वास्तु दोष ( Vastu Dosh ) क्या होता है?
वास्तु शास्त्र में सुख-समृद्धि के सूचक कुछ महत्वपूर्ण तत्व बताये गए है जिनमें हेर-फेर होने से या थोड़ा सा भी परिवर्तन होने से जीवन की गाड़ी डगमगा के चलने लगती है। हर कदम पर ऐसा लगता है जैसे कोई शक्ति है जो अच्छा होने से रोक रही है। दरअसल यह हमारे घर या आस-पास में मौजूद बुरी शक्तियां ही होती हैं जिन्हें ज्योतिष की भाषा में वास्तु दोष नाम दिया गया है। हिन्दू धर्म में वास्तु दोष के कई प्रकार हैं, जिनका उल्लेख नीचे किया गया है :
सीढ़ी के वास्तु दोष ( Seedhi ke Vastu Dosh )
वास्तु शास्त्र में इस बार का उल्लेख किया गया है कि सीढ़ियों का निर्माण उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर और पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। जो लोग पूर्व दिशा की तरफ सीढ़ी का निर्माण करवा रहे हैं वे इस बात का ध्यान रखें कि वह सीढ़ी पूर्व की दीवार से सटी न हो उनमें कम से कम 3 इंच का फासला जरूर होना चाहिए। यदि सीढ़ियां इस दिशा में नहीं होती है तो यह वास्तु दोष की श्रेणी में आता है। गलत दिशा में सीढ़ियों का निर्माण कराये जाने से यह व्यक्ति को अवनति की ओर धकेलता चला जाता है।
सीढ़ियों का वास्तु दोष निवारण :
- सीढ़ी के लिए वास्तु दोष उपचार में सबसे पहला है सीढ़ियों की शुरुआत और अंत में दरवाजे बनवाएं।
- सीढ़ियों की संख्या विषम में नहीं होनी चाहिए।
- मिट्टी के बर्तन में बारिश का पानी भरकर मिट्टी के ढक्कन से ढंके और फिर इसे सीढ़ी के नीचे मिट्टी में दबा दें।
- सीढ़ी के नीच जूते-चप्पल व अन्य सामान न रखें।
- घर की सीढ़ियां घुमावदार न हो।
दक्षिण मुखी घर का वास्तु दोष ( Dakshin Mukhi Ghar Ka Vastu Dosh )
घर में दक्षिण मुखी दोष कुछ मुख्य परिस्थितियों को छोड़कर अशुभ माना जाता है क्योंकि दक्षिण दिशा में शनि देव विराजमान हैं। यदि दक्षिण दिशा में घर है तो वह हर काम में अड़ंगे का काम करता है। ऐसे में इस दोष से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के उपाय किये जाते हैं।
दक्षिण दिशा वास्तु दोष निवारण:
- दक्षिण दिशा में वास्तु दोष की समाप्ति के लिए द्वार के बिल्कुल सामने आशीर्वाद वाली मुद्रा में हनुमान जी की तस्वीर या प्रतिमा लगाएं। इससे वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं।
- घर के सामने थोड़ी सी दूरी पर यदि नीम का वृक्ष है तो यह दोष अपने प्रभाव को कम कर देता है।
- यदि किसी दक्षिण दिशा में बने हुए घर के सामने उससे बड़ा कोई मकान खड़ा हो गया है तो इससे भी दक्षिण मुखी घर का वास्तु दोष समाप्त होता है।
उत्तर दिशा का वास्तु दोष ( Uttar Disha Ka Vastu Dosh )
घर की उत्तर दिशा में यदि वास्तु दोष होता है तो व्यक्ति को व्यापार से संबंधित भारी नुक्सान उठाने पड़ते हैं। किसी भी क्षेत्र में तरक्की नहीं होती है। साथ ही हमेशा आर्थिक तंगी की परेशानी उठानी पड़ती है।
उत्तर दिशा का वास्तु दोष निवारण:
- घर की उत्तर दिशा में तुलसी का पौधा लगाएं।
