Close Menu
Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    • Silver Jewellery
    • Spiritual T Shirt
    • Spiritual Locket
    • Spiritual Ring
    • Spiritual Bracelet
    0 Shopping Cart
    Buy Spiritual ProductsBuy Spiritual Products
    0 Shopping Cart
    Home » मीनाक्षी मंदिर (Meenakshi Temple): माता पार्वती को समर्पित इस मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा
    Temple

    मीनाक्षी मंदिर (Meenakshi Temple): माता पार्वती को समर्पित इस मंदिर का इतिहास और पौराणिक कथा

    Prabhu BhaktiBy Prabhu BhaktiJuly 25, 2023Updated:July 25, 2023
    Share
    Facebook WhatsApp

    मीनाक्षी मंदिर (Meenakshi Mandir) को मीनाक्षी सुंदरेश्वरर मंदिर और अम्मां मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह मंदिर भगवान् शिव और उनकी पत्नी पार्वती को समर्पित है जो देवी पार्वती के सबसे पवित्र में से एक है। इस मंदिर के आसपास ही मदुरई नामक शहर बसा हुआ है, यह भारत के सबसे प्राचीन शहरों की सूची में शामिल है।

    इतिहासकारों का तो यह भी मानना है कि इस शहर के व्यापारिक सम्पर्क प्राचीन यूनान और एथेंस की सभ्यताओं तक थे। जिनके बारे में संस्कृत भाषा में कुछ इस प्रकार उल्लेख किया गया है :

    ।। कांची तु कामाक्षी,

    मदुरै मिनाक्षी,

       दक्षिणे कन्याकुमारी ममः

       शक्ति रूपेण भगवती,

       नमो नमः नमो नमः।।

    मीनाक्षी मंदिर के पीछे पौराणिक कथा ( Mythical story of Meenakshi Temple ) 

    ऐसी रानी जो दक्षिण भारत के मदुरै से उत्तर भारत में कैलाश पर्वत तक अपना दूल्हा खोजने गई थी। यही रानी मीनाक्षी नाम से आगे प्रसिद्ध हुई क्योंकि उनकी आंखे मछली की आकृति के जैसी सुन्दर है।  

    मदुरै के राजा पांड्य को कोई संतान नहीं थी पूजा-पाठ करने के बाद देवताओं ने प्रसन्न होकर निःसंतान राजा को एक पुत्री दी।  उस पुत्री को विभिन्न कलाओं और विज्ञानों के प्रशिक्षण दिया गया। राजा ने अपनी पुत्री को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया। रानी ने अपने पिता द्वारा दी जा रही जिम्मेदारी को सँभालते हुए विश्व पर विजय पाने का निश्चय किया।

    अपने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए रानी ने उत्तर दिशा की ओर रुख किया और वहां सभी देवताओं, शिव गणों और नंदी बैल तक को मात दे दी। सबसे आखिर में उसे एक युवा व्यक्ति ने हराया जो वैरागी का भेष धारण किये स्वयं भगवान् शिव ही थे। जब भगवान् शिव और रानी मीनाक्षी ने एक दूसरे को देखा तो रानी को आभास हुआ कि वह तो पिछले जन्म में देवी पार्वती थीं। इस जन्म में देवी ने मीनाक्षी के रूप में जन्म लिया है।  

    अपनी यह सच्चाई से अवगत हो जाने के बाद वह रानी वैरागी युवा और सभी देवताओं के साथ मदुरै की ओर निकल पड़ी ताकि वे भगवान् शिव रूपी सुंदरेश्वर से विवाह कर पाए। मदुरै में जाने के बाद दोनों का विवाह हुआ उस समय पूरी पृथ्वी के लोग एकत्रित हुए थे। इसे एक बहुत बड़ी घटना के रूप में देखा जाता है।  

    भगवान् विष्णु इस विवाह का संचालन के लिए अपने बैकुंठ धाम निकले थे पर उन्हें इंद्र के कारण देरी हो गई। जिसके चलते विवाह का संचालन स्थानीय देवता कूडल अझघ्अर द्वारा किया गया। इस बात से भगवान् विष्णु क्रोधित हो गए और उन्होंने मदुरई में कभी ना आने की कसम खाई। बाद में विष्णु को अन्य देवताओं द्वारा खूब मनाया गया तब जाकर उन्होंने मीनाक्षी-सुन्दरेश्वर का पाणिग्रहण सम्पन्न कराया।

    मीनाक्षी मंदिर का इतिहास ( History of Meenakshi Temple )

    इस मंदिर के निर्माण के संबंध में ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण इंद्र देव ने करवाया था, जब वे अपने द्वारा किये गए कुकर्मों का प्रायश्चित करने के लिए तीर्थ यात्रा पर निकले थे। उस दौरान मदुरै लिंगम की चमत्कारी शक्तियां देखकर वे आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने वहां मंदिर का निर्माण करवाने का निश्चय किया।    

    इतिहासकार कहते हैं कि इस मंदिर को मालिक काफूर नामक मुस्लिम आक्रमणकारी ने साल 1310 में ध्वस्त कर दिया था। इसके बाद नायक वंश से संबंध रखने वाले अरण्यनाथ मुदलियार की निगरानी में इसका पुनर्निर्माण करवाया गया।  

