Author: Veshali

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पिछले 17 दिन से 41 मजदूर निर्माणाधीन टनल के भीतर फसे हुए थे। प्रशासन लगातार इनके बचाओ कार्य में लगा हुआ था, और लगातार सारे बचाओ अभियान फैल होते जा रहे थे । स्थानीय लोगों का कहना है की इस टनल का निर्माण बिना यहाँ के इष्ट  देव, ‘बाबा बौख नाग’ की इजाजत के किया जा रहा था, इसलिए 5 दिन पहले इस टनल के बाहर बाबा बौख नाग की प्रतिमा को स्थापित किया गया, पूजा की गई  और 2 दिन पहले ही बाबा के मंदिर के पीछे  महादेव की छवि प्रकट हुई , जिसके बाद…

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उत्तरकाशी सुरंग हादसा | Uttarkashi Tunnel Accident उत्तरकाशी(Uttarkashi) जिले की सिलक्यारा सुरंग में पिछले 17 दिनों से फंसे 41 मजदूरों को निकालने का प्रयास अभी भी जारी है ।  इस सुरंग में फसे मजदूर अपनी हिम्मत बांधे हुए है और बेसब्री से वहाँ से बाहर निकालने का इतेज़ार कर रहे । 12 तारीक से ही रेस्क्यू अभियान  शुरू हो चुका था, और इन मजदूरों के रेस्क्यू की हर एक कोशिश लगातार नाकाम होती जा रही थी, बड़ी से बड़ी मशीने फेल होती जा रही थी । स्थानीय निवासियों के कहने पर टनल के बाहर महादेव(Mahadev) का छोटा सा  मंदिर स्तापित…

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बाली और हनुमान जी | Bali vs Hanuman ji रामायण काल में बाली विश्व का सबसे ताकतवर योद्धा था, जीसने रावण को भी युद्ध में हरा दिया था । बाली को  ब्रह्मजी से आशीर्वाद भी मिला था की जिसके साथ भी वह युद्ध करेगा, तब सामने वाले की आधी शक्तियां बाली के पास आ  जाएंगी । इस वरदान की वजह से बाली को युद्ध में कोई हरा नहीं पाता था । bajrangbali hanuman बाली अक्सर अपनी शक्तियों का प्रदर्शन करने के लिए देवताओं और राक्षसों से युद्ध किया करता था । वह बेहद घमंडी और अधर्मी था । एक बार…

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खाटू श्यामजी | Khatu Shyamji ki Kahani आज हम बात करेंगे महाभारत के एक ऐसे योद्धा की, जो दोनों पक्षों से युद्ध में हिस्सा लेना चाहते थे, और अगर ऐसा होता , तो महाभारत की युद्ध भूमि में ना पांडव बच पाते ना कौरव, बस केवल एक ही योद्धा बचता जिसका नाम है बर्बरीक । लेकिन ऐसा नहीं हो पाया क्यूँ की श्री कृष्ण ने इस युद्ध से पहले ही बिना कोई शस्त्र उठाए या कोई लड़ाई कीये बगेर ही बर्बरीक का सिर धड़ से अलग करवा दिया और इस तरह श्री कृष्ण ने कलयुग को दिए ‘ बाबा खाटूश्याम(Baba…

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श्री कृष्ण (Shri krishna) ने राधा से क्यूँ नहीं किया विवाह ? हिंदू धर्म ग्रंथों में श्रीकृष्ण और राधा के प्रेम के कई प्रसंग मिलते हैं श्रीकृष्ण बिन राधा के अधूरे माने जाते हैं, इसलिए जब भी श्रीकृष्ण (shrii krishna) का नाम आता है तो सबसे पहले राधा नाम पुकारा जाता है । सच तो ये है कि हम राधा कृष्णा(Radha krishna) कहे या कृष्णा राधा कहे । बात तो एक ही है , क्यूँ की श्रीकृष्ण (shrii krishna), विष्णु जी का अवतार है और राधा जी उनकी शक्ति माँ लक्ष्मी का अवतार है। यह बात पूरे संसार को पता…

