अमावस्या क्या है? ( What is Amavasya? )
हिन्दू पंचांग के हिसाब से अमावस्या ( Amavasya ) हर माह के कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है। हर माह पड़ने वाली अमावस्या की तिथि को कोई न कोई पर्व अवश्य ही मनाया जाता है। Amavasya ke din हम चन्द्रमा को नहीं देख सकते क्योंकि इस अवधि में चन्द्रमा क्षीणता के उच्चतम स्तर पर होता है। चद्र्मा 28 दिनों में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूर्ण करता है। अपनी इस परिक्रमा के दौरान 15 दिनों के लिए चंद्रमा दूसरी ओर होता है इसलिए उसे देखा जाना संभव नहीं। अमावस्या तिथि का स्वामी पितृ देव को माना गया है इसलिए इसे पूर्वजों या पितरों का दिन भी कहा जाता है।
अमावस्या का अर्थ क्या होता है? ( What is the meaning Amavasya? )
अमावस्या ( Amavasya ) दो शब्दों अमा और वस्या से मिलकर बना है। शिव पुराण में इसका वर्णन करते हुए बताया गया है कि अमा यानी एकत्रित करना और वस्या का अर्थ वास करना है। इस प्रकार अमावस्या का शाब्दिक अर्थ हुआ— ऐसी अवस्था जिसमें सभी का वास हो। वहीँ हमारे धर्म ग्रंथों में चन्द्र की 16 वीं कला को अमा की आज्ञा दी गई है, चंद्र मंडल की अमा नामक महाकला में 16 कलाओं की शक्तियां निहित हैं। इसे ही अन्य नामों जैसे अमावस्या, सूर्य-चंद्र का संगम और अमावस कहा जाता है यानी जिसका क्षय या उदय नहीं होता उसे अमावस कहते हैं।
अमावस्या का रहस्य क्या है? ( Mystery of Amavasya )
अमावस्या का रहस्य यह है कि इस दिन चंद्र अपनी क्षीणता के उच्चतम स्तर पर होता है और दिखाई देना बंद हो जाता है। कृष्ण पक्ष के दिन आने वाली यह तिथि दैत्यों के पक्ष में होती है क्योंकि इस दौरान दैत्य क्रियाएं अत्यधिक सक्रिय होती है। इनके सक्रिय होने के चलते ही व्यक्ति के स्वाभाव पर अमावस्या के समय अधिक प्रभाव पड़ता है खासकर भावुक मन वाले व्यक्तियों पर। दानवी प्रवृत्ति का असर पड़ने के कारण ही अमावस में कई तरह के कार्यों पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
अमावस्या कितने प्रकार की होती है? ( Amavasya kitne prakar ki hoti hai? )
हर माह में एक बार अमावस्या आती है इस प्रकार साल में 12 अमावस्या पड़ती हैं यानी अमावस्या 12 प्रकार की होती हैं। आइये जानें 12 प्रकार की अमावस्या के नाम :
1. सोमवती अमावस्या
2. भौमवती अमावस्या
3. मौनी अमावस्या
4. शनि अमावस्या
5. हरियाली अमावस्या
6. दिवाली अमावस्या
7. कुश गृहिणी अमावस्या
8. सर्वपितृ अमावस्या
बाकी दान-पुण्य और स्नान के लिए महत्व रखने वाली अमावस्या माह विशेष और वार के नामों से जानी जाती हैं।
1. सोमवती अमावस्या
2. भौमवती अमावस्या
3. मौनी अमावस्या
4. शनि अमावस्या
5. हरियाली अमावस्या
6. दिवाली अमावस्या
7. कुश गृहिणी अमावस्या
8. सर्वपितृ अमावस्या
बाकी दान-पुण्य और स्नान के लिए महत्व रखने वाली अमावस्या माह विशेष और वार के नामों से जानी जाती हैं।
अमावस्या को पूजा कैसे करें? ( Amavasya ko Puja Kaise karen? )
1. प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
2. सूर्य देव और पितरों को जल अर्पित करें। इससे घर से कलह और दरिद्रता दूर होगी।
3. इसके बाद पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा करें क्योंकि पीपल के वृक्ष में ईश्वर का वास माना जाता है।
4. इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
5. भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें पीले पुष्प, पीला वस्त्र, चन्दन, सुपारी, कुमकुम अर्पित करें।
6. घी का दीपक और धूप जलाकर आराधना करें।
7. इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं और गरीबों या जरूरतमंदों को दान दें।
2. सूर्य देव और पितरों को जल अर्पित करें। इससे घर से कलह और दरिद्रता दूर होगी।
3. इसके बाद पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा करें क्योंकि पीपल के वृक्ष में ईश्वर का वास माना जाता है।
4. इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
5. भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें पीले पुष्प, पीला वस्त्र, चन्दन, सुपारी, कुमकुम अर्पित करें।
6. घी का दीपक और धूप जलाकर आराधना करें।
7. इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं और गरीबों या जरूरतमंदों को दान दें।
