Shani Yantra Locket Buy Online
- शनि की साढ़े साती, शनि की महादशा के लिए यह बहुत कारगर उपाय है।
- यह यंत्र आपको धीरज, शक्ति और मनोबल प्रदान करता है।
- जिज्ञासु एवं सोचने वाले व्यक्तियों को तर्कसंगत बनाता है।
- इसके प्रभाव से व्यक्ति का मूलाधार चक्र संतुलित होता है।
- इस यंत्र को अपने घर,कारखाने या बटुए में स्थापित करने से अपार धन और संपत्ति आती है।
- यह आपको आप सही निर्णय लेने में सक्षम बनाता है।
- इसके द्वारा एक व्यवसायी व्यक्ति को व्यवसाय में संभावनाओं का अवसर मिलता है।
- इसके प्रभाव से आप दुर्भाग्य और अनुचित कठिनाइयों से बच जाते हैं।
- Shani yantra locket buy online to reduce the malefic effects of Saturn and this miraculous yantra is also used to remove obstacles and troubles in life.
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Shani yantra का उपयोग शनि ग्रह या भगवान शनि को शांत करने के लिए किया जाता है। यह शनि की साढ़े-साती के प्रभाव से पीड़ित लोगों के लिए अनुशंसित है। इसकी दैनिक पूजा करने के साथ ही शनि मंत्र का जाप करने से भगवान शनि को शांत किया जाता है। इसके प्रभाव से जटिल मामलों में ठहराव और अन्य कठिन परिस्थितियों को रोकने में मदद मिलती है।
शनि ग्रह को प्रसन्न करने के लिए Shri Shani Yantra की स्थापना व पूजा करनी चाहिए। प्राचीन वैदिक ग्रंथों के अनुसार शनि एक निर्दयी ग्रह है। ज्योतिष की दृष्टि से शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। यह तुला राशि में उच्च का और मेष राशि में नीच का होता है। ऐसा कहा जाता है कि शनि ग्रह हमारे पिछले कर्मों के लिए एक न्यायाधीश के रूप में कार्य करता है।
शनि ग्रह नौकरियों और सेवाओं, धातुओं, उद्योगों, आयु, गरीबी, कठिनाइयों, रोगों, सभी प्रकार की बाधाओं और स्वार्थों का प्राकृतिक निदान करता है। जिस जातक की कुंडली में शनि कमजोर या क्रूर होता है, उसे जीवन भर कष्ट भोगने पड़ते हैं और बहुत परिश्रम करने पर भी उसकी प्रगति मंद हो जाती है।
हालांकि, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह अनुकूल है तो वह अपने व्यवसाय / करियर में विशेष रूप से उन क्षेत्रों में बहुत अच्छी सफलता, नाम और प्रसिद्धि प्राप्त कर सकता है। इसके लिए व्यक्ति को Shani Yantra Locket गले मे धारण करना चाहिए। जनसंपर्क गतिविधियों में प्रसिद्धि, सफलता और जोश पाने के लिए शनि यंत्र की स्थापना की जाती है। Shani Yantra Pendant जादुई शक्तियों को प्रतिध्वनित करता है। इस यंत्र में हीलिंग दैवीय शक्तियां होती हैं जिसके द्वारा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह यंत्र ध्यान के लिए भी उपयोग किया जाता है।
1. यह शनि की स्थिति में सुधार करता है और शनि के दुष्प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
2. Shani Dev Yantra के प्रभाव से व्यापार में सफलता आती है।
3. यह व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास जागृत करके उसके लिए सामाजिक रूप से प्रतिष्ठा और सम्मान का निर्माण करता है।
4. Shani yantra ke fayde में एक फायदा यह भी है कियह न्याय और सही निर्णय की शक्तियों को बढ़ाता है।
5. यह जीवन में सभी कठिनाइयों को दूर करने के लिए साहस और शारीरिक शक्ति देता है।
6. यंत्र आपको अधिक केंद्रित और ऊर्जावान बनाता है।
7. यह यंत्र जिस स्थान पर स्थापित होता है उस स्थान को ऊर्जा प्रदान करता है।
8. यह आपको दिव्य स्रोत से जोड़ता है।
9. Shani Dev ka Yantra के प्रभाव से विभिन्न मंत्र-साधनाएं की जा सकती हैं।
10. ब्रह्मांडीय ऊर्जा का जबरदस्त प्रभाव प्राप्त करने के लिए हर व्यक्ति को इस यंत्र की पूजा करनी चाहिए।
1. Shani yantra को अपने घर या कार्यालय मे विराजमान करने के लिए आपको सबसे पहले प्रात-काल में उठकर स्नान आदि करना चाहिए।
2. Saturn Shani Yantra को अपने सामने रखकर जातक को 11 या 21 बार शनि भगवान के सबसे प्रमुख मंत्र “ऊँ शं शनैश्चराय नम:” का जाप करना होता है।
3. इसके पश्चात इस यंत्र पर गंगाजल छिड़क दें और शनिदेव के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि वह आपको अधिक से अधिक शुभ फल प्रदान करें।
4. ध्यान रखे की इस प्रभावशाली यंत्र को स्थापित करने के बाद इसे नियमित रूप से धोकर Shani puja करें ताकि इसका प्रभाव कम ना हो। यदि आप इस यंत्र को बटुए या गले में धारण करते हैं तो स्नान आदि के बाद अपने हाथ में यंत्र को लेकर उपरोक्त विधि पूर्वक उसका पूजन करें इस से आपको जल्द ही शनि देव की कृपा से लाभ मिलेगा।
शनि यंत्र मंत्र ( Shri Shani Yantra Mantra )- “ऊँ शं शनैश्चराय नम:“

1. हर शनिवार पीपल के वृक्ष पर तेल का दीपक जलाएं।
2. शनि देव को तेल और काले वस्त्र अर्पित करें।
3. शनिवार के दिन हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाना चाहिए।
4. शनि महाराज को उड़द की दाल खिचड़ी या काला तिल बहुत प्रिय है।
हिन्दू धर्म शास्त्रों में महिलाओं को शनिदेव की प्रतिमा या शिला को स्पर्श करने की सख्त मनाही है, ऐसा करने से उनमें नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अत्यधिक बढ़ता है। महिलाएं शनिददेव की पूजा कर सकती हैं, पीपल के वृक्ष पर तेल का दीपक जला सकती हैं और शनिवार के दिन दान आदि कर शनि महाराज की पूजा कर सकती हैं।
शनिदेव की पूजा में लोहे या मिट्टी का दीपक, काले वस्त्र, सरसों का तेल, काले तिल, उड़द की दाल, नीले रंग का फूल आदि सामान लगता है।
शनिदेव को सबसे प्रिय काली वस्तुएं होती हैं इसलिए शनिवार के दिन काली वस्तुएं, काले वस्त्र या भोग उन्हें अर्पित किये जाते हैं।
शनिवार के व्रत में मीठे और काले पदार्थ खाने चाहिए जैसे काले तिल से बना व्रत का भोग, उड़द की दाल वाली खिचड़ी, काले जामुन, काले अंगूर और गुलाब जामुन आदि।
शनिदेव की मूर्ति को घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि शनिदेव को अपनी ही पत्नी से श्राप मिला हुआ कि वे जिस किसी पर भी अपनी दृष्टि डालेंगे उनका अनिष्ट हो जाएगा। यही कारण है कि शनिदेव की प्रतिमा या मूर्ति घर में नहीं रखनी चाहिए।