“वृंदावन की पवित्र भूमि में बांके बिहारी मंदिर का महत्व”
Vrindavan Corridor – वृंदावन एसी जगह है जहा भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद सदेव अपने भक्तों पर बना रहता, भक्तों को उनका आशीर्वाद उनकी मनोकामनाए उनकी सम्पूर्ण इकछाए सब पूरी होती हैंवृंदावन, बाँके बिहारी मंदिर काफी प्रसिद्द हैं, होगा भी क्यूँ नहीं इसका इतिहास है ही इतना सुंदर हैं; बाँके बिहारी मंदिर भारत में मथुरा जिले के वृंदावन धाम में बिहारीपुरा में स्थित है। यह भारत के प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। बाँके बिहारी कृष्ण का ही एक रूप है जो इसमें प्रदर्शित किया गया है ।1}
इसका निर्माण 1864 में स्वामी हरिदास ने करवाया था।बांके बिहारी जी वृन्दावन यह एक ऐसी पावन भूमि है, जिस भूमि पर आने मात्र से ही सभी पापों का नाश हो जाता है। ऐसा आख़िर कौन व्यक्ति होगा जो इस पवित्र भूमि पर आना नहीं चाहेगा तथा श्री बाँकेबिहारी जी के दर्शन कर अपने को प्रसनन करना नहीं चाहेगा। आइए अब जानते है Vrindavan Cooridor के बारे में {1}
“वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर के धार्मिक मान्यताएं और चमत्कार”
जितनी बाँके बिहारी मंदिर की खूबसूरती हैं उससे कई गुना ज्यादा इसकी मान्यता हैं जो भक्तों को बहुत लुभाती हैं; आईए इनकी कुछ मानयातों पर चर्चा करते है:
इस मंदिर में बिहारी जी की काले रंग की प्रतिमा है. मान्यता है कि इस प्रतिमा में साक्षात् श्री कृष्ण और राधा समाए हुए हैं. इसलिए इनके दर्शन मात्र से राधा कृष्ण के दर्शन का फल मिल जाता है. बांके बिहारी जी की मूर्ति को चमत्कारी माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भक्त बांके बिहारी के दर्शन करता है वह उन्हीं का हो जाता है. भगवान के दर्शन और पूजा करने से व्यक्ति के सभी संकट मिट जाते हैं.
बिहारी जी की मूर्ति को किसी ने बनाया नहीं है, यह प्रतिमा अपने आप उत्पन्न हुई है. कहा जाता है कि श्री हरिदास की अनन्य भक्ति से प्रसन्न होकर बांके बिहारी वृंदावन के निधिवन प्रकट हुए थे.|मंदिर में उनकी मूर्ति के आगे एक पर्दा लगा है जो हर दो मिनट में हिलता है ताकि कोई भी बांके बिहारी को एक टक न देख सके. माना जाता है,कि उनकी मूर्ति में इतना आकर्षण है कि लोग उन्हें देखते ही उनकी ओर खींचे चले जाते हैं. साथ ही उनकी आंखों से अपने आप आंसू बहने लगते हैं.
बाँके बिहारी मंदिर की इतनी मान्यता हैं जिस वजह से यहाँ सदेव भक्तों की भारी संख्याओ मे भीड लगी रहती हैं, जिस कारण कई भक्तों को सामने से दर्शन नहीं होते हैं बाहर से बाहर ही निकल जाना पड़ता हैं।इसी वजह से उत्तर प्रदेश सरकार ने बाँके बिहारी मंदिर मे कॉरिडोर बनने का निर्णय लिया, जिससे भक्तों अपने प्रभु के दर्शन कर पाए।अब हम आपको यह बताते हैं की,
यह Vrindavan Corridor आखिर हैं क्या?
वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के लिए कॉरिडोर बनाने की योजना है। यह कॉरिडोर 5 एकड़ में फैला होगा। कॉरिडोर के ऊपरी हिस्से का क्षेत्रफल 11,600 वर्ग मीटर होगा और निचले हिस्से का क्षेत्रफल 11,300 वर्ग मीटर होगा. कॉरिडोर में श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर के साथ-साथ चार और प्राचीन मंदिरों के दर्शन भी कर सकेंगे.वाराणसी के काशी विश्नवनाथ कॉरिडोर की तरह ही मथुरा के बांके बिहारी मंदिर में भी कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरुवात बहुत पहले ही हो गई है। ये पूरा कॉरिडोर पांच एकड़ में बनाया जाएगा।कॉरिडोर का लक्ष्य एक समय में श्रद्धालुओं की क्षमता 800 से बढ़ाकर 5,000 करना है. कॉरिडोर में 10,000 तक श्रद्धालुओं के लिए जगह होगी.
पिछले साल ही अगस्त में बांके बिहारी मंदिर में दर्शन करने पहुंचे यूपी के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने बताया था कि ये कॉरिडोर मंदिर और यमुना नदी को जोड़ेगा। ये ठीक वैसा ही होगा जैसा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर मंदिर और गंगा नदी से जुड़ा है.प्रस्तावित प्लान के मुताबिक, Vrindavan Corridor से मंदिर जाने के तीन रास्ते होंगे पहला रास्ता जुगल घाट से होगा. दूसरा रास्ता विद्यापीठ चौराहे से और तीसरा जादौन पार्किंग से होगा। जुगल घाट से जो रास्ता बनेगा, उसकी सड़क 25 मीटर चौड़ी होगी। वहीं, विद्यापीठ चौराहे की सड़क 7 मीटर और जादौन पार्किंग की 15 मीटर चौड़ी होगी. इन तीन रास्तों से मंदिर पहुंचा जा सकेगा।
क्या क्या खास होगा ? Vrindavan Corridor मे :
बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर दो मंजिला होगा और जैसे-जैसे श्रद्धालु कॉरिडोर में आगे बढ़ते जाएंगे, वैसे-वैसे मंदिर के दर्शन होने लगेंगे। Vrindavan Corridor में श्रद्धालुओं के लिए कई सुविधाएं भी होंगी, जिनमें सामान घर, जूता घर, प्रसाधन और पीने के पानी की व्यवस्था होगी. साथ ही चिकित्सा और बच्चों की देखभाल की सुविधा भी होगी.इस कॉरिडोर में परिक्रमा मार्ग भी बनाया जाएगा. इसका ऊपरी हिस्सा 11 हजार 600 वर्ग मीटर का होगा, जबकि निचला हिस्सा 11 हजार 300 वर्ग मीटर का।
– प्रस्तावित कॉरिडोर में श्रद्धालु बांके बिहारी मंदिर के साथ-साथ चार और प्राचीन मंदिर के दर्शन भी कर सकेंगे. इनमें मदन मोहन मंदिर और राधावल्लभ मंदिर भी शामिल है. ये दोनों प्राचीन मंदिर हैं। तक इस कॉरिडर के बनने का बस प्लान ही सामने आया है लेकिन ये कब तक बन कर तैयार होगा इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन आशा करते है ये कॉरिडर जल्द ही बन कर तैयार होगा और बाके बिहारी लाल अपने भक्तों को आराम से अपने दर्शन दे पाएंगे , तो बलों बाके बिहारी लाल की जय ।