एक ऐसा मंदिर जंहा रखा जाता है भूतों को बांधकर। आखिर क्या है इस मंदिर में ऐसा ख़ास कि वंहा जाते ही भूत आ जाते हैं बाहर? आखिर क्यों है ये मंदिर अन्य मंदिरों से बेहद अलग? क्यों नहीं खाने दिया जाता इस मंदिर का प्रसाद? आखिर क्यों डरते हैं लोग इस मंदिर में जाने से? आखिर क्या होता है ऐसा कि पीड़ित व्यक्ति भी यहाँ से जाता है ख़ुशी-ख़ुशी घर? आखिर क्यों लगती है यंहा पर प्रेतराज सरकार की अदालत? क्यों कहाँ जाता है इसे भूतों की सबसे बड़ी जेल। इन सभी बातों को जानने के लिए आइये जानते हैं मेहंदीपुर बालाजी की कहानी, उससे जुड़ी कुछ रहस्यमयी बातें और मेहंदीपुर बालाजी का सच।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ( Mehandipur Balaji Temple )
दोस्तों आज हम आपको राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध मंदिर मेहंदीपुर बालाजी ( Balaji Mandir Rajasthan ) के बारे में बताने जा रहे हैं। इस मंदिर के बारे में आज हम कुछ ऐसे रहस्यों का खुलासा करने जा रहे हैं जिन्हें सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। राजस्थान में स्थित मेहंदीपुर बालाजी महाराज के इस मंदिर में तीन देवताओं का वास है, जिसमें हनुमान जी ( Hanuman Ji ), प्रेतराज सरकार ( Pretraj Sarkar ) और भैरव बाबा ( Bhairav Baba ) की प्रतिमा इस मंदिर में स्थापित है। यंहा पर हनुमान जी को बूंदी से बना लड्डू, प्रेतराज सरकार को चावल तथा भैरो को उड़द की दाल का प्रसाद चढ़ाया जाता है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में पहुँचते ही लोग जोर-जोर से चीखने चिल्लाने लगते हैं। यंहा का दृश्य इतना भयावह होता है कि देखने वालों के भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
मेहंदीपुर बालाजी का रहस्य ( Mehandipur Balaji Mystery )
साथ ही Mehandipur wale Balaji के इस मंदिर के कुछ ख़ास रहस्य है जिसकी गुत्थी आज भी विज्ञान के आगे उलझी हुई है। इस मंदिर में आने वाले पीड़ित लोग भी ख़ुशी ख़ुशी अपने घर जाते हैं। दरअसल जिन भी लोगों पर ऊपरी या भूत प्रेत जैसा साया या फिर जो काले जादू से ग्रसित होते हैं, वे इस मंदिर में आकर ठीक हो जाते हैं। ऐसा क्यों होता है ओर कैसे होता है इस बात को जानने के लिए कई शोधकर्ता मंदिर में आये लेकिन उनका विज्ञान भी इस मंदिर के चमत्कार के आगे कुछ फीका पड़ गया।
माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाले लोगों को तीन देवताओं का प्रसाद खाना होता है। इस मंदिर के प्रसाद खाते ही भूत-प्रेत से पीड़ित लोगों का व्यवहार बदल जाता है। वे कई अजीबों-गरीब हरकतें करने लगते हैं। इसके बाद प्रेतराज सरकार के सामने जाकर इनकी पेशी लगाई जाती है, जंहा पर प्रेतराज सरकार भूत-प्रेतों को दंड देते हैं।
इन लोगों की चीखने चिल्लाने से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि जैसे कोई अदृश्य शक्ति इन्हें दंड दे रही हो। यंहा पर आने वाले पीड़ित लोग कभी जोर जोर से चीखते हैं, चिलाते हैं ओर रोते हैं। साथ ही उन पर आने वाला भूत-प्रेत ये भी बताता है कि वह कौन है? और कहाँ से आया है और क्यों आया है? यहां पर आते ही भूत पिशाच खुद ही डर के मारे कांपने लगते हैं।
यंहा पर स्थित बालाजी की प्रतिमा के नीचे एक जलकुंड बना हुआ है जिसमें से कभी भी पानी खत्म नहीं होता। माना जाता है बाला जी के छाती में बायीं तरफ एक छिद्र बना हुआ है जिसमें से जल निरंतर बहता रहता है। ये मंदिर अन्य मंदिरों से बिलकुल अलग है। बताया जाता है कि अन्य मंदिरों की तरह, इस मंदिर से प्रसाद घर ले जाना बिलकुल वर्जित है।
