
पंचमुखी रुद्राक्ष ( Panch mukhi Rudraksha ) में भगवान शिव के वृष पर विराजमान पंचमुखी महादेव स्वरूप का वास होता है और इस रुद्राक्ष का प्रतिनिधित्व रूद्र कालाग्नि करते हैं। इसमें पञ्च देवों का वास होने के कारण इसे शिव के आत्म-स्वरूप की संज्ञा भी दी गई है। यह रुद्राक्ष सर्वगुण संपन्न माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव का सबसे प्रिय रुद्राक्ष है। पंचमुखी रुद्राक्ष का अधिपति गृह बृहस्पति है।
पंचमुखी रुद्राक्ष ( Panch mukhi Rudraksh ) पहनने से व्यक्ति अपनी बहुत सारी परेशानियों से मुक्ति पा सकता है, भगवान शिव के समीप पहुँच सकता है और अपना जीवन सुखी-समृद्ध बना सकता है। अब हम नीचे जानेंगे कि पंचमुखी रुद्राक्ष को पहनने से किस प्रकार व्यक्ति सुखी जीवन की ओर चल सकता है।
1. पंचमुखी रुद्राक्ष भौतिक संकटों और दैहिक रोग को समाप्त करने में लाभाकरी माना जाता है।
2. यह रुद्राक्ष मधुमेह, स्तनशिथिलता, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, एसिडिटी जैसे रोगों से बचाव करता है।
3. 5 Mukhi Rudraksha ke fayde में एक फायदा है कि यह व्यक्ति के तनाव को कम कर मानसिक स्थिरता प्रदान करता है।
4. जीवन से नकारात्मकता को दूर कर अध्यात्म की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है।
5. यदि जातक की कुंडली में बृहस्पति का प्रतिकूल प्रभाव है तो उसे पंचमुखी रुद्राक्ष अवश्य ही धारण करना चाहिए।
6. यह अनिद्रा की समस्या से निजात दिलाने में सहायक है।
7. यह नरहत्या के दोषों को दूर करने में सक्षम है। ये सभी अद्भुत Panchmukhi Rudraksha ke fayde हैं।
1. पंचमुखी रुद्राक्ष पहनने के लिए व्यक्ति का सात्विक रहना अनिवार्य है।
2. मांस-मदिरा और तामसिक भोजन ग्रहण वर्जित है।
3. मन में किसी के लिए द्वेष भाव या अहंकार नहीं होना चाहिए।
4. नियमित रूप से भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
5. इसे शमशान, शवयात्रा, शौचालय में न पहनें।
6. महिलाएं पंचमुखी रुद्राक्ष को पीरियड्स के दौरान धारण न करें।
पंचमुखी रुद्राक्ष को बच्चे, महिलाएं और पुरुष तीनों ही धारण कर सकते हैं। साथ ही जिन जातकों की कुंडली में बृहस्पति अशुभ फल दे रहा हो, अनिद्रा की समस्या हो, ह्रदय रोग, मधुमेह, स्तनशिथिलता, एसिडिटी, तनाव से मुक्ति पाने के लिए इसे धारण किया जा सकता है। ज्योतिष के अनुसार मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु तथा मीन राशि वाले जातकों को यह रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है।
आइये जानते हैं how to wear panchmukhi rudraksha in hindi :
1. पंचमुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सोमवार या गुरूवार का दिन चुने।
2. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
3. एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर भगवान शिव की प्रतिमा और शिवलिंग रखें।
4. शिवलिंग का जलाभिषेक करें या पंचामृत से स्नान कराएं।
5. उन्हें पुष्प, बेलपत्र, सुपारी, अक्षत, चन्दन अर्पित करें।
6. घी का दीपक और धूप जलाएं।
7. भगवान को फल और नैवैद्य अर्पित करें।
8. इसके बाद भगवान शिव के प्राण मंत्र ॐ नमः शिवाय का 11 बार जाप करें।
10. अब पंचमुखी रुद्राक्ष को पहले भगवान को समर्पित करें और फिर धारण मंत्र का जाप करते हुए इसे धारण करें।
पंचमुखी रुद्राक्ष धारण मंत्र : ”ॐ ह्रीं क्लीं नम:”
11. धारण करने के पश्चात भगवान शिव की पूजा नियमित रूप से की जानी चाहिए।
आइये जानें how to identify Panchmukhi Rudraksha :
1. पंचमुखी रुद्राक्ष को ध्यान से देखें तो इसके पांच मुख होते हैं। इसे पहचानने के लिए रुद्राक्ष को पानी में थोड़े समय के लिए उबाले यदि वह रंग न छोड़े तो वह असली है।
2. दूसरा तरीका है रुद्राक्ष को सरसों के तेल में रख दें और यदि रुद्राक्ष का रंग उसके रंग से थोड़ा अधिक गहरा दिखाई देने लगे तो यह Original Panchmukhi Rudraksha की निशानी है।
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