अमावस्या के दिन क्या करें क्या ना करें? ( Amavasya ke din kya kare kya na kare? )
1. अमावस्या के दिन सात्विक रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
2. इस दिन किसी दूसरे के घर में भोजन करने से बचना चाहिए।
3. किसी से लड़ाई-झगड़ा या अपशब्द कहने से बचें।
4. प्रातःकाल उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और भगवान विष्णु का पूजन करें।
5. शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और न ही तेल की मालिश करें।
6. चद्रं दोष से पीड़ित लोग गाय को दही या चावल खिलाएं।
7. पीपल के वृक्ष का पूजन कर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए।
8. नाख़ून और सर के बाल नहीं काटने चाहिए।
2. इस दिन किसी दूसरे के घर में भोजन करने से बचना चाहिए।
3. किसी से लड़ाई-झगड़ा या अपशब्द कहने से बचें।
4. प्रातःकाल उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और भगवान विष्णु का पूजन करें।
5. शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और न ही तेल की मालिश करें।
6. चद्रं दोष से पीड़ित लोग गाय को दही या चावल खिलाएं।
7. पीपल के वृक्ष का पूजन कर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए।
8. नाख़ून और सर के बाल नहीं काटने चाहिए।
अमावस्या के दिन क्या खरीदे क्या ना खरीदे? ( Amavasya ke din kya kharide kya na kharide? )
1. इस दिन मांस-मदिरा न खरीदें।
2. नई झाड़ू न खरीदें, ऐसा करने से लक्ष्मी माँ नाराज़ होती हैं।
3. आटा या गेहूं की खरीद नहीं करनी चाहिए।
4. किसी शुभ कार्य मुंडन, गृह प्रवेश आदि न करें।
2. नई झाड़ू न खरीदें, ऐसा करने से लक्ष्मी माँ नाराज़ होती हैं।
3. आटा या गेहूं की खरीद नहीं करनी चाहिए।
4. किसी शुभ कार्य मुंडन, गृह प्रवेश आदि न करें।
अमावस्या के टोटके ( Amavasya ke totke )
1. अमावस्या के दिन पूजा पाठ करने के बाद आटे की गोलियां बनाये और उन्हें तालाब की मछलियों को खिलाएं इससे आपको पुण्य की प्राप्ति होगी और सभी चिंताएं समाप्त हो जाएंगी।
2. अमावस्या के टोटके में एक यह है कि इस दिन काली चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाने से मनोकामना की पूर्ति होती है और आपके द्वारा किये सभी पापों का क्षय होगा।
3. लम्बे समय से नौकरी नहीं मिल रही है तो अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए एक नींबू को साफ कर घर के मंदिर में रखें फिर रात में उस नींबू को बेरोज़गार व्यक्ति के सिर से 7 बार उतारें। उसके बाद नींबू को चार भागों में काटकर चौराहे पर चारों अलग दिशाओं में फेंक दें। यह टोटका जल्दी नौकरी लगने में कारगर साबित होगा।
4. जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष हावी है उन्हें अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा कर नदी में प्रवाहित कर दें। साथ ही Kaal Sarp Dosh Nivaran Yantra भी यन्त्र धारण करें। इस तरह जातक के ऊपर से काल सर्प दोष के प्रभाव कम होने लगेंगे।
5. अमावस्या के टोटके में काल सर्प दोष के निवारण के लिए अमावस्या के दिन घर भगवान शिव का पूरे विधि विधान से पूजन कराएं और Kaal Sarp Yog Yantra को घर में स्थापित करें। इससे सभी संकट टल जाएंगे।
6. धन प्राप्ति के लिए अमावस्या का टोटका यह भी है कि इस दिन पांच लाल पुष्प और पांच जलते हुए दीपक को नदी में प्रवाहित करें। ऐसा करने से लाभ मिलने की पूरी-पूरी संभावना होती है।
7. रात्रि को काले कुत्ते को तेल या घी चुपड़ी रोटी खिलाएं। इससे आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और यदि शत्रु आपके खिलाफ कोई साजिश कर रहे होंगे तो वे असफल हो जाएंगे।
8. Amavasya ke totke में एक टोटका यह अपनाएं कि अमावस्या की संध्या पर लाल बाती वाला गाय के घी का दीपक जलाएं, इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
2. अमावस्या के टोटके में एक यह है कि इस दिन काली चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाने से मनोकामना की पूर्ति होती है और आपके द्वारा किये सभी पापों का क्षय होगा।
