तुलसी माला का महत्व | Tulsi Mala ka mehtva
तुलसी माला (Tulsi Mala) का महत्व बहुत है क्योंकि वैष्णव सम्प्रदाय के लोग तुलसी की माला से ही भगवान् विष्णु का ध्यान करते हैं। तुलसी माला को धारण भी किया जाता है ताकि शरीर का शुद्धिकरण किया जा सके। हिन्दू समाज में तुलसी को बहुत पवित्र पौधों की श्रेणी में स्थान दिया गया है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है. तुलसी की माला भगवान विष्णु की भक्ति का प्रतीक मानी जाती है. तुलसी की माला पहनने से मन शांत रहता है और आत्म शुद्धि मिलती है. इससे कई रोगों से मुक्ति मिलती है
तुलसी की माला धारण करने से मनुष्य को अनेक तरह के लाभ प्राप्त हो सकते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है और तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र का जाप विशेष फलदाई माना गया है. यदि तुलसी की माला को गले में धारण किया जाए तो मन और आत्मा दोनों पवित्र हो जाते हैं
हिन्दू पौराणिक शास्त्रों में तो तुलसी की माला को सबसे शुद्ध माना गया है। बताते चलें कि तुलसी आध्यात्मिक के साथ-साथ औषधीय गुण भी अपने साथ लिए हुए है। तुलसी के प्रयोग से रतौंधी, किडनी से संबंधित समस्याएं, माइग्रेन और साइनस जैसी बिमारियों से छुटकारा मिलता है।
भगवान् विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा में यदि तुलसी (Tulsi) शामिल न की जाए तो वह पूजा अधूरी मानी जाती है। साथ ही उनके हर प्रसाद में तुलसी का होना बहुत जरुरी है। तुलसी के कई अद्भुत लाभ भी है जिनको जान लेने के बाद कोई भी व्यक्ति इस माला का प्रयोग किये बिना नहीं रह सकते।
हिन्दू पौराणिक शास्त्रों में तो तुलसी की माला को सबसे शुद्ध माना गया है। बताते चलें कि तुलसी आध्यात्मिक के साथ-साथ औषधीय गुण भी अपने साथ लिए हुए है। तुलसी के प्रयोग से रतौंधी, किडनी से संबंधित समस्याएं, माइग्रेन और साइनस जैसी बिमारियों से छुटकारा मिलता है।
भगवान् विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा में यदि तुलसी (Tulsi) शामिल न की जाए तो वह पूजा अधूरी मानी जाती है। साथ ही उनके हर प्रसाद में तुलसी का होना बहुत जरुरी है। तुलसी के कई अद्भुत लाभ भी है जिनको जान लेने के बाद कोई भी व्यक्ति इस माला का प्रयोग किये बिना नहीं रह सकते।
तुलसी की माला के लाभ | Tulsi ki Mala ke laabh |
आइये जानते हैं तुलसी माला बेनिफिट्स इन हिंदी | tulsi mala benefits in hindi
1. Tulsi mala pahnane ke fayde में सबसे पहला है कि इससे व्यक्ति का मन शांत और स्थिर होता है।
2. यह व्यक्ति के शरीर को बाहरी और आंतरिक रूप से पवित्र करती है।
3. यह रक्तचाप को नियंत्रण में रखने के साथ-साथ पाचन तंत्र मजबूत बनाती है।
4. पीलिया की स्थिति में भी इस माला को पहनाया जाता है क्योंकि इससे यह रोग जल्दी खत्म होता हैं।
5. गले में तुलसी की माला धारण करने से व्यक्ति के शरीर में विद्युत् शक्ति का प्रवाह बढ़ता है। इस प्रकार ये सभी Tulsi ki mala ke fayde हैं।
2. यह व्यक्ति के शरीर को बाहरी और आंतरिक रूप से पवित्र करती है।
3. यह रक्तचाप को नियंत्रण में रखने के साथ-साथ पाचन तंत्र मजबूत बनाती है।
4. पीलिया की स्थिति में भी इस माला को पहनाया जाता है क्योंकि इससे यह रोग जल्दी खत्म होता हैं।
5. गले में तुलसी की माला धारण करने से व्यक्ति के शरीर में विद्युत् शक्ति का प्रवाह बढ़ता है। इस प्रकार ये सभी Tulsi ki mala ke fayde हैं।
तुलसी माला पहनने के नियम क्या है? | Tulsi ki Mala pehne ke niyam kya hai? | तुलसी माला जपने के नियम
आइये जानें आखिर तुलसी की माला कौन पहन सकता है और इसके नियम क्या है :
1. तुलसी माला (Tulsi Mala) को पहनने के लिए सबसे पहले उसे गंगाजल से धो लें फिर उसे सुखाने के बाद पहनें।
2. इसका दूसरा नियम है कि इस माला को पहनने वाले लोगों को रोज माला का जाप करना अनिवार्य है।
3. माला धारण करने के बाद सात्विक रहें और तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा आदि का सेवन न करें।
4. माला पहनने के बाद उसे शरीर से कभी अलग न करें।
2. इसका दूसरा नियम है कि इस माला को पहनने वाले लोगों को रोज माला का जाप करना अनिवार्य है।
3. माला धारण करने के बाद सात्विक रहें और तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा आदि का सेवन न करें।
4. माला पहनने के बाद उसे शरीर से कभी अलग न करें।
तुलसी माला जपने के नियम क्या है? | Tulsi Mala Japne ke niyam kya hai?
