काली कवच क्या है? | Maa Kali Kavach in hindi
Maa Kali Kavach के बारे में विश्वामित्र सहिंता में जानकारी है कि कवच किसी भी बीमारी को उसके जड़ मूल से समाप्त करने में बहुत प्रभावकारी है। शास्त्रों में यह उल्लेख है कि जब भी देवतागण किसी संकट से घिर जाया करते थे तब वे कवच का प्रयोग कर अपनी आत्मरक्षा करते थे। यह कवच समस्त बुराइयों का खात्मा करने वाली शक्ति प्रदान करता है।
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विश्वामित्र संहिता के मुताबिक, माँ काली कवच किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने में बहुत असरदार है। शास्त्रों के मुताबिक, जब भी देवता किसी संकट में फंस जाते थे, तो वे कवच का इस्तेमाल करके अपनी आत्मरक्षा करते थे।
काली कवच के फायदे | महाकाली कवच के लाभ | Maha kali kavach in Hindi
काली कवच को ही दक्षिणा काली कवच कहा जाता है आइये जानते हैं Dakshina kali kavach benefits :
1. Kali Kavach ke labh यह है कि व्यक्ति के शरीर को सभी प्रकार रोगों से रक्षा प्रदान करता है।
2. यदि कोई व्यक्ति किसी गंभीर रोग से पीड़ित है तो उसको कम करने में भी यह महाकाली कवच प्रभावशाली है।
3. साधक की उसके शत्रुओं पर विजय पाने और रक्षा के लिए प्रयोग में लाया जाता है ये Kali mata ka kavach
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4. यह Adya kali kavach शनि की साढ़े साती के प्रभाव को कम करने में सहायक है।
5. Kali raksha kavach नकारात्मक शक्तियों से हमारी रक्षा करता है।
6. काले जादू से सरंक्षण प्रदान करना आदि Kali Kavach ke fayde हैं।
काली कवच को धारण कैसे करें? | man kali kavach | kalika kavach | mahakali raksha kavach
Kali Kavach पाठ विधि (how to recite kali kavach) :
1. प्रातःकाल स्नान कर देवी की प्रतिमा को चौकी पर रखें।
2. देवी के समक्ष लाल फूल और फल आदि अर्पित करें।
3. दिए गए mantra का जाप करते हुए इस कवच को धारण करें। कवच पाठ करने से देवी की असीम कृपा सदैव आपके साथ बनी रहेगी।
4. ध्यान रहे कि देवी के समक्ष kali kavach locket बिना अर्पित करे इसे धारण करने से इसका प्रभाव कम हो सकता है।
माँ काली की पूजा विधि हिंदी में | काली रक्षा कवच | Kali Raksha Kavach
1. सर्वप्रथम स्नान कर kali devi की प्रतिमा को एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर रखें।
2. उसके बाद माता को गुड़हल के फूल या लाल रंग के फूल, मिष्ठान और चावल अर्पित करने चाहिए।
3. Maa bhadrakali की पूजा के लिए मध्य रात्रि का समय सबसे सही माना जाता है। ध्यान रहे कि goddess mahakali की पूजा एक तो सामान्य तरीके से की जाती है वहीँ दूसरी है तंत्र-मंत्र के लिए देवी की उपासना करना।
4. नैवेद्य और फूल चढ़ाने के बाद maa kali ka mantra का 108 बार जाप करें।
5. माँ काली का भोग सात्विक भी हो सकता है और तामसिक भी। ज्यादातर देवी को तामसिक भोजन जैसे मांस-मदिरा का भोग लगाया जाता है। वैसे काली को गुड़ और उससे बने पदार्थ अत्यधिक प्रिय है।
Who is Kali? | काली कवच कैसे करें | Kali Kavach kaise kare | काली कवच हिंदी में | काली कवच पाठ | काली कवच के लाभ
मां काली स्वरुप का महत्व :
भगवान शिव को काल का नाम दिया गया है तो उनकी पत्नी को Kali nameदिया है। इन्हें Smashan Kali के नाम से भी जाना जाता है। जिस प्रकार शत्रुओं का संहार करने वाले भगवान शिव अधिपति है उसी प्रकार स्त्री रूप में शत्रुओं की संहारक माँ काली का स्वरूप अधिष्ठात्री देवी हैं।