जो भी इस मंदिर में आता है तो उसे प्रसाद अपने घर ले जाने की मनाही होती है। साथ ही उसे यंहा से कोई सुगंधित वस्तु या फिर खाने पीने की चीज़ों को अपने घर नहीं ले जाना होता और न ही पीछे मुड़कर देखना होता है। अगर कोई ऐसा करता है तो यहाँ से नकारात्मक शक्तियां उनके घर तक चली जाती है और उन्हें भूत-प्रेत का डर सताने लगता है। यंहा आने वाले लोगों को इन नियमों का पालन जरूर करना होता है। अगर आप भी मेहंदीपुर के इस बालाजी मंदिर ( Balaji Mandir ) में जाते हैं तो आप इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
दोस्तों क्या आप कभी मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ( Mehandipur Balaji Temple ) में गए हैं? या आपने कभी इस मंदिर के बारे में सुना है? अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर साझा कीजिएगा। अगर आपके आस-पास या आपके साथ कोई ऐसी घटना घटित हुई है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है तो आप हमारे साथ जरूर साझा कीजियेगा।
( यदि आप बुरे साये, भूत-प्रेत और काले जादू से परेशान हैं तो अपने घर में अष्ट सिद्धि बालाजी कवच ( Ashta Siddh Balaji Kavach ) को स्थापित करें। अष्ट सिद्धि बालाजी आपके सभी दुःख हर लेंगे और समस्या से निजात दिलाएंगे। )
माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाले लोगों को तीन देवताओं का प्रसाद खाना होता है। इस मंदिर के प्रसाद खाते ही भूत-प्रेत से पीड़ित लोगों का व्यवहार बदल जाता है। वे कई अजीबों-गरीब हरकतें करने लगते हैं। इसके बाद प्रेतराज सरकार के सामने जाकर इनकी पेशी लगाई जाती है, जंहा पर प्रेतराज सरकार भूत-प्रेतों को दंड देते हैं।
इन लोगों की चीखने चिल्लाने से ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि जैसे कोई अदृश्य शक्ति इन्हें दंड दे रही हो। यंहा पर आने वाले पीड़ित लोग कभी जोर जोर से चीखते हैं, चिलाते हैं ओर रोते हैं। साथ ही उन पर आने वाला भूत-प्रेत ये भी बताता है कि वह कौन है? और कहाँ से आया है और क्यों आया है? यहां पर आते ही भूत पिशाच खुद ही डर के मारे कांपने लगते हैं।
यंहा पर स्थित बालाजी की प्रतिमा के नीचे एक जलकुंड बना हुआ है जिसमें से कभी भी पानी खत्म नहीं होता। माना जाता है बाला जी के छाती में बायीं तरफ एक छिद्र बना हुआ है जिसमें से जल निरंतर बहता रहता है। ये मंदिर अन्य मंदिरों से बिलकुल अलग है। बताया जाता है कि अन्य मंदिरों की तरह, इस मंदिर से प्रसाद घर ले जाना बिलकुल वर्जित है।
जो भी इस मंदिर में आता है तो उसे प्रसाद अपने घर ले जाने की मनाही होती है। साथ ही उसे यंहा से कोई सुगंधित वस्तु या फिर खाने पीने की चीज़ों को अपने घर नहीं ले जाना होता और न ही पीछे मुड़कर देखना होता है। अगर कोई ऐसा करता है तो यहाँ से नकारात्मक शक्तियां उनके घर तक चली जाती है और उन्हें भूत-प्रेत का डर सताने लगता है। यंहा आने वाले लोगों को इन नियमों का पालन जरूर करना होता है। अगर आप भी मेहंदीपुर के इस बालाजी मंदिर ( Balaji Mandir ) में जाते हैं तो आप इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
दोस्तों क्या आप कभी मेहंदीपुर बालाजी मंदिर ( Mehandipur Balaji Temple ) में गए हैं? या आपने कभी इस मंदिर के बारे में सुना है? अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर साझा कीजिएगा। अगर आपके आस-पास या आपके साथ कोई ऐसी घटना घटित हुई है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है तो आप हमारे साथ जरूर साझा कीजियेगा।
( यदि आप बुरे साये, भूत-प्रेत और काले जादू से परेशान हैं तो अपने घर में अष्ट सिद्धि बालाजी कवच ( Ashta Siddh Balaji Kavach ) को स्थापित करें। अष्ट सिद्धि बालाजी आपके सभी दुःख हर लेंगे और समस्या से निजात दिलाएंगे। )