खरमास क्या होता है? ( Kharmas Kya hota hai? )
जब सूर्य मीन राशि में गोचर करता है तो उस माह में खरमास (Kharmas) की शुरुआत मानी जाती है। ज्योतिष शास्त्र में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब भी देवताओं के राजा कहे जाने वाले सूर्य देव बृहस्पति की 2 राशि धनु और मीन में गोचर करते हैं तब खरमास का महीना लगता है।
हिन्दू धर्म में कुछ ऐसे माह आते है जब किसी शुभ कार्य को करने की सख्त मनाही होती है। खरमास उन्हीं में से है बाकी चातुर्मास और श्राद्ध ऐसा समय है जब कोई भी कार्य किया जाना प्रतिबंधित होता है।
खरमास कब लगता है ? ( Kharmas Kab Lagta Hai ?)
साल में दो बार ऐसा समय आता है जब खरमास (Kharmas) लगता है। जब-जब सूर्यदेव मीन और धनु राशि में गोचर करते हैं तब-तब खरमास लगता है।
खरमास की पौराणिक कथा ( Kharmas Ki Pauranik Katha )
खरमास का संबंध सूर्यदेव के सात घोड़ों और गधों से जुड़ी हुई है। खरमास का संधि विच्छेद करने पर ज्ञात होता है खर यानी गधा और मास मतलब महीना। इस तरह से खरमास का तात्पर्य है ऐसा महीना जिसमें गधे की भूमिका हो। अब आपको बताते हैं इसके पीछे प्रचलित एक कथा के बारे में।
दरअसल एक बार सूर्यदेव अपने सात घोड़ों पर बैठकर ब्रह्माण्ड की परिक्रमा कर रहे थे। परिक्रमा करने के दौरान सूर्यदेव को कहीं भी रूकने की मनाही है क्योंकि उनकी परिक्रमा रूकते ही पूरी सृष्टि के क्रियाकलाप रूक सकते हैं।
परिक्रमा करते-करते वे घोड़े काफी ज्यादा थक चुके थे जिस कारण वे रुक गए। वहीँ सूर्यदेव भी घोड़ों की यह दुर्दशा देख चिंतित हो उठे। इस चिंता के समाधान के लिए वे एक तालाब के निकट रुके ताकि घोड़ों को पानी पिला सकें। परन्तु उन्हें अचानक आभास हुआ कि ऐसा करने से बहुत कुछ गलत हो सकता है इसलिए उन्होंने तालाब के पास मौजूद खरों को अपने रथ से जोड़ दिया और घोड़ों को वहीँ आराम करने के लिए छोड़ दिया।
जिस कारण परिक्रमा की गति बहुत ज्यादा धीमी हो गई। यह क्रिया लगभग एक माह तक चली इसलिए इसे खरमास कहा गया है। एक माह बाद विश्राम कर रहे घोड़ों को फिर से सूर्यदेव ने रथ में लगा दिया। इस तरह हर सौर वर्ष में यह प्रक्रिया दोहराई जाती है।
खरमास में क्या करें? ( Kharmas me Kya Kare? )
1. खरमास की अवधि के दौरान प्रतिदिन सूर्य पूजा की जानी चाहिए और सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
2. इस माह में जितना हो सके दान-पुण्य करें। ऐसा करने जातकों की कुंडली में मौजूद सभी प्रकार के दोष और अशुभ फल समाप्त हो जाएंगे।
3. गरीबों की हर संभव सहायता करें।
4. इस माह में अपने इष्टदेव की पूजा किये जाने का महत्व भी बहुत अधिक माना गया है।
खरमास में क्या न करें? ( Kharmas me Kya na Kare? )
1. इस माह में गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन और किसी भी तरह का शुभ कार्य करना प्रतिबंधित है।
2. इस दौरान निवेश या संपत्ति ख़रीदने की सख्त मनाही है।
3. इस महीने में कोई भी नई वस्तु जैसे- गहने, कपड़े आदि ख़रीदने से बचें।
4. यदि संभव हो तो इस एक माह में गेहूं, चावल, मूंग दाल, आम, सुपारी, सेंधा नमक आदि का सेवन न करें।
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