कोतवालेस्वर महादेव मंदिर | Kotwaleswar mahadev Mandir कोतवालेस्वर महादेव मंदिर ( Kotwaleswar Mahadev Mandir) उत्तरप्रदेश के कानपुर मे स्थित है वैसे तो इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं हैं, इस मंदिर के पुजारियों का दावा है की कोई भी भक्त जो भी कोर्ट कचरी के चक्कर में फसा हुआ है, अगर वह सच्चे मन्न से इस मंदिर मे आकार भोलेनाथ की आराधना करे तब उसे कोर्ट कचरी के चक्करों से मुक्ति मिल जाती है, और कोर्ट का निर्णय भी भक्त के पक्ष मे ही आता है । भोलेनाथ अपने इस मंदिर में अपने भक्तों की सभी मुरादे पूरी करते है…
Author: Veshali
Karn ka poorvjanam कैसा था ? उसे भाग्य के हाथों इतना कष्ट क्यों झेलना पड़ा था? सूर्यपुत्र कर्ण, महाभारत का एक ऐसा योद्धा था जिसे समझना बेहद मुश्किल है ,जहां एक ओर कर्ण महदानी था, वही दूसरी ओर कर्ण ने महाभारत के युद्ध में ना सिर्फ बुराई का साथ दिया बल्कि, द्रौपदी को नगरवधू कहा और जितना दुर्योधन महाभारत का युद्ध चाहता था उससे कई ज्यादा कर्ण ये युद्ध करना चाहता था । Karn ka poorvjanam कर्ण का पूर्वजन्म निश्चित था लेकिन देव पुत्र होने के बावजूद कर्ण में इतनी बुराई कैसे थी? और महान दानी होने के बावजूद उसकी…
तुलसी विवाह | Tulsi vivah हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को ना सिर्फ पूजा जाता है बल्कि उसे लक्ष्मी (laxmi) का रूप भी माना जाता है । तुलसी के पौधे को एक पवित्र पौधा माना गया है और शस्त्रों मे भी तुलसी पूजन (tulsi pujan) का विषेश विधान है। Tulsi vivah जो भी तुलसी की पूजा करता है, उसके घर में हमेशा सुख और शांति बनी रहती है ।धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को श्री कृष्ण(shree krishna) से जोड़ा गया है। कृष्ण भक्त अक्सर तुलसी की माला धारण करते है । और जिस भी भोजन में तुलसी का पत्ता रख…
क्यों श्री कृष्ण ने युधिष्ठिर को जुआ खेलने से नहीं रोका? | kyu shree krshn ne yudhishthir ko jua khelane se nahin roka द्वापर युग में श्री कृष्ण धरती पर मौजूद थे । बात है 5000 साल पहले की जब महाभारत का युद्ध हुआ था । एक ही परिवार के भाइयों और रिश्तेदारों के बीच हुआ ये युद्ध, बेहद भयानक युद्ध था जहां अधर्म, पाप, छल कपट की सारी सीमाए पार हो चुकी थी। (kyu shree krshn ne yudhishthir ko jua khelane se nahin roka ) कुरुक्षेत्र की मिट्टी, लाखों सैनिकों के खून से सनी हुई थी। 18 दिन के…
अगर आप श्री राधा कृष्ण का दर्शन पाने वृंदावन मथुरा जाते है, और वहाँ जा कर आपने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा नहीं की, तब आपके दर्शन अधूरे ही माने जाते है । श्री राधा कृष्ण की ब्रिज भूमि में स्थित गोवर्धन पर्वत को ‘गिरिराज पर्वत’ के नाम से भी जाना जाता है ।(hanumaan jee ne kyoon uthaaya tha govardhan parvat ) आज हम गोवर्धन पर्वत को श्री कृष्ण के रूप में भी पूजते है, क्यूँ की श्री कृष्ण ने खुद ‘कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा’के दिन गोवर्धन रूप में अपनी पूजा किए जाने की बात कही थी । ये तबकी घटना है…
