रुद्राक्ष धारण मंत्र : ”ॐ ह्रीं क्लीं नम:”
11. धारण करने के पश्चात भगवान शिव की पूजा नियमित रूप से की जानी चाहिए।
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असली पंचमुखी रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें? ( How to identify Original Panchmukhi Rudraksha? )
आइये जानें how to identify Panchmukhi Rudraksha :
1. पंचमुखी रुद्राक्ष को ध्यान से देखें तो इसके पांच मुख होते हैं। इसे पहचानने के लिए रुद्राक्ष को पानी में थोड़े समय के लिए उबाले यदि वह रंग न छोड़े तो वह असली है।
2. दूसरा तरीका है रुद्राक्ष को सरसों के तेल में रख दें और यदि रुद्राक्ष का रंग उसके रंग से थोड़ा अधिक गहरा दिखाई देने लगे तो यह Original Panchmukhi Rudraksha की निशानी है।
पंचमुखी रुद्राक्ष की कीमत कितनी है? ( What is the Price of Panchmukhi Rudraksha? )
पंचमुखी रुद्राक्ष कैसा होता है | Panchmukhi Rudraksh kaisa hota hai
पंचमुखी रुद्राक्ष (Panchmukhi rudraksha) की सतह पर 5 प्राकृतिक रेखाएं उभरी हुई होती हैं. जिसे रुद्राक्ष का मुख कहा जाता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस रुद्राक्ष के अधिपति (देवता) भगवान कलाग्नि हैं जो भगवान शिव का ही एक रूप माने जाते हैं. यह सबसे अधिक पाया जाने वाला रुद्राक्ष है.
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पंचमुखी रुद्राक्ष के फायदे | Panchmukhi Rudraksh ke fayde
Panchmukhi Rudraksha मनुष्य के दैहिक रोगों की समाप्ति तो करता ही है, साथ ही इसमें मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोगों में भी लाभ प्राप्त हो सकता है. इसके अलावा, पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करने से अनिद्रा की स्थिति, श्वसन संबंधी रोगों से भी छुटकारा मिलता है.
5 मुखी रुद्राक्ष गले में पहनने से क्या होता है? | Panchmukhi Rudraksha gale me pahanee se kya hota hai
कहा जाता है कि जो कोई Panchmukhi Rudraksha विधि-विधान से पहनता है और नियम इसके नियम का पालन करता है, वह बुरे कर्मों से दूर रहता है. ऐसा दैवीय शक्ति की वजह से होता है. इसके साथ ही Panchmukhi Rudraksha को पहनने वाला शुद्ध होता है और उसका मन शांत हो जाता है. कहा जाता है कि पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को यश, प्रसिद्धि और मानसिक शांति मिलती है.
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5 मुखी रुद्राक्ष के फायदे | 5 मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे | 5 mukhi Rudraksha pahanee ke fayde
5 मुखी रुद्राक्ष के फायदे –
1. पंचमुखी रुद्राक्ष भौतिक संकटों और दैहिक रोग को समाप्त करने में लाभाकरी माना जाता है।
2. यह रुद्राक्ष मधुमेह, स्तनशिथिलता, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोगों से बचाव करता है।
3. 5 Mukhi Rudraksha ke fayde में एक फायदा है कि यह व्यक्ति के तनाव को कम कर मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
4. जीवन से नकारात्मकता को दूर कर अध्यात्म की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है।
5. यदि जातक की कुंडली में बृहस्पति का प्रतिकूल प्रभाव है तो उसे Panchmukhi rudraksha अवश्य ही धारण करना चाहिए।
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5 मुखी रुद्राक्ष किस दिन धारण करना चाहिए | Panchmukhi Rudraksha kis din dhaaran karna chaiye
धर्म पुराणों के अनुसार, पंचमुखी रुद्राक्ष (Panchmukhi rudraksha) को धारण करने का सबसे शुभ दिन सोमवार है. सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित किया गया है. इस दिन भगवान शिव की प्रतिमा के समक्ष दीपक जलाएं और बेलपत्र अर्पित करें. इसके बाद 5 मुखी रुद्राक्ष (5 Mukhi rudraksha) धारण करने का मंत्र “ॐ ह्रीं क्लीं नम:” का जप करें.
रुद्राक्ष को भी रात के समय उतार देना चाहिए और अगले दिन सुबह स्नान करने के बाद धारण करना चाहिए। शारीरिक संबंध बनाते समय या अंतिम संस्कार में जाते समय रुद्राक्ष पहनने से बचना चाहिए। महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान भी इसे पहनने से बचना चाहिए।
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कल सोमवार को सावन माह मे
धारण किए जाने का सौभाग्य
हर हर महादेव