कामाख्या मंदिर | Kamakhya Mandir
कामाख्या मंदिर (Kamakhya Mandir) देवी के 51 सर्वप्रसिद्ध शक्तिपीठों (Shaktipeethas) में से एक है। जब भगवान् विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर के टुकड़े किये थे तो ये ही 51 शरीर के टुकड़े शक्तिपीठ कहलाये। यहाँ गुवहाटी से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित कामाख्या में ही सती का योनि भाग गिरा था जिस कारण कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple) में देवी सती के योनि की पूजा-अर्चना सदियों से चली आ रही है। आपको जानकार हैरानी होगी कि यहाँ देवी की कोई मूर्ति या प्रतिमा नहीं है बस एक योनि आकार का शिलाखंड मौजूद है।
कामाख्या मंदिर किस राज्य में स्थित है? | Kamakhya Mandir kis rajya me sthit hai?
कामाख्या मंदिर का निर्माण किसने करवाया? | Kamakhya Mandir ka Nirman kisne karvaya?
कामाख्या देवी की उत्पत्ति कैसे हुई? | Kamakhya Devi ki utpati kaise hui?
यज्ञ में पहुँचते ही सती ने प्रजापति दक्ष से उनको आमंत्रित न किये जाने का कारण पूछा तो वे क्रोध करने लगे और भगवान् शिव को अपशब्द कहने लगे। अपमान की अग्नि में जलते हुए देवी सती खुद को रोक नहीं पाई और वही यज्ञ कुंड की अग्नि में कूद गईं। सती जैसे ही अग्निकुंड में कूदी भगवान् शिव की तीसरी आँख खुल गई।
भोलेनाथ यज्ञ में पहुंचे और देवी सती के पार्थिव शरीर को उन्होंने अपने कन्धों पर उठा लिया। फिर भगवान् शिव दुःखी अवस्था में पार्थिव शरीर लिए घूमते रहे। यह देख इस सृष्टि को एक भयंकर प्रलय से बचाने के लिए भगवान् विष्णु ने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर के टुकड़े कर दिए थे। इन्हीं टुकड़ों में से एक टुकड़ा कामरूप में कामख्या मंदिर में योनि के रूप में पूजा जाता है।
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कामाख्या मंदिर में मनाया जाता है अम्बुवाची पर्व | Kamakhya Mandir me manaya jata hai ambubachi parv
पानी के लाल रंग में तब्दील होने के पीछे की मान्यता ये है कि यह देवी के मासिक धर्म के चलते ऐसा होता है। मासिक धर्म की वजह से मंदिर के द्वार तीन दिनों के बंद कर दिए जाते हैं।
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कामाख्या देवी मंदिर क्यों प्रसिद्ध है? | Kamakhya Devi Mandir kyon prasiddh hai?
कामाख्या देवी मंदिर कब जाना चाहिए | Kamakhya Mandir Kab jana chahiye
कामाख्या का अर्थ क्या है? | Kamakhya ka arth kya hai?
कामाख्या मंदिर का महत्व | Kamakhya Mandi ka mehtva
स्टेशन से कामाख्या मंदिर की दूरी कितनी है? | Station se Kamakhya Mandir ki doori kitni hai?
कामाख्या मंदिर में किसकी पूजा होती है? | kamakhya mandir me kiski puja hoti
कामाख्या देवी मंदिर का रहस्य | kamakhya mandir ka rahasya
शक्तिपीठ की स्थापना हुई. ऐसी मान्यता है कि माता की योनि नीचे गिरकर एक विग्रह में परिवर्तित हो गयी थी, जो आज भी मंदिर में विराजमान है और जिससे आज भी माता की वह प्रतिमा रजस्वला होती है.
कामाख्या देवी मंदिर कहाँ है | Kamakhya Devi Mandir kahan hai
कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple) असम की राजधानी दिसपुर के निकट गुवहाटी से करीब 7 किलोमीटर की दूरी पर कामरूप में ‘नीलांचल पर्वत’ नामक पहाड़ी पर अवस्थित है।
कामाख्या मंदिर की असली कहानी क्या है? | Kamakhya Mandir ki asli kahani kya hai
कामाख्या मंदिर के अंदर क्या होता है? | Kamakhya Mandir ke andar kya hota hai
कामाख्या मंदिर में योनि की पूजा क्यों होती है? | Kamakhya Mandir me yoni ki pooja kyu karte hai?
कामख्या मंदिर में होती है योनि पूजा मान्यता के अनुसार, यहां देवी सती का योनि भाग गिरा था. इसलिए कामाख्या मंदिर (Kamakhya Temple) में देवी की योनि पूजा की जाती है. यहां देवी की कोई मूर्ति नहीं है. योनि भाग होने के कारण यहां देवी रजस्वला (मासिक धर्म) भी होती है.