आइये जानें एक अरब साल पुरानी Maa Vaishno की गुफा का रहस्य ( Mystery Of Maa Vaishno Cave )
मां वैष्णो देवी की इस प्राचीन गुफा में कैद इस एक रहस्य के बारे में शायद ही आप भी नहीं जानते होंगे। आदिशक्ति मां वैष्णो देवी की प्राचीन गुफा में आज भी क्या है कैद? माता वैष्णो देवी का कौन सा है वो रहस्य जिससे आज भी कई लोग अनजान है।
कहते हैं माता वैष्णो देवी के दरबार में जो भी भक्त आता है तो वह खाली हाथ कभी वापस नहीं लौटता, मां अपने भक्तों की झोली खुशियों से जरूर भर देती है। लेकिन माता की महिमा से आज भी कई लोग अनजान है। कहते हैं कि जम्मू के Katra Vaishno Devi की इस प्राचीन गुफा से जुड़े हुए बहुत से रहस्य है लेकिन इस एक रहस्य को आप भी नहीं जानते होंगे।
कहते हैं माता वैष्णो देवी के दरबार में जो भी भक्त आता है तो वह खाली हाथ कभी वापस नहीं लौटता, मां अपने भक्तों की झोली खुशियों से जरूर भर देती है। लेकिन माता की महिमा से आज भी कई लोग अनजान है। कहते हैं कि जम्मू के Katra Vaishno Devi की इस प्राचीन गुफा से जुड़े हुए बहुत से रहस्य है लेकिन इस एक रहस्य को आप भी नहीं जानते होंगे।
यहाँ जानिये माँ वैष्णो देवी की सम्पूर्ण कथा
दोस्तों वैष्णो माता की कथा ( Vaishno Mata ki katha ) के अनुसार माँ वैष्णों देवी ने जब भैरोंनाथ का वध किया तो उनका सर उड़कर भैरो घाटी में जा गिरा और धड़ गुफा में ही रह गया। कहा जाता है कि वैष्णों देवी की इस गुफा में भैरो का शरीर आज भी मौजूद है जो कि एक पत्थर के रूप में विराजमान है और भक्त गुफा से जाते वक़्त इसी पत्थर के ऊपर से होकर गुजरते है।
आदिशक्ति Vaishno Devi Mata Katra का यह शक्तिपीठ दिव्य स्थानों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि इस स्थान पर माता सती का मस्तिष्क गिरा था, जिसके कई प्रमाण भी मिले हैं। मान्यता है कि त्रिकूट पर्वत की पहाड़ियों पर बसी इस गुफा को गर्भभूजन भी कहा जाता है क्योंकि जिस प्रकार नौ महीने तक एक शिशु अपनी माँ के गर्भ में रहता है, ठीक उसी प्रकार माता वैष्णो देवी भी इस गुफा में नौ महीने तक भैरोनाथ से छिपकर रही थी। इस स्थान पर जो भी आता है तो उसे गर्भ में जाने से मुक्ति मिलती है तथा अगर वह गर्भ में आ भी जाता है तो उसे गर्भ में होने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है।
माना जाता है कि भैरवनाथ के वध के बाद माता रानी तीन पिंडियों के रूप में बदल गयी थी। दाएं में मां काली, बाएं में मां सरस्वती तथा मध्य में माँ लक्ष्मी पिंडी रूप में विराजित है। आज भी वैष्णो देवी का मंदिर के इन पिण्डियों की पूजा उनके परमभक्त कहे जाने वाले श्रीधर के वंशज कर रहे हैं। दोस्तों क्या आप Vaishno Devi Mandir के दरबार गए हैं? क्या Vaishno Devi Yatra करते समय आपको कुछ चमत्कारी अनुभूति हुई है? अपना जवाब हमें कमेंट बॉक्स में जरूर दीजियेगा।
आदिशक्ति Vaishno Devi Mata Katra का यह शक्तिपीठ दिव्य स्थानों में से एक माना जाता है। कहते हैं कि इस स्थान पर माता सती का मस्तिष्क गिरा था, जिसके कई प्रमाण भी मिले हैं। मान्यता है कि त्रिकूट पर्वत की पहाड़ियों पर बसी इस गुफा को गर्भभूजन भी कहा जाता है क्योंकि जिस प्रकार नौ महीने तक एक शिशु अपनी माँ के गर्भ में रहता है, ठीक उसी प्रकार माता वैष्णो देवी भी इस गुफा में नौ महीने तक भैरोनाथ से छिपकर रही थी। इस स्थान पर जो भी आता है तो उसे गर्भ में जाने से मुक्ति मिलती है तथा अगर वह गर्भ में आ भी जाता है तो उसे गर्भ में होने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है।
माना जाता है कि भैरवनाथ के वध के बाद माता रानी तीन पिंडियों के रूप में बदल गयी थी। दाएं में मां काली, बाएं में मां सरस्वती तथा मध्य में माँ लक्ष्मी पिंडी रूप में विराजित है। आज भी वैष्णो देवी का मंदिर के इन पिण्डियों की पूजा उनके परमभक्त कहे जाने वाले श्रीधर के वंशज कर रहे हैं। दोस्तों क्या आप Vaishno Devi Mandir के दरबार गए हैं? क्या Vaishno Devi Yatra करते समय आपको कुछ चमत्कारी अनुभूति हुई है? अपना जवाब हमें कमेंट बॉक्स में जरूर दीजियेगा।