3. लम्बे समय से नौकरी नहीं मिल रही है तो अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए एक नींबू को साफ कर घर के मंदिर में रखें फिर रात में उस नींबू को बेरोज़गार व्यक्ति के सिर से 7 बार उतारें। उसके बाद नींबू को चार भागों में काटकर चौराहे पर चारों अलग दिशाओं में फेंक दें। यह टोटका जल्दी नौकरी लगने में कारगर साबित होगा।
4. जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष हावी है उन्हें अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा कर नदी में प्रवाहित कर दें। साथ ही Kaal Sarp Dosh Nivaran Yantra भी यन्त्र धारण करें। इस तरह जातक के ऊपर से काल सर्प दोष के प्रभाव कम होने लगेंगे।
5. अमावस्या के टोटके में काल सर्प दोष के निवारण के लिए अमावस्या के दिन घर भगवान शिव का पूरे विधि विधान से पूजन कराएं और Kaal Sarp Yog Yantra को घर में स्थापित करें। इससे सभी संकट टल जाएंगे।
6. धन प्राप्ति के लिए अमावस्या का टोटका यह भी है कि इस दिन पांच लाल पुष्प और पांच जलते हुए दीपक को नदी में प्रवाहित करें। ऐसा करने से लाभ मिलने की पूरी-पूरी संभावना होती है।
7. रात्रि को काले कुत्ते को तेल या घी चुपड़ी रोटी खिलाएं। इससे आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और यदि शत्रु आपके खिलाफ कोई साजिश कर रहे होंगे तो वे असफल हो जाएंगे।
8. Amavasya ke totke में एक टोटका यह अपनाएं कि अमावस्या की संध्या पर लाल बाती वाला गाय के घी का दीपक जलाएं, इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
अमावस्या को किसकी पूजा होती है? ( Amavasya ko kiski Puja hoti hai? )
हमारे शास्त्रों में वर्णित है कि अमावस्या पितरों को मुक्ति दिलाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए होती है क्योंकि अमावस्या तिथि के स्वामी पितृ देव माने जाते हैं। इस दिन पितरों का श्राद्ध और पूजा किये जाने की परंपरा है। अमावस्या के दिन व्रत रख, पवित्र नदी में स्नान कर फिर पिंडदान करना चाहिए। जिन जातकों की कुंडली में पितृ दोष हो उन्हें अनिवार्य रूप से अमावस्या के दिन इन नियमों का पालन करना चाहिए।
अमावस्या के व्रत में क्या खाना चाहिए? ( Amavasya ke Vrat me kya khana chahiye? )
अमावस्या के व्रत में फलाहार या सात्विक भोजन ग्रहण करें जिसमें सेंधा नमक प्रयोग में लाएं, वहीँ साबूदाने, लौकी, चना, जीरा, सरसों का साग और खीरा इस दिन खाना वर्जित है।
2022 अमावस्या कब की है ( 2022 Amavasya kab ki hai? )
आइये जानते हैं 2022 अमावस कब की है :
पौष अमावस्या ( Paush Amavasya )
रविवार 2 जनवरी, 2022
माघ अमावस्या ( Magha Amavasya )
मंगलवार 1 फरवरी, 2022
फाल्गुन अमावस्या ( Phalguna Amavasya )
बुधवार 2 मार्च, 2022
चैत्र अमावस्या ( Chaitra Amavasya )
शुक्रवार 1 अप्रैल, 2022
वैशाख अमावस्या ( Vaishakh Amavasya )
शनिवार 30 अप्रैल, 2022
ज्येष्ठ अमावस्या ( Jyeshtha Amavasya )
सोमवार 30 मई, 2022
आषाढ़ अमावस्या ( Ashadh Amavasya )
बुधवार 29 जून, 2022
श्रावणी अमावस्या ( Sawan Amavasya )
गुरुवार 28 जुलाई, 2022
भाद्रपद अमावस्या ( Bhadrapada Amavasya )
शनिवार 27 अगस्त, 2022
अश्विन अमावस्या ( Ashwin Amavasya )
रविवार 25 सितंबर, 2022
कार्तिक अमावस्या ( Kartika Amavasya )
मंगलवार 25 अक्टूबर, 2022
मार्गशीर्ष अमावस्या ( Margashirsha Amavasya )
बुधवार 23 नवंबर, 2022
पौष अमावस्या ( Paush Amavasya )
शुक्रवार 23 दिसंबर, 2022
पौष अमावस्या ( Paush Amavasya )
रविवार 2 जनवरी, 2022
माघ अमावस्या ( Magha Amavasya )
मंगलवार 1 फरवरी, 2022
फाल्गुन अमावस्या ( Phalguna Amavasya )
बुधवार 2 मार्च, 2022
चैत्र अमावस्या ( Chaitra Amavasya )
शुक्रवार 1 अप्रैल, 2022
वैशाख अमावस्या ( Vaishakh Amavasya )
शनिवार 30 अप्रैल, 2022
ज्येष्ठ अमावस्या ( Jyeshtha Amavasya )
सोमवार 30 मई, 2022
आषाढ़ अमावस्या ( Ashadh Amavasya )
बुधवार 29 जून, 2022
श्रावणी अमावस्या ( Sawan Amavasya )
गुरुवार 28 जुलाई, 2022
भाद्रपद अमावस्या ( Bhadrapada Amavasya )
शनिवार 27 अगस्त, 2022
अश्विन अमावस्या ( Ashwin Amavasya )
रविवार 25 सितंबर, 2022
कार्तिक अमावस्या ( Kartika Amavasya )
मंगलवार 25 अक्टूबर, 2022
मार्गशीर्ष अमावस्या ( Margashirsha Amavasya )
बुधवार 23 नवंबर, 2022
पौष अमावस्या ( Paush Amavasya )
शुक्रवार 23 दिसंबर, 2022
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