Bhadrakali Goddess के ललाट पर चंद्र विराजमान है। कानों में बालकों के शव लटके हुए है और देवी के होंठों से रक्त प्रवाहित होता है। इन्होने अपने दांतों से अपनी जीभ दबाई हुई है। माँ काली का वाहन गदर्भ है जो तमोगुण का प्रतिमान है। ये मुंडमाला धारण करती हैं। Kali name meaning की बात करें तो काली का अर्थ है ‘काल’ जो सभी को अपने में समा लेता है। ]
माँ काली की कहानी | Maa kali story | Kali Kavach Story
मां भगवती का वह अंश भगवान शिव के शरीर में प्रवेश कर उनके कंठ में स्थित विष से अपना आकार धारण करने लगा. विष के प्रभाव से वह काले वर्ण में परिवर्तित हुआ. भगवान शिव ने उस अंश को अपने भीतर महसूस कर अपना तीसरा नेत्र खोला. उनके नेत्र द्वारा भयंकर-विकराल रूपी काले वर्ण वाली मां काली उत्तपन हुई. उन्होंने बताया कि चंड मुंड नामक असुरों का वध करने के लिए आदिशक्ति मां जगदंबा की एक शक्ति प्रकट हुई जिसका रूप बेहद विकराल था उन्हें ही मां काली कहा गया है.
अब बात करते है कि आखिर देवी पार्वती के काली रूप की उत्पत्ति कैसे हुई?
माँ काली की कथा तो कई सारी प्रचलन में है। यहाँ मधु-कैटभ दानव और उनके वध के बारे में बताया गया है। जब भगवान विष्णु निद्रा में लीन थे उस वक़्त भगवान विष्णु के कीटकर्ण से निर्मित मधु और कैटभ हुए। यह दोनों ही राक्षस ब्रह्मा जी का वध करने पर उतारू थे।इससे डरकर जब ब्रह्मा जी भगवान विष्णु की शरण में पहुंचे तो वे योगनिद्रा में लीन थे। यह देख ब्रह्मा जी ने देवी भगवती की स्तुति करना आरम्भ कर दिया।
स्तुति करते हुए ब्रह्मा जी ने कहा कि हे देवी आपकी ही माया से भगवान विष्णु योगनिद्रा में लीन हैं। कृपया उन्हें निद्रा से जगाएं ताकि इन दोनों राक्षसों का संहार किया जा सके। इसके तुरंत बाद ही भगवान विष्णु नींद से जगे और उन्होंने मधु -कैटभ पर अपनी दृष्टि डाली।भगवान विष्णु ने लगातार 5 हज़ार वर्षों तक राक्षसों से युद्ध किया फिर भी दानवों को हराने में वे नाकामयाब रहे। इसके पीछे का कारण था देवी भगवती द्वारा मिला इच्छामृत्यु का वरदान।
मां काली की स्तुति करने पर निद्रा से जागे भगवान विष्णु
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए भगवान विष्णु ने मन ही मन mahakali mantra की स्तुति की। काली मैया ने तुरंत प्रकट होकर दानवों को मारने का हल दिया।
देवी ने कहा कि मैं दोनों को माया से मोहित कर दूंगी। तब तुम उन्हें मार डालना। इस माया से मोहित हुए दानवों से भगवान विष्णु ने कहा तुम दोनों से मैं अत्यधिक प्रसन्न हूँ। तुम मुझसे अपनी इच्छास्वरूप कोई वर मांग सकते हो।
इस समय दानव देवी की माया में उलझे हुए थे अतः उन्होंने जवाब दिया ‘विष्णो! हम याचक नहीं हैं, दाता हैं। तुम्हें जो माँगना हो हम से मांगो।’ इसके जवाब में विष्णु बोले- ‘तुम मेरे हाथों से मृत्यु स्वीकार करो।’ इस प्रकार विष्णु ने उन राक्षसों मस्तक का अपनी जांघ पर रख सुदर्शन चक्र से अंत कर दिया।
नीचे माता काली से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण मंत्रो और स्तोत्र आदि का जिक्र किया गया है :
काली कवच स्तोत्र | Kali Kavach Stotra
काली का बीज मंत्र | Kali Beej Mantra | काली रक्षा कवच मंत्र | Kali Kavach Mantra
नमः ऐं क्रीं क्रीं कालिकायै स्वाहा।
श्मशान काली मंत्र | Shamshan Kali Mantra