- उत्तर दिशा में दर्पण लगाना शुभ माना जाता है।
- उत्तर दिशा में कुबेर की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करने से शुभ फल मिलते है।
ईशान कोण वास्तु दोष ( Ishaan Kon Vastu Dosh )
घर में यदि ईशान कोण वास्तु दोष है तो उस घर में की जा रही सभी पूजा अर्चना न व्यर्थ है क्योंकि उसका फल प्राप्त नहीं होता है। पूर्व और उत्तर दिशाएँ जहाँ पर मिलान करती हैं उसे ईशान कोण या ईशान दिशा कहा जाता है। मान्यता है इस कोण में देवी-देवताओं और आध्यात्मिक ऊर्जाओं का वास होता है।
अगर ईशान कोण में शौचालय या गंदगी वाले स्थान हैं तो यह अवनति की ओर ले जाता है। इसलिए सैप्टिक टैंक को इस दिशा में नहीं बनवाना चाहिए। यह दोष तब भी बनता है जब कोण ऊँचा हो या फिर उत्तर दिशा की लम्बाई घट रही हो। इससे धन की भारी हानि उठानी पड़ सकती है।
ईशान कोण वास्तु दोष निवारण:
- घर में बड़े शीशे को लगाया जाना चाहिए।
- इस दोष के निवारण के लिए गुरु यन्त्र का प्रयोग किया जाना चाहिए।
- भोजन को ढूंढ़ने निकले पंछियों की तस्वीर लगाना शुभ माना जाता है।
- जल स्त्रोतों जैसे नदियां, झील, तालाब आदि की तस्वीर लगानी चाहिए।
ब्रह्म स्थान का वास्तु दोष ( Braham Sthan Ka Vastu Dosh )
ब्रह्म स्थान घर का गर्भ स्थल कहा जाता है वास्तु शास्त्र में इस स्थान का अपना अलग महत्व है। यह क्योंकि ब्रह्मा जी का स्थान है इसलिए इसे हमेशा खाली रखा जाना चाहिए या फिर कम भारी चीजें यहाँ रखनी चाहिए। अत्यधिक भारी सामान इस स्थान पर रखे जाने से व्यक्ति को मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है।
ब्रह्म स्थान वास्तु दोष निवारण :
- ब्रह्म स्थान को हमेशा खाली रखें और ऐसा सम्भव न हो तो कम भारी चीजें रखें।
- वहां पर अत्यधिक साफ़ सफाई रखने।
- ब्रह्म स्थान हवादार होना चाहिए इसलिए खिड़की और दरवाजे खुले रखें।
संपूर्ण वास्तु दोष निवारण यन्त्र ( Sampoorn Vastu Dosh Nivaran Yantra )
सम्पूर्ण वास्तु दोष निवारण के लिए कई प्रकार अलौकिक यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इनमें मुख्यतः Feng Shui Vastu Kachhua, Dhan Laxmi Kuber Yantra, Feng Shui Vastu Crystal Navgrah Pyramid, Vastu/Feng Shui Education Tower, संकट निवारण यन्त्र में संकट मोचक हनुमान जी का Ashta Siddh Balaji Kavach और शनि यन्त्र या Shani Yantra Locket शामिल है।
वास्तु दोष दूर करने वाले पौधे ( Vastu Dosh Door Karne Waale Paudhe )
कई ऐसे पौधे हैं जो वास्तु दोष को खत्म कर सकते हैं। इनमें तुलसी का पौधा, पराजित का पौधा, मनीप्लांट, और शमी के पौधे शामिल हैं।
इस दिशा में लगाएं पौधे :
- तुलसी का पौधा घर के पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में रखा जाना शुभ माना जाता है।
- पराजिता के पौधे को स्वर्ग का पौधा कहा गया है। जिस भी घर में यह पौधा होता है वहां भगवान् का वास जरूर होता है।
- मनीप्लान्ट की घर दक्षिण पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
- शमी का पौधा रखने से घर में शनि का प्रकोप समाप्त होता है।