Unsolved mysteries of Indian Temples : यहाँ होती है सर कटी खंडित मूर्तियों की पूजा

दोस्तों माना जाता है जब मूर्ति खंडित हो जाये तो उन्हें खंडित मानकर उनकी पूजा नहीं की जाती लेकिन मंदिर के रहस्य को सुनकर आपके भी होश उड़ जाएंगे। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जंहा पर होती है सर कटी khandit murti ki pooja की पूजा। आखिर क्या है इसके पीछे छिपा रहस्य? ये जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ियेगा।  

दोस्तों लगभग 900 साल पुराने इस Mandir के बारे में कहा जाता है कि यहां पर सर कटी मूर्तियों की पूजा की जाती है। साथ ही यहां पर कई ऐसे चमत्कार भी हुई है जिसे सुनकर हर कोई हैरान हो जाएगा। आखिर क्या है इन सर कटी मूर्तियों का रहस्य आइये जानते हैं।

उत्तर प्रदेश में स्थित देवी यह मंदिर कई सौ साल पुराना है, माना जाता है कि 1600 ईस्वी में औरंगजेब ने यंहा पर स्थापित सभी मूर्तियों के सर कटवा दिए थे। लेकिन यंहा के सभी लोगों ने अपनी आस्था और भक्ति नहीं छोड़ी और मूर्तियों की पूजा जारी रखी।  

यहाँ पर रहने वाले स्थानीय निवासी का कहना है कि कई सौ साल पहले उन्हें उनके घर के बड़े बुजुर्गों ने बताया था कि जब मंदिर की सभी मूर्तियों के गले काट दिए थे तो मूर्तियां खंडित हो गयी थी। मूर्तियां खंडित होने के कारण कोई भी पूजा नहीं कर सका लेकिन जब वे मंदिर में गए तो चौंक उठे।

मंदिर में बिना सर वाली खंडित मूर्तियों ( Khandit murti ) की पूजा पहले से ही की हुई थी। सभी ये देख आश्चर्यचकित रह गए, बहुत देर बाद उन्हें पता चला कि गाँव के किसी भी निवासी ने इन मूर्तियों की पूजा नहीं की थी, फिर इन मूर्तियों की पूजा कौन करके गया था? सब इसी सोच में थे, परन्तु अगले दिन भी उन बिना सिर वाली मूर्तियों की पूजा हुई थी। ऐसा ही कई दिन तक हुआ लेकिन इन मूर्तियों की पूजा किसने की थी और कब की थी आज तक इस बात का किसी को भी पता नहीं चल पाया लेकिन लोगों ने इसे धार्मिक दृष्टि से भगवान का चमत्कार ही बताया।  

दोस्तों माना जाता है कि वर्तमान समय में ये मूर्तियां आज भी मंदिर में मौजूद है, परन्तु बिना सिर वाली मूर्तियों की पूजा होना आज भी एक रहस्य बना हुआ है। अगर आपके आस-पास या आपके साथ कोई ऐसी घटना घटित हुई है जो किसी चमत्कार से कम नहीं है तो आप हमारे साथ जरूर साझा कीजियेगा।

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