    मीनाक्षी मंदिर की वास्तुकला ( Architecture of Meenakshi Temple )

    यह द्रविड़ शैली में निर्मित मंदिर का एक उत्कृष्ट उदाहरण है जिसके परिसर को उच्च चिनाई वाली दीवारों में द्वारा चतुष्कोणीय बाड़ों में बांटा गया है। इस प्रत्येक बाड़े को कम्पास के चार बिंदुओं पर चार मामूली टावरों द्वारा संरक्षित किया गया है।

    इस मंदिर में भगवान् गणेश की सुन्दर मूर्ति है जो एकल पत्थर से निर्मित है। मीनाक्षी सुन्दरेश्वरर मंदिर में एक विशाल मंडप है जिसे 100 स्तम्भों का हाल भी कहा जाता है।  

    मीनाक्षी मंदिर में मनाया जाने वाला ख़ास त्यौहार

    मदुरै में रहने वाले लोग यहाँ मंदिर में हो रहे भजन की आध्यात्मिक ध्वनि से अपनी नींद से जागते हैं। यहाँ अप्रैल से मई के महीने में मीनाक्षी और सुन्दरेश्वरर के विवाह को लेकर कित्तिरई नामक प्रसिद्ध त्यौहार मनाया जाता है।

    (देवी पार्वती के दुर्गा रूप का आशीर्वाद सदैव अपने साथ बनाये रखने के लिए दुर्गा कवच में समाहित शक्तियों का प्रयोग किया जाता है। यदि आप लम्बे समय से किसी परेशानी से जूझ रहे हैं तो Durga Kavach Locket को धारण करने से आपको एक अद्भुत साहस की प्राप्ति होगी और आप अपनी परेशानी पर जीत पा सकते हैं)

    Share. Facebook WhatsApp
    Previous ArticleMadar plant : आइये जानें क्यों है आक का पौधा इतना ख़ास और मदार की जड़ के टोटके
    Next Article विरुपाक्ष मंदिर ( Virupaksha Temple ): रामायण काल के किष्किन्धा कहे जाने वाले विरुपाक्ष मंदिर का इतिहास

    Related Posts

    Kashi Vishwanath Mandir: जानिये आखिर कैसे हुई काशी में विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति?

    Nanda Devi Temple : नंदा देवी मंदिर का समय , इतिहास और तस्वीरें

    Gyanvapi Case News: ज्ञानवापी का विवाद एवं इसका इतिहास

    Leave A Reply Cancel Reply

    Special for You

    vodka casino

    Uncategorized May 12, 2025

    Еще в браузере есть возможность сохранить такие данные, что упрощает следующие посещения, но будет безопасным…

    Лучшиe бeздeпoзитныe бoнуcы кaзинo зa peгиcтpaцию c вывoдoм в 2025 гoду

    May 9, 2025

    Бетис Осасуна: прогноз на матч 11 мая 2025 года, Ла Лига, коэффициенты и ставки на Спортсе

    May 9, 2025

    Осер Гавр: точный прогноз и ставка на матч чемпионата Франции 4 мая 2025

    May 9, 2025
    Recent
    • vodka casino
    • Лучшиe бeздeпoзитныe бoнуcы кaзинo зa peгиcтpaцию c вывoдoм в 2025 гoду
    • Бетис Осасуна: прогноз на матч 11 мая 2025 года, Ла Лига, коэффициенты и ставки на Спортсе
    • Осер Гавр: точный прогноз и ставка на матч чемпионата Франции 4 мая 2025
    • Рейтинг лучших онлайн казино 2023 с быстрыми выплатами и бездепозитными бонусами

    Mahashivratri 2024 Date : जानें- तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

    Festival March 4, 2024

    महाशिवरात्रि | Mahashivratri  महाशिवरात्रि सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। इस दिन भगवान शिव…

    Hanuman Jayanti 2024 में कब है? जानिए तारीख, पूजा का समय और जरूरी बातें

    Festival February 27, 2024

    हनुमान जयंती | Hanuman Jayanti हनुमान जयंती सनातन धर्म का प्रमुख उत्सव है जिसे हनुमान…

    Recent Posts
    • vodka casino
    • Лучшиe бeздeпoзитныe бoнуcы кaзинo зa peгиcтpaцию c вывoдoм в 2025 гoду
    • Бетис Осасуна: прогноз на матч 11 мая 2025 года, Ла Лига, коэффициенты и ставки на Спортсе
    • Осер Гавр: точный прогноз и ставка на матч чемпионата Франции 4 мая 2025
    • Рейтинг лучших онлайн казино 2023 с быстрыми выплатами и бездепозитными бонусами
    Sale is Live
    Oversized t-shirt
    Top Product
    • Silver Jewellery
    • Spiritual T Shirt
    • Spiritual Locket
    • Spiritual Ring
    • Spiritual Bracelet
    Imp Links
    • Privacy Policy
    • Shipping and Delivery Policy
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
    • Privacy Policy
    • Shipping and Delivery Policy
    • Terms and Conditions
    • Disclaimer
    © 2022-23 Prabhubhakti Private Limited

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.