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Ramayan | रामायण एक समय था जब भगवान श्री राम (Bhagwan Shri ram) ने नदी को पवित्र करने के लिए अपने चरण नदी मे डुबोए तब नदी खून जैसी लाल हो गई और उसमे बड़े बड़े कीड़े पनपने लगे । पर ऐसा क्यूँ हुआ होगा? चलिए बताते है आज के इस लेखन में । कहते है शबरी श्री राम की परम भक्तों मे से एक थी, शबरी भील कबीले से थी और भील समाज में शुभ अवसर पर पशुओं की बलि दी जाती थी, लेकिन शबरी  पशु-पक्षियों से बेहद प्यार  किया करती थी,  इसलिए शबरी ने कभी  विवाह नहीं किया…

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बांके बिहारी मंदिर | Banke Bihari Temple उत्तर प्रदेश में मथुरा-वृंदावन को पावन धरती माना जाता है , इस धरती पर त्रेतायुग मे स्वयं श्रीमती राधा रानी और श्री कृष्ण ने जन्म लिया था । उनके जन्म से ही ये धरती पवित्र हो गई थी । यहां मथुरा में श्री बांके बिहारी जी का मंदिर है और रोजाना इस दिव्य मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त, दर्शन के लिए आते है। बाकें बिहारी मंदिर (Banke Bihari Temple) में, हजारों की तादाद मे श्रद्धालु दर्शन हेतु आते है लोगों की मानयाता है की यहाँ के बाके बिहारी जी की मूर्ति…

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कोतवालेस्वर महादेव मंदिर | Kotwaleswar mahadev Mandir कोतवालेस्वर महादेव मंदिर ( Kotwaleswar Mahadev Mandir) उत्तरप्रदेश के कानपुर मे स्थित है वैसे तो इस मंदिर को लेकर कई मान्यताएं हैं, इस  मंदिर के पुजारियों का दावा है की कोई भी भक्त जो भी कोर्ट कचरी के चक्कर में फसा हुआ है, अगर वह सच्चे मन्न से इस मंदिर मे आकार भोलेनाथ की आराधना करे तब उसे कोर्ट कचरी के चक्करों से मुक्ति मिल जाती है, और कोर्ट का निर्णय भी भक्त के पक्ष मे ही आता है । भोलेनाथ अपने इस मंदिर में अपने  भक्तों की सभी मुरादे पूरी करते है…

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Karn ka poorvjanam कैसा था ? उसे भाग्य के हाथों इतना कष्ट क्यों झेलना पड़ा था? सूर्यपुत्र कर्ण, महाभारत का एक ऐसा योद्धा था जिसे समझना बेहद मुश्किल है ,जहां एक ओर कर्ण महदानी था, वही दूसरी ओर कर्ण ने महाभारत के युद्ध में ना सिर्फ बुराई का साथ दिया बल्कि, द्रौपदी को नगरवधू कहा और जितना दुर्योधन महाभारत का युद्ध चाहता था उससे कई ज्यादा कर्ण ये युद्ध करना चाहता था । Karn ka poorvjanam कर्ण का पूर्वजन्म निश्चित था लेकिन देव पुत्र होने के बावजूद कर्ण में इतनी बुराई कैसे थी? और महान दानी होने के बावजूद उसकी…

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तुलसी विवाह | Tulsi vivah हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को ना सिर्फ पूजा जाता है बल्कि उसे लक्ष्मी (laxmi) का रूप भी माना जाता है । तुलसी के  पौधे को एक पवित्र पौधा  माना गया है और शस्त्रों मे भी तुलसी पूजन (tulsi pujan) का विषेश विधान है। Tulsi vivah जो भी तुलसी की पूजा करता है, उसके घर में हमेशा सुख और शांति बनी रहती है ।धार्मिक ग्रंथों में तुलसी को श्री कृष्ण(shree krishna) से जोड़ा गया है। कृष्ण भक्त अक्सर तुलसी की माला धारण करते है । और जिस भी भोजन में तुलसी का पत्ता रख…

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