शनि दोष ( Shani Dosh )
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि दोष को सभी प्रकार के दोषों में सबसे ज्यादा कष्टदायक माना गया है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष का योग है या शनि कुंडली में गलत घर पर विराजमान हो तो जातक को शनि दोष के लक्षण स्वयं ही दिख जाते है। जीवन में नाकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है। कार्यों में बाधा आती है और जातक का स्वास्थ्य आपका साथ नहीं देता है। क्योंकि शनि देवता धीमी प्रवर्ती के देव है, इसी वजह से इसका असर कुंडली पर लम्बे समय तक रहता है।
What is Shani Dosh?
शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है इस तरह शनि दोष व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है। शनिदेव व्यक्ति के बुरे कर्मों का दंड उन्हें प्रदान करते है। जब व्यक्ति की राशि में शनि दोष लगता है तो उसे अपने जीवन में कई तरहे के संघर्षों से जूझना पड़ता है। आजीविका चलाने के लिए कई उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। जब व्यक्ति को समय-समय पर रोग घेरे रहें, आर्थिक संकट आ जाये, बुरी चीजों में लिप्त होने का मन करे, ये सभी शनि दोष के लक्षण हैं।
शनि दोष के लक्षण (Shani Dosh Ke Lakshan)
1. समय से पहले आँखें कमजोर होना।
2. कम उम्र में बाल अत्यधिक झड़ना।
3. सर में अधिक दर्द रहना।
4. नास्तिक होना या भगवान का हर बात में मजाक बनाना
5. अपने से बड़े-बुजुर्गों का अपमान करना।
6. चोरी करना, जुआ खेलना और सट्टे लगाना।
7. मस्तिष्क में सदैव द्वन्द रहना।
8. जरूरत से ज्यादा आलसी और चालाक होना।
2. कम उम्र में बाल अत्यधिक झड़ना।
3. सर में अधिक दर्द रहना।
4. नास्तिक होना या भगवान का हर बात में मजाक बनाना
5. अपने से बड़े-बुजुर्गों का अपमान करना।
6. चोरी करना, जुआ खेलना और सट्टे लगाना।
7. मस्तिष्क में सदैव द्वन्द रहना।
8. जरूरत से ज्यादा आलसी और चालाक होना।
शनि दोष निवारण उपाय ( Shani Dosh Nivaran Upay )
शनि दोष से भयभीत न हो, करे उपाय :
शनि वह देवता है जिनके नाम से देवता भी भयभीत हो जाते है। शनि ग्रह की छवि हमारे ज्योतिष में एक न्यायप्रिय देवता की है जो नया में विश्वास रखते है। यह अच्छे कर्मों का अच्छा और बुरे कर्मो का बुरा परिणाम देते है परन्तु कभी कभी अनजाने मे की हुई गलतियों से भी शनि देव रुष्ट हो जाते है जिसकी वजह से जीवन में तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार यह आपकी कुंडली में शनि दोष बन के आता है और जीवन कठिनाइयों से भर जाता है इसलिए जरुरी है की शनि दोष का निवारण जल्द से जल्द किया जाये। आज हम आपको इस लेख मे बताएँगे की शनि दोष क्या होता है और शनि दोष के लक्षण क्या है। साथ ही साथ हम शनि दोष के उपाय पर भी चर्चा करेंगे।
शनि वह देवता है जिनके नाम से देवता भी भयभीत हो जाते है। शनि ग्रह की छवि हमारे ज्योतिष में एक न्यायप्रिय देवता की है जो नया में विश्वास रखते है। यह अच्छे कर्मों का अच्छा और बुरे कर्मो का बुरा परिणाम देते है परन्तु कभी कभी अनजाने मे की हुई गलतियों से भी शनि देव रुष्ट हो जाते है जिसकी वजह से जीवन में तरह तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार यह आपकी कुंडली में शनि दोष बन के आता है और जीवन कठिनाइयों से भर जाता है इसलिए जरुरी है की शनि दोष का निवारण जल्द से जल्द किया जाये। आज हम आपको इस लेख मे बताएँगे की शनि दोष क्या होता है और शनि दोष के लक्षण क्या है। साथ ही साथ हम शनि दोष के उपाय पर भी चर्चा करेंगे।
How to Check Shani Dosh in Kundali?
