4 मुखी रुद्राक्ष का महत्व ( Significance of Four Mukhi Rudraksha ) | 4 mukhi rudraksha benefits
चार मुखी रुद्राक्ष संसार के जड़-चेतन के स्वामी ब्रह्मा जी का प्रतिनिधित्व करता है। इस रुद्राक्ष के अधिपति देवता ब्रह्मा जी और अधिपति देवी सरस्वती मानी जाती है जबकि इस रुद्राक्ष के अधिपति ग्रह बुध देव हैं। इसका अर्थ है कि यह char mukhi rudraksha ब्रह्मा के समान रचनात्मक, सरस्वती के समान ज्ञानी और कलात्मक गुणों से भरपूर है। बुध देव इसके अधिपति ग्रह होने के कारण यह रुद्राक्ष कुंडली में कमजोर बुध की स्थिति और उसके दोषों को दूर करने का कार्य भी करता है। इसका महत्व छात्रों के लिए बहुत अधिक है।
![4 mukhi rudraksha](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/4-mukhi-108-malamain_960x.webp)
रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है।What are the benefits of Rudraksha
दूसरे शब्दों में कहें तो चार मुखी रुद्राक्ष पढ़ने-लिखने वाले छात्र वर्ग, शिक्षक, कला के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए सबसे उत्तम है। यह तो सभी को मालूम है कि rudraksh का उद्भव भगवान शिव के अश्रुओं से हुआ है इसलिए यह भोलेनाथ को अत्यधिक प्रिय है। परन्तु रुद्राक्ष के हर मुख में किसी न किसी देवी-देवता और ग्रह का वास है। जिस कारण हर रुद्राक्ष की विशेषताएं बदल जाती हैं। आज हम आपको चार मुखी रुद्राक्ष के बारे में बताने जा रहे हैं।
4 मुखी रुद्राक्ष के फायदे ( 4 mukhi rudraksha benefits in hindi )
आइये जानते हैं चार मुखी रुद्राक्ष के लाभ :
1. इसे धारण करने से संचार कौशल के विकास और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।
1. इसे धारण करने से संचार कौशल के विकास और आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।
![4 mukhi rudraksha price](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/IMG_20221001_112234-scaled-1-1024x1024.jpg)
3. यह rudraksh पढ़ाई में स्कूली छात्रों के लिए अत्यंत लाभकारी है।
4. char mukhi rudraksha पत्रकारों, शिक्षकों, लेखकों और शोधकर्ताओं के कौशल में वृद्धि करता है।
5. बुध ग्रह से संबंधित दोषों वाले जातकों को यह रुद्राक्ष अवश्य ग्रहण करना चाहिए।
चार मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें? ( How to wear four mukhi rudraksha? )
1. Rudraksh ki mala को धारण करने के लिए सबसे शुभ दिन सोमवार माना जाता है।
2. इस दिन भगवान शिव की पूजा कर, शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
3. इसके बाद भोलेनाथ का नाम लेकर आसन पर बैठ जाए और चार मुखी रुद्राक्ष के धारणीय मंत्र का 108 बार जाप करें।
2. इस दिन भगवान शिव की पूजा कर, शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
3. इसके बाद भोलेनाथ का नाम लेकर आसन पर बैठ जाए और चार मुखी रुद्राक्ष के धारणीय मंत्र का 108 बार जाप करें।
![char mukhi rudraksha](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/4-mukhi-rudraksha-kantha-mala-500x500-2-1024x1024.webp)
4. अब चार मुखी रुद्राक्ष को मन्त्रों का उच्चारण करते हुए रुद्राक्ष माला धारण करें।
5. ध्यान रहे कि रुद्राक्ष धारण करने के बाद भगवान शिव की नियमित रूप से पूजा अवश्य की जानी चाहिए।
4 मुखी रुद्राक्ष की पहचान ( Identification of Four mukhi rudraksha )
1. चार मुखी रुद्राक्ष को पहचानने का सबसे पहला तरीका है उसमें निर्मित धारियों को पर गौर करना। इस रुद्राक्ष की पहचान ही चार धारियां है।