जल्दी ही बंद होंगे चार धाम (Char dham) के कपाट इस साल की चार धाम यात्रा अब अपने अंतिम चरण पर है , चार धाम मंदिरों के कपाट जल्द ही बंद कर दिए जाएंगे । इस साल दर्शन करने के लिए चार धाम पहुचे श्रद्धालुओं की संख्या आज तक के सारे रिकार्ड ब्रेक करने वाली है । Char dham जहा पिछले साल कुल मिला के करीबन 46 लाख श्रद्धालु चार धाम की यात्रा कर चुके थे वही इस साल जबसे मंदिरों के कपाट खुले है , तब से अब तक लगभग 55 लाख श्रद्धालु चार धाम की यात्रा कर चुके…
महाभारत (Maha bharat) का युद्ध खतम होने के बाद, जब श्री कृष्णा हस्तिनापुर छोड़ द्वारका जाने लगे, तब जाते-जाते उन्होंने कुंती से कुछ मांगने को कहा, और कुंती ने श्री कृष्णा से भेट में ‘दुख’ मांगे ! उन्होंने कहा ‘हे कृष्ण तुम मुझे भेट में जीवन भर दुख दो, दर्द दो पीड़ाह दे दो ! कुंती महाभारत का एक अहम हिस्सा थी, देखा जाए तो महाभारत में कुंती ने केवल दुख ही झेले,और जब साक्षात भगवान ने उनसे कुछ मांगने को कहा तब भी उन्होंने जीवन में दुख ही मांगे? पर ऐसा क्यूँ ? इसका जवाब हम आपको आजके इस…
Mahabharat se Kabbadi ki Shuruaat kaise hui ? Mahabharat se Kabbadi ki Shuruaat – कबड्डी एक ऐसा खेल है जिसे हर भारतीय अपने बचपन से खेलता आ रहा है, ये सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देशों में भी खेला जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस खेल को श्री कृष्ण स्वयं खेल चुके है, और इसका ज़िक्र महाभारत में भी किया गया है।ये खेल महाभारत के समय से चलता आ रहा है। लेकिन कुछ देशों का कहना है की इस खेल की शुरुआत भारत से नहीं बल्कि किसी और मुल्क से हुई है। तो चलिए आज आपको…
Ayodhya ram mandir |अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के साथ 5 लाख मंदिरों में होगी पूजा अयोध्या राम मंदिर (Ayodhya ram mandir ) के निर्माण का इंतज़ार करोड़ों भारीतय सालों से करते आ रहे है। अब जल्द ही उनका इंतज़ार ख़तम होने वाला है। सूत्रों के मुताबिक़ 5 नवंबर 2023 से ही प्रभु श्री राम जन्म भूमि में कार्यक्रम का आयोजन किया जाने वाला है, पुरे देश भर के भक्तों को ध्यान में रखते हुए कई निर्णय भी लिए गए है, जिससे भक्त अपने घर बैठे ही प्रभु श्री राम का आशीर्वाद पा सकेंगे और प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हो…
Abhimanyu ki mrityu kaise hui ? | Abhimanyu death in mahabharata Abhimanyu ki Mrityu Kaise Hui ? – महाभारत का युद्ध ब्राह्माण का सबसे बड़ा युद्ध था, इसमें अर्जुन पुत्र अभिमन्यु ने कौरव सेना को अकेले ही मात देदी थी। 16 वर्ष की आयु में अभिमन्यु (Abhimanyu) एक बहुत ही शक्तिशाली और होनहार योद्धा बन गए थे। महाभारत के युद्ध में अभिमन्यु की मृत्यु अचानक से नहीं हुई थी, बल्कि अभिमन्यु की मृत्यु स्वयं उनके पिता ने रची थी। अभिमन्यु की 16 वर्ष की आयु में ही मृत्यु हो जाना पहले से ही तय था। Abhimanyu kon tha ? |…