Shani Dosha की पहचान करना कोई कठिन कार्य नहीं है। बस इतना मालूम होना चाहिए की शनि का मेल अगर मेष राशि मे हो तो वो नीच माना जाता है और इसी को हम शनि दोष कहते है। कई बार देखने मे आया है की अगर शनि ग्रह शत्रु राशि का हो तो भी वो दोष की अवस्था मे आपकी कुंडली मे प्रवेश करता है। यदि शनि सूर्य ग्रह के साथ विराजमान हो और सूर्य अस्त ना हो रहा हो तो इसे भी Shani Dosh का एक रूप माना जाता है। धयान रहे की शनि दोष आपकी कुंडली मे तब भी लग सकता है जब वो चंद्र के साथ हो। ऐसा होने पर जातक को घोर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कुलमिलाकर यह सारी दशा शनि दोष का कारण बनती है।
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How to remove shani effect
Shani dosh nivaran कोई कठिन कार्य नहीं है बल्कि आप अपने रोजमर्रा के जीवन मे अंतर लाके ही शनि की क्रूर दृष्टि से मुक्ति पा सकते है या शनि दोष के असर को कम कर सकते है। बस आपको नीचे दिए गए कुछ शनि दोष से बचने के उपाय को करना होगा।
हर शनिवार को करें यह शनि दोष उपाय
1. स्नान करके मंदिर जाये और पश्चिम दिशा में सरसों के तेल का दिया जलाये।
2. शनि चालीसा का पाठ करे और हाथ जोड़कर उनकी कृपा पाने की लिए प्रार्थना करें।
3. याद रखे की शनिवार के दिन काली वस्तु का दान करें इस से शनिदेव प्रसन्न होते है।
4. ध्यान रखे की शनिवार के दिन लोहे की बनी चीजों का त्याग करें और उन्हें ना खरीदे।
5. अपनी की गयी जानी अंजानी गलतियों के लिए शनि देव से हाथ जोड़कर माफ़ी मांगे।
कौए को भोजन करवाएं।
6. शनिवार को शनिवार के रत्न नीलम को धारण करें परंतु ध्यान रहे कि इस को धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह मशविरा अवश्य कर ले।
7. पीपल के वृक्ष की उपासना करे व उसकी परिक्रमा लगाएं इस से शनिदेव शांत होते है।
8. माना जाता है कि शनिवार के दिन लाल कपड़े पहनने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि दोष के निवारण होते है।
2. शनि चालीसा का पाठ करे और हाथ जोड़कर उनकी कृपा पाने की लिए प्रार्थना करें।
3. याद रखे की शनिवार के दिन काली वस्तु का दान करें इस से शनिदेव प्रसन्न होते है।
4. ध्यान रखे की शनिवार के दिन लोहे की बनी चीजों का त्याग करें और उन्हें ना खरीदे।
5. अपनी की गयी जानी अंजानी गलतियों के लिए शनि देव से हाथ जोड़कर माफ़ी मांगे।
कौए को भोजन करवाएं।
6. शनिवार को शनिवार के रत्न नीलम को धारण करें परंतु ध्यान रहे कि इस को धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह मशविरा अवश्य कर ले।
7. पीपल के वृक्ष की उपासना करे व उसकी परिक्रमा लगाएं इस से शनिदेव शांत होते है।
8. माना जाता है कि शनिवार के दिन लाल कपड़े पहनने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी शनि दोष के निवारण होते है।
Shani Dosha Nivaran
1. शनि दोष से बचने के लिए जातक अगर मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा से करे तो शनि दोष का प्रकोप कुंडली में से बहुत हद तक कम किया जा सकता है इसके लिए शनि दोष मंत्र: का जाप करें।
2. ध्यान रखिये की पूजा करते समय आपको शनि मंत्र ‘ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करें। यह मंत्र अपनी श्रद्धा के अनुसार 5,7, 11, 21 या 101 बार कर सकते हैं।
3. आप भगवान शंकर को प्रिय पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप भी कर सकते है।
महामृत्युंजय मंत्र- ‘ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
4. शनि दोष यदि कुंडली में बहुत नीच स्थान पर है तो इन शनि दोष मंत्र का प्रतिदिन जाप करें।
2. ध्यान रखिये की पूजा करते समय आपको शनि मंत्र ‘ऊँ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’ का जाप करें। यह मंत्र अपनी श्रद्धा के अनुसार 5,7, 11, 21 या 101 बार कर सकते हैं।
3. आप भगवान शंकर को प्रिय पंचाक्षर मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप भी कर सकते है।
महामृत्युंजय मंत्र- ‘ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्
4. शनि दोष यदि कुंडली में बहुत नीच स्थान पर है तो इन शनि दोष मंत्र का प्रतिदिन जाप करें।
Shani Dosha Nivaran Mantra
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
मंत्र- ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत:।।
शनि दोष के उपाय (Shani Dosh Ke Upaay)
Shani Dosh को समाप्त करने का सबसे उत्तम उपाय है शनि यंत्र को घर में स्थापित करना या फिर शनि यन्त्र रूपी लॉकेट को धारण करना। यदि आप किसी शनि दोष से पीड़ित है तो आपको Shani Yantra (शनि यन्त्र) का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। यह शनिदेव को प्रसन्न करने का सबसे सरल और उत्तम माध्यम है।
शनि दोष के अन्य उपाय :
1. हर शनिवार शनिदेव के मंदिर में तेल का दीपक जलाना चाहिए।
2. शनि महाराज को काली वस्तुएं जैसे काला वस्त्र, काला तिल अर्पित करें
3. भोग में उड़द की खिचड़ी और मीठी पूरी चढ़ानी चाहिए।
4. हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
5. शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि दोष की समाप्ति होती है।
6. यदि संभव हो तो घर में शमी का वृक्ष अवश्य लगाएं।
शनि दोष के अन्य उपाय :
1. हर शनिवार शनिदेव के मंदिर में तेल का दीपक जलाना चाहिए।
2. शनि महाराज को काली वस्तुएं जैसे काला वस्त्र, काला तिल अर्पित करें
3. भोग में उड़द की खिचड़ी और मीठी पूरी चढ़ानी चाहिए।
4. हर मंगलवार हनुमान चालीसा का पाठ करें।
5. शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि दोष की समाप्ति होती है।
6. यदि संभव हो तो घर में शमी का वृक्ष अवश्य लगाएं।