॥ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं कालिके क्लीं श्रीं ह्रीं ऐं ॥
काली ध्यान मंत्र | काली रक्षा मंत्र | kali raksha mantra | mahakali raksha mantra
ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं परमेश्वरि कालिके स्वाहा।
सबसे ताकतवर मां काली का सुरक्षा घेरा मंत्र | Kali Kavach Mantra
‘क्रीं ह्रीं काली ह्रीं क्रीं स्वाहा’
माँ काली शाबर मंत्र | महाकाली रक्षा मंत्र
bhadrakali maa के कई प्रकार के मंत्र है जैसे वैदिक, पौराणिक, तांत्रिक और शाबर मंत्र। इनमें से शाबर मंत्र की बात करें तो यह 2 प्रकार के है जिनका जिक्र यहाँ किया गया है।
माँ काली का शाबर मंत्र
ॐ नमो काली कंकाली महाकाली मुख सुन्दर जिह्वा वाली,
चार वीर भैरों चौरासी, चार बत्ती पूजूं पान ए मिठाई,
अब बोलो काली की दुहाई।
दूसरा शाबर मंत्र
।।ऊँ कालिका खडग खप्पर लिए ठाड़ी
ज्योति तेरी है निराली
पीती भर भर रक्त की प्याली
कर भक्तों की रखवाली
ना करे रक्षा तो महाबली भैरव की दुहाई।।
दक्षिणा काली मंत्र
ह्रीं ह्रीं ह्रुं ह्रुं क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणकालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रुं ह्रुं ह्रीं ह्रीं॥
मां काली के 108 नाम | 108 Goddess Kali Names
यहाँ 108 Names of Kali का उल्लेख किया गया है :
Dakshina Kali Mandir | dakshina kali kavach
काली का पुत्र कौन है?
श्मशान काली फोटो | Kali Maiya Photo – Mahakali Ke Photo – Kali Maiya ke Photo
माँ काली को क्या पसंद है?
2. गुड़हल का फूल उन्हें बहुत पसंद है।
3. लाल रंग के वस्त्र भी देवी बहुत पसंद करती है।
माँ काली का ध्यान कैसे करे?
2. उस स्थान पर चौकी रख उसपर लाल कपड़ा बिछाए और माता की प्रतिमा को रखें।
3. देवी के समक्ष एक दीपक जलाएं।
4. इसके पश्चात काली माता के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
काली माता को कौन सा फूल पसंद है?
काली माता के व्रत कैसे रखे जाते हैं?
माँ काली की घर में फोटो क्यों नहीं रखनी चाहिए?
What is the difference between Kali and Mahakali?
Can we worship Kali at home?
FORMS OF KALI
आद्य काली
चिंतामणि काली
स्पर्शमणि काली
संतति काली
सिद्धि काली
दक्षिणा काली
भद्रकाली
श्मशान काली
अथर्वण भद्रकाली
कामकला काली
गुह्य काली
हंस काली
कलसंकर्षिणि काली
शत्रु नाशक काली बीज मंत्र
काली माँ महाकाली भद्रकाली मंत्र
काली माता के पुत्र कौन थे?
पोनभद्र , कल्हनभद्र , जखभद्र , अतिसुरभद्र , ब्रह्मभद्र और दहीभद्र
श्मशान काली स्तोत्र – काली माँ महाकाली मंत्र
काली और महाकाली में अंतर
Kamkala Kali Kavach
काली माता को कौन सा फूल पसंद है
माता काली का व्रत कैसे किया जाता है
काली माता की शादी किससे हुई थी
सपने में काली जी को देखना | Kali Mata ko Sapne me Dekhna
Maa Kali Stotra in Hindi
कामकला काली कवच
काली मंत्र जाप के लाभ | Kali Mantra Benefits in Hindi (Benefits of chanting Kali Mantra)
- मां काली के मंत्रों को सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है। …
- काली मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
- काली मंत्र का जाप करने से जातक की आंतरिक चेतना जागृत होती है और जीवन में स्थिरता आती है।
3 Comments
Best article about maa kali…
God bless you…🙏🙏🙏
आपकी दी हुई जानकारी बहुत बढ़िया लगी मुझे
जय माता दी ॐ नमः शिवाय