हरसिंगार के पौधे का महत्व ( Significance of Harsingar plant )
हरसिंगार के पौधे को हम पारिजात ( Parijat ka podha ) के नाम से भी जानते है, इसे हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण स्थान हासिल है। इस पौधे को शास्त्रों में कल्पवृक्ष की संज्ञा दी गई है। कहते हैं कि जब समुद्र मंथन से उत्पन्न हुए उन 14 रत्नों में से एक रत्न रूपी पौधा हरसिंगार भी था। मनमोहक और आकर्षक दिखने वाला यह हरसिंगार का पौधा ( har singar plant ) पूजा-पाठ में इस्तेमाल होने के साथ ही हमारी रोजमर्रा की कई सारी परेशानियों को हल किये देता है, जिसके बारे में हम आज हम बात करेंगे।
हरसिंगार का पौधा घर में लगाने से क्या होता है? ( Harsingar ka paudha ghar me lagane se kya hota hai? )
हरसिंगार का पौधा (Har singar plant) घर में लगाना बहुत शुभ माना गया है क्योंकि इसमें ईश्वर का वास माना जाता है इसके अनेकों फायदे हैं आइये जानते इन फायदों के बारे में :
हरसिंगार पौधे के फायदे या पारिजात वृक्ष के फायदे ( Harsingar plant benefits in hindi )
1. हरसिंगार के पौधे (Har singar plant) को घर के आस-पास उत्तर या पूर्व दिशा में लगाने से घर के सभी वास्तु दोष समाप्त हो जाते हैं।
2. श्री हरि और माता लक्ष्मी की पूजा में यदि harsingar ka ped के फूलों को शामिल किया जाए तो इससे भगवान प्रसन्न होते है और शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।
3. कहते हैं जहाँ यह पौधा होता है वहां माँ लक्ष्मी का वास भी अवश्य ही होता है। यदि आप आर्थिक संकट, दरिद्रता से लंबे समय से जूझ रहे हैं, घर में धन नहीं रुक रहा या बरकत नहीं हो रही है तो आपको यह पौधा अवश्य ही लगाना चाहिए।
( जिस प्रकार हरसिंगार का पौधा हमारे वातावरण को शुद्ध कर देवी लक्ष्मी को अपनी ओर आकर्षित करता है उसी तरह अलौकिक शक्तियों से भरपूर Dhan Laxmi Kuber Yantra माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करता है। इसमें समाहित चमत्कारी शक्तियां व्यक्ति को कभी आर्थिक तंगी और दरिद्रता का सामना नहीं करने देती। यदि आप लम्बे समय से आर्थिक तंगी या धन के अभाव से जूझ रहें हैं तो आज ही Dhan Laxmi Kuber Yantra को घर लाएं और विशेष पूजा विधि के द्वारा शुक्रवार को घर में स्थापित करें। )
4. हरसिंगार के पुष्पों की इतनी मनमोहक सुंगंध होती है जो हमारे तनाव को चुटकियों में खत्म कर सकती है। चिंता दूर करने और माहौल खुशनुमा बनाये रखने के लिए यह पौधा काफी लाभकारी है।
5. जिस स्थान पर Parijatham tree लगा होता है वहां के आस-पास के वातावरण से बुरी शक्तियां कोसों दूर रहती हैं।
6. हरसिंगार का पौधा धार्मिक लाभ के साथ हमारी रोजमर्रा की समस्याओं जैसे जोड़ों में दर्द, सर्दी-खांसी, सूखी खांसी, साइटिका, सूजन और दर्द से छुटकारा दिलाता है।
7. हरसिंगार के पत्तों ( harsingar leaves ) का पानी उबालकर उसकी चाय पीने से सर्दी-खांसी और साइटिका में राहत मिलती है। इस तरह ये हरसिंगार का पत्ता के फायदे हैं।
2. श्री हरि और माता लक्ष्मी की पूजा में यदि harsingar ka ped के फूलों को शामिल किया जाए तो इससे भगवान प्रसन्न होते है और शीघ्र ही आपकी मनोकामना पूर्ण होती है।
3. कहते हैं जहाँ यह पौधा होता है वहां माँ लक्ष्मी का वास भी अवश्य ही होता है। यदि आप आर्थिक संकट, दरिद्रता से लंबे समय से जूझ रहे हैं, घर में धन नहीं रुक रहा या बरकत नहीं हो रही है तो आपको यह पौधा अवश्य ही लगाना चाहिए।
( जिस प्रकार हरसिंगार का पौधा हमारे वातावरण को शुद्ध कर देवी लक्ष्मी को अपनी ओर आकर्षित करता है उसी तरह अलौकिक शक्तियों से भरपूर Dhan Laxmi Kuber Yantra माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करता है। इसमें समाहित चमत्कारी शक्तियां व्यक्ति को कभी आर्थिक तंगी और दरिद्रता का सामना नहीं करने देती। यदि आप लम्बे समय से आर्थिक तंगी या धन के अभाव से जूझ रहें हैं तो आज ही Dhan Laxmi Kuber Yantra को घर लाएं और विशेष पूजा विधि के द्वारा शुक्रवार को घर में स्थापित करें। )
4. हरसिंगार के पुष्पों की इतनी मनमोहक सुंगंध होती है जो हमारे तनाव को चुटकियों में खत्म कर सकती है। चिंता दूर करने और माहौल खुशनुमा बनाये रखने के लिए यह पौधा काफी लाभकारी है।
5. जिस स्थान पर Parijatham tree लगा होता है वहां के आस-पास के वातावरण से बुरी शक्तियां कोसों दूर रहती हैं।
6. हरसिंगार का पौधा धार्मिक लाभ के साथ हमारी रोजमर्रा की समस्याओं जैसे जोड़ों में दर्द, सर्दी-खांसी, सूखी खांसी, साइटिका, सूजन और दर्द से छुटकारा दिलाता है।
7. हरसिंगार के पत्तों ( harsingar leaves ) का पानी उबालकर उसकी चाय पीने से सर्दी-खांसी और साइटिका में राहत मिलती है। इस तरह ये हरसिंगार का पत्ता के फायदे हैं।
हरसिंगार के टोटