कलयुग से जुड़े रहस्यमयी और चमत्कारिक बातें ( Mysterious and Interesting facts about Kalyug )
क्या कलयुग ( Kali Yuga ) से जुड़ा है इस बढ़ते हुए नंदी का रहस्य? क्या कलयुग के अंत ( kalyug ka ant ) में इस रहस्यमयी स्थान पर जाग उठेंगे नंदी? एक ऐसा स्थान जो जुड़ा है कलयुग से। आखिर क्यों बढ़ता जा रहा है यंहा पर विराजित नंदी का आकार? आखिर कलयुग का अंत कब होगा? ( When will Kalyug end? ) क्या कलयुग का अंत होते ही इस स्थान पर फिर से जिन्दा होंगे नंदी महाराज। कलयुग में नंदी के जिन्दा होते ही क्या आ जाएगी प्रलय?
इसके बाद क्या हो जाएगा कलयुग का खात्मा? आखिर कहा पर स्थित है ये मंदिर, जंहा पर लगातार बढ़ रहा है लगातार नंदी का आकार? दोस्तों आज हम जानेंगे इस रहस्यमयी मंदिर ( unsolved mysteries of indian temple ) के बारे में जिसका संबंध है कलयुग से। आखिर कलयुग में क्या चेतावनी देता है ये मंदिर? ये जानने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ियेगा।
पौराणिक कथाओं तथा धर्म ग्रंथों में कलयुग से जुड़ी हुए अलग-अलग बातें बताई गयी है। कलयुग के अंत में महाप्रलय आने की बात भी कही गयी है। शायद इसीलिए ही इस मंदिर को तथा यहाँ विराजित नंदी के बढ़ते हुए आकार को भी कलयुग से जोड़कर देखा गया है। इस मंदिर में कई ऐसे रहस्य छिपे ( Indian Temple Secrets ) हैं जिसके बारे में सुनकर सभी हैरान हो जाएंगे। ये रहस्य हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देंगे कि आखिर इस मंदिर में ऐसा क्यों होता है ?
इसके बाद क्या हो जाएगा कलयुग का खात्मा? आखिर कहा पर स्थित है ये मंदिर, जंहा पर लगातार बढ़ रहा है लगातार नंदी का आकार? दोस्तों आज हम जानेंगे इस रहस्यमयी मंदिर ( unsolved mysteries of indian temple ) के बारे में जिसका संबंध है कलयुग से। आखिर कलयुग में क्या चेतावनी देता है ये मंदिर? ये जानने के लिए हमारे इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ियेगा।
पौराणिक कथाओं तथा धर्म ग्रंथों में कलयुग से जुड़ी हुए अलग-अलग बातें बताई गयी है। कलयुग के अंत में महाप्रलय आने की बात भी कही गयी है। शायद इसीलिए ही इस मंदिर को तथा यहाँ विराजित नंदी के बढ़ते हुए आकार को भी कलयुग से जोड़कर देखा गया है। इस मंदिर में कई ऐसे रहस्य छिपे ( Indian Temple Secrets ) हैं जिसके बारे में सुनकर सभी हैरान हो जाएंगे। ये रहस्य हर किसी को सोचने पर मजबूर कर देंगे कि आखिर इस मंदिर में ऐसा क्यों होता है ?
उमा माहेश्वरी मंदिर में स्थापित नंदी का रहस्य ( Mystery Of Uma Maheshwari Temple and Nandi )
हम बात कर रहे हैं रहस्य से भरे एक मंदिर ( Mystery Temple ) के बारे, जिसका नाम है यांगती उमा माहेश्वर मंदिर ( Yaganti Uma Maheshwari Mandir ) की, जो स्थित है आंध्रप्रदेश के कुरनूल जिले में। इस मंदिर में स्थापित है नंदी ( Nandi ) महाराज की एक चमत्कारी प्रतिमा, जिसका आकार लगातार बढ़ता ही जा रहा है। माना जाता है कि इस मूर्ति का आकार हर बीस साल में एक इंच बढ़ता है। 2020 में नंदी की इस प्रतिमा का आकार लगभग पांच फ़ीट और दस फ़ीट चौड़ा था। आलम यह है कि इस प्रतिमा के लिए अब जगह नहीं बची है।
आकार के बढ़ने से परिक्रमा के लिए खंभों और नंदी महाराज के बीच नहीं बची जगह
जब इस प्रतिमा का आकार छोटा था तब लोग नंदी देव ( Nandi Dev ) की आसानी से परिक्रमा करते थे लेकिन अब नंदी का आकार इतना बढ़ गया है कि मंदिर के खम्भे तथा प्रतिमा के बीच स्थान नहीं बचा है। नंदी की प्रतिमा पर कुछ वैज्ञानिकों ने शोध भी किया था, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रतिमा एक ऐसे अनोखे पत्थर से बनी है जिसका आकार अपने आप बढ़ता है, यही उस पत्थर की प्रकति है।
( नंदी महाराज को भगवान शिव का द्वारपाल कहा जाता है, यदि आपके घर में भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग है तो उस स्थान पर नंदी ( Nandi ) का होना बहुत जरूरी है। नंदी देव घर में आने वाले सभी संकटों से रक्षा करेंगे और द्वारपाल के रूप में विराजमान रहकर अपनी कृपा बरसाते रहेंगे। )
