सावन का पावन महीना, यानि की भगवान शिव का प्रिय महीना। भारत देश जोकि त्योहारों का देश है। यहां समय-समय अलग-2 त्योहार मनाए जाते है। हर त्योहार को मनाने के पीछे उसका कोई न कोई पौराणिक कथा होती है। वैसे ही हिंदु धर्म के प्रचलित त्योहारों में से एक सावन का त्योहार भी है, जोकि हर साल मनाया जाता है। हिंदु लोगों के लिए जितना खास सावन का महीना होता है, उतनी ही सावन के महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि। वैसे तो हर साल सावन पर एक शिवरात्रि आती है। लेकिन इस साल सावन पर दो शिवरात्रि का संयोग बन रहा है।
सावन में मासिक शिवरात्रि कब है?।when will shivratri in 2023
इस बार दो शिवरात्रि मनाई जाएगी है। जिनमें से पहली शिवरात्रि जोकि 15 जुलाई को मनाई गई थी। तो वहीं दूसरी शिवरात्रि 2 अगस्त को मनाई जाएगी। माना जाता है कि इस दिन शिव जी का प्राकट्य हुआ था। कुछ मान्यताओं के अनुसार इस दिन शिव जी देवी पार्वती के साथ विवाह के बंधन में बंधे थे।
शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त कब से है?
सावन में अधिकमास की मासिक शिवरात्रि का व्रत 14 अगस्त 2023 को है. इस दिन अधिकमास की चतुर्दशी तिथि 14 अगस्त को सुबह 12.25 मिनट से 15 अगस्त दोपहर 12.42 मिनट तक रहेगी।वहीं शिव पूजा का शुभ समय प्रात: 12.04 – प्रात: 12.48 (15 अगस्त 2023) तक होगा।
सावन शिवरात्रि व्रत महत्व ।Sawan Shivratri Significance
सावन माह के शुरुआत से कांवड़ यात्रा शुरू होती जो सावन शिवरात्रि पर खत्म होती है कांवड़िए पैदल यात्रा कर कांवड़ में गंगाजल भरकर लाते हैं सावन शिवरात्रि के दिन उस जल से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं। मान्यता है ऐसा करने पर शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। हर तरह के दुख दूर होते हैं और व्यक्ति को मनचाहा फल मिलता है। शिवरात्रि पर रात्रि प्रहर की पूजा का विशेष महत्व है इस दिन चारों प्ररह पूजा करने से धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की प्राप्ति होती है।
क्यों खास है इस बार का सावन
इस बार का सावन बेहद ही खास माना जा रहा है। क्योंकि इस बार के सावन में लगभग 19 सालों बाद शुभ योग बन रहा है। सावन इस बार एक नहीं बल्कि पूरे दो दिन के लिए मनाया जा रहा है।इस बार श्रावण अधिक मास होने की वजह से पूरे 59 दिनों तक भगवान भोलेनाथ की भक्ति का अवसर प्राप्त होगा. सावन के महीने में इस बार 8 सोमवार पड़ रहे है।
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