केदारनाथ जहां जाने का सपना हर शिव भक्त का होता है। केदारनाथ (Kedarnath Dham) को स्वर्ग की धरती कहा जाता है। कहां जाता है केदारनाथ में हवा सीधे स्वर्ग से आती है।केदारनाथ में हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते है। इसी साल भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़े केदारनाथ में देखने को मिली । जिसके चलते केदारनाथ में दर्शन करने आए श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ावा भी चढ़ाया जाता है। चढ़ावे में किसी भी की चोरी ना हो इस लिए मंदिर ने एक बड़ा फैसला किया है।
बद्री-केदार के अध्यक्ष ने दान किया ग्लास हाउस
केदारनाथ धाम में दान की गिनती में पारदर्शिता लाने के लिए ग्लास हाउस स्थापित किया गया है। बता दें कि यह ग्लास हाउस बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर(Kedarnath Dham) समिति के सदस्य और ऊना निवासी महिंदर शर्मा ने दान कियाहै, और इसे मंदिर परिसर में स्थापित भी कर दिया गया है। ग्लास हाउस कई सुविधाओं से लेस है। जिससे की चढ़ावे में होनी वाली चोरी को रोका जा सकता है।
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केदारनाथ (Kedarnath Dham) में कहा मौजूद है ये ग्लास हाउस
यह ग्लास हाउस मंदिर से मात्र 25 मीटर दूरी पर स्थापित किया गया है। ग्लास हाउस में दैनिक आधार मंदिर में श्रद्धालुओं के चढ़ावे को गिना जाएगा। ग्लास हाउस में चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इनके माध्यम से मंदिर प्रबंधन और श्रद्धालु दोनों दान में दिए गए नकदी, सोने-चांदी और बहुमूल्य वस्तुओं की गिनती को लाइव देख सकेंगे। इस तरह किसी भी गड़बड़ी या चोरी को रोका जा सकेगा। बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर(Kedarnath Dham) समिति के सदस्य और उद्योगपति महिंदर शर्मा ने बताया कि इस ग्लास हाउस के निर्माण में उच्च गुणवत्ता की सामग्री का उपयोग किया गया है। ताकि यह केदारनाथ धाम में सर्दियों में शून्य से पचास डिग्री नीचे तक के तापमान पर भी क्रैक न हो। सर्दियों और गर्मियों में तापमान में भिन्नता को आसानी से सहन कर सके। इसे ऋषिकेश में उत्तर प्रदेश के माहिर कारीगरों ने तीन महीने के रिकॉर्ड समय में बनाया है।
Brass Finish Singhasan with Laddu Gopal
क्यो उठाया गया यह कदम
इस व्यवस्था की शुरूआत सोमवार को बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना के बाद की गई। इस वर्ष लगातार प्रतिकूल मौसम के चलते केदारनाथ धाम(Kedarnath Dham) में सामग्री पहुंचाने में हुई कठिनाइयों के कारण शीशे के कक्ष के निर्माण में कुछ देरी हुई। मंदिर समिती की कार्यप्रणाली में वित्तीय पारदर्शिता लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मंदिर में चढ़ने वाले दान – चढ़ावे में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक दानीदाता के माध्यम से इस ग्लास हाउस का निर्माण कराया गया है।