इस मंदिर की एक और ख़ास बात ये है जो इसे और रहस्यमयी बना देती है। दरअसल यंहा पर पुष्करिणी तालाब ( Pushkarini pond ) भी है, जंहा पर नंदी जी के मुंह से लगातार पानी बहता रहता है। लेकिन आज तक इस बात को पता कोई नहीं लगा पाया कि आखिर नंदी के इस मुख में पानी कहा से आता है? साथ ही इस मंदिर में एक भी कौवा नज़र नहीं आता। मान्यता है कि इसी स्थान पर ऋषि अगस्त्य ( Rishi Agastya ) ने तप किया था। अपने तप में कोई व्यवधान न हो इसलिए उन्होंने कौवों को इस स्थान पर न आने का श्राप दिया था।
इस मंदिर के पास दो गुफा भी बनी हुई है। एक गुफा में भगवान वेंकटेश्वर ( Venkateshwar Bhagwan ) की प्रतिमा स्थापित है। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर के निर्माण से पहले ही यहां पर भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा स्थापित थी लेकिन ये मूर्ति खंडित थी। माना जाता है कि मूर्ति स्थापना के समय ही प्रतिमा के पैर के अंगूठे का नाख़ून टूट गया था। इसलिए इस प्रतिमा की पूजा नहीं की जाती।
जहाँ ऋषि अगस्त्य ने किया था भगवान शिव के लिए तप
दूसरी गुफा में ऋषि अगस्त्य ने भगवान शिव के लिए तप किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने कहा कि ये स्थान कैलाश जैसा दिखता है इसलिए उनका मंदिर इस स्थान पर बनाया जाए, ऋषि अगस्त्य द्वारा ही यहां पर शिव मंदिर की स्थापना हुई थी।
आकार के बढ़ने से परिक्रमा के लिए खंभों और नंदी महाराज के बीच नहीं बची जगह
जब इस प्रतिमा का आकार छोटा था तब लोग नंदी देव ( Nandi Dev ) की आसानी से परिक्रमा करते थे लेकिन अब नंदी का आकार इतना बढ़ गया है कि मंदिर के खम्भे तथा प्रतिमा के बीच स्थान नहीं बचा है। नंदी की प्रतिमा पर कुछ वैज्ञानिकों ने शोध भी किया था, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रतिमा एक ऐसे अनोखे पत्थर से बनी है जिसका आकार अपने आप बढ़ता है, यही उस पत्थर की प्रकति है।
( नंदी महाराज को भगवान शिव का द्वारपाल कहा जाता है, यदि आपके घर में भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग है तो उस स्थान पर नंदी ( Nandi ) का होना बहुत जरूरी है। नंदी देव घर में आने वाले सभी संकटों से रक्षा करेंगे और द्वारपाल के रूप में विराजमान रहकर अपनी कृपा बरसाते रहेंगे। )
इस मंदिर की एक और ख़ास बात ये है जो इसे और रहस्यमयी बना देती है। दरअसल यंहा पर पुष्करिणी तालाब ( Pushkarini pond ) भी है, जंहा पर नंदी जी के मुंह से लगातार पानी बहता रहता है। लेकिन आज तक इस बात को पता कोई नहीं लगा पाया कि आखिर नंदी के इस मुख में पानी कहा से आता है? साथ ही इस मंदिर में एक भी कौवा नज़र नहीं आता। मान्यता है कि इसी स्थान पर ऋषि अगस्त्य ( Rishi Agastya ) ने तप किया था। अपने तप में कोई व्यवधान न हो इसलिए उन्होंने कौवों को इस स्थान पर न आने का श्राप दिया था।
इस मंदिर के पास दो गुफा भी बनी हुई है। एक गुफा में भगवान वेंकटेश्वर ( Venkateshwar Bhagwan ) की प्रतिमा स्थापित है। पौराणिक कथा के अनुसार इस मंदिर के निर्माण से पहले ही यहां पर भगवान वेंकटेश्वर की प्रतिमा स्थापित थी लेकिन ये मूर्ति खंडित थी। माना जाता है कि मूर्ति स्थापना के समय ही प्रतिमा के पैर के अंगूठे का नाख़ून टूट गया था। इसलिए इस प्रतिमा की पूजा नहीं की जाती।
जहाँ ऋषि अगस्त्य ने किया था भगवान शिव के लिए तप
दूसरी गुफा में ऋषि अगस्त्य ने भगवान शिव के लिए तप किया था। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने कहा कि ये स्थान कैलाश जैसा दिखता है इसलिए उनका मंदिर इस स्थान पर बनाया जाए, ऋषि अगस्त्य द्वारा ही यहां पर शिव मंदिर की स्थापना हुई थी।
कलयुग का अंत और महाप्रलय का रहस्य
दोस्तों सभी के मन में यह जरूर आता है कि कलयुग के बाद क्या होगा ( What will happen after kalyug? ) तो आपको बता दें कि नंदी देव की प्रतिमा के बारे में ये भी माना जाता है कि कलयुग के अंत ( Kali Yuga End ) तक नंदी देव ज़िंदा हो जाएंगे और जिस दिन नंदी देव जिन्दा होंगे उस दिन पृथ्वी पर महाप्रलय आएगी तथा कलयुग समाप्त हो जाएगा। ये बात कहा तक सत्य है कहा तक नहीं ये तो वक़्त ही बताएगा दोस्तों अगर आपके आस-पास या आपके साथ कोई ऐसी घटना घटित हुई है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है तो आप हमारे साथ जरूर साझा करें। साथ ही कमेंट बॉक्स में हर हर महादेव जरूर लिखियेगा।