आइये जानते हैं tulsi mala japa rules :
1. माला (Mala) में कम से कम 27 या 108 मनके तो होने चाहिए।
2. तुलसी माला में हर मनके के बाद एक गाँठ जरूर लगी होनी चाहिए।
3. जाप करने वाली माला को कभी न पहनें।
4. किसी दूसरे व्यक्ति की माला को प्रयोग में कभी नहीं लाना चाहिए।
5. जाप करने के लिए माला को किसी कपड़े से जरूर ढक लें।
2. तुलसी माला में हर मनके के बाद एक गाँठ जरूर लगी होनी चाहिए।
3. जाप करने वाली माला को कभी न पहनें।
4. किसी दूसरे व्यक्ति की माला को प्रयोग में कभी नहीं लाना चाहिए।
5. जाप करने के लिए माला को किसी कपड़े से जरूर ढक लें।
तुलसी माला मंत्र | तुलसी माला जपने के नियम
”ॐ विष्णवै नमः”
(यदि आप असली Tulsi Japa Mala खरीदने के इच्छुक हैं तो इसे prabhubhakti.in पर जाकर खरीद सकते हैं।)
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असली तुलसी माला की पहचान कैसे करें? | Asli Tulsi Mala ki pehchan kaise kare? | असली तुलसी माला की पहचान
असली तुलसी माला की पहचान (tulsi mala ki pahchan) करने के लिए उसे करीब 30 मिनट तक पानी में रख दें। यदि वह माला अपना रंग न छोड़े तो वह माला असली है।
तुलसी माला पहनने के लिए प्रतिबंध कौन-कौन से है? | Tulsi Mala pehanne ke liye pratibandh kaun-kaun se hai? | तुलसी माला पहनने के लिए प्रतिबंध
तुलसी की माला पहनने वालों को सात्विक रहना चाहिए। तामसिक भोजन जैसे- प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा आदि का सेवन प्रतिबंधित होता है। इसे शरीर से अलग भी नहीं किया जाना चाहिए।
तुलसी की माला कब पहने? या तुलसी की माला कब धारण करें? | Tulsi ki Mala kab pahne? or tulsi mala kab dharan kare?
tulsi mala kis din dharan kare – तुलसी की माला तभी पहनने का निश्चय करें जब आपने स्वयं को सात्विक और अनुशासन में रहने का संकल्प ले लिया हो। बिना इसके तुलसी की माला धारण करने से आप अपने ईश्वर को नाराज़ कर सकते हैं।
तुलसी की माला किस दिन पहने? | Tulsi ki Mala kis din pahne? | तुलसी की माला किस दिन पहने | तुलसी की माला किस दिन पहननी चाहिए
tulsi ki mala kb pehne – तुलसी की माला दो प्रकार की होती हैं – रामा तुलसी और श्यामा तुलसी। दोनों ही तुलसी की माला को धारण करने के लिए शुभ दिन सोमवार, बुधवार और बृहस्पतिवार माना गया है।
तुलसी की माला पहनने से क्या होता है? | Tulsi ki Mala pehanne se kya hota hai?
तुलसी की माला हमें कई तरह की बुरी शक्तियों और रोगों से रक्षा करती है। यह शरीर के शुद्धिकरण के साथ-साथ आत्मा को भी पवित्र करने कार्य करती है।
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