2. 4 मुखी रुद्राक्ष में विद्युत चुंबकीय तत्वों का समावेश होता है इसलिए जब इसे दो सिक्कों के बीच रखा जाता है तो इसमें एक गति देखने को मिलती है। उस गति के चलते यह खुद-ब-खुद किसी भी दिशा में मुड़ने लगता है। आप इस परिक्षण को घर में उपयोग में लाए जाने वाले सिक्कों से करके देख सकते हैं।
![4 mukhi rudraksha mala](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/4-Mukhi_2-1024x1024.jpg)
4 मुखी रुद्राक्ष कौन पहन सकता है? ( Who can wear Four Mukhi Rudraksha? )
4 मुखी रुद्राक्ष को छात्र वर्ग, शिक्षक, कला के क्षेत्र से संबंध रखने वाले लोग, पत्रकार, शोधकर्ता आदि पहन सकते हैं।
4 मुखी रुद्राक्ष कब पहनना चाहिए? ( When to wear Four Mukhi Rudraksha? )
4 मुखी रुद्राक्ष को पहनने के सबसे शुभ दिन सोमवार का माना जाता है क्योंकि रुद्राक्ष में भगवान शिव का वास माना जाता है।
![4 face rudraksha](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/FourMukhiUpright_1024x1024@2x-965x1024.webp)
किस राशि वालों को चार मुखी रुद्राक्ष पहनना चाहिए?।Which Rashi can wear Rudraksha
यदि वृष राशि, मिथुन राशि, कन्या राशि और तुला राशि के लोग चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करते हैं तो यह उनको अत्यधिक लाभ पहुंचाएगा। चार मुखी रुद्राक्ष इन चार राशियों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।
![4 mukhi rudraksha
Photo](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/71mVUVevDzL._AC_UF10001000_QL80_-300x257.jpg)
Photo
रुद्राक्ष कौन नहीं पहन सकता है। Who Cannot wear Rudraksha
हमेशा याद रखें कि मांस खाते, धूम्रपान या शराब का सेवन करते समय रुद्राक्ष पहनने से बचें। इससे न केवल रुद्राक्ष की पवित्रता का उल्लंघन होता है, बल्कि जातक की जीवनशैली पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि सोने के बाद शरीर अशुद्ध हो जाता है। रुद्राक्ष की पवित्रता पर भी असर पड़ता है![lord shiva tshirt](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/mahadev-tshirt-for-Men-1.png)
![lord shiva tshirt](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/mahadev-tshirt-for-Men-1.png)
4 मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है? | Char Mukhi Rudraksha pehene se kya hota hai
चार मुखी रुद्राक्ष (Char mukhi rudraksha) धारण करने से छात्रों की एकाग्रता मजबूत होगी तो शिक्षा के क्षेत्र में शुभ फल प्राप्त होंगे। यह न केवल एकाग्रता बल्कि बुद्धि के विकास के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है। इसके साथ इसे धारण करने से वाणी पर भी अनुकूल प्रभाव होता है, बातों में सौम्यता और मधुरता आती है।
सबसे अच्छा रुद्राक्ष कौन सा है? | Sabse achaa rudraksha konsa hai
चार मुखी रुद्राक्ष (Char mukhi rudraksha) को धारण करना सबसे अच्छा माना जाता है. माना जाता है कि यह अच्छा भाग्य लेकर आता है. जिससे न केवल धन लाभ होता है, बल्कि जीवन में सुख और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है.
![4 mukhi rudraksha images](https://prabhubhakti.in/wp-content/uploads/2022/06/4-mukhi-108-malamain_960x.webp)
कौन सा रुद्राक्ष बहुत शक्तिशाली है? | Konsa Rudraksha bhut shaktishaali hai
इच्छा की पूर्ण पूर्ति से केवल भगवान शिव पर ध्यान केंद्रित करने की सर्वोच्च क्षमता प्राप्त होती है। इसलिए, 21 मुखी रुद्राक्ष (21 mukhi rudraksha) को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए सबसे शक्तिशाली उपकरण माना जाता है, क्योंकि 21 मुखी पहनने के परिणामस्वरूप पहनने वाले की सभी सांसारिक इच्छाएं संतुष्ट होती हैं।
2 Comments
नजर दोष के लक्षण
नजर दोष को कैसे हटाया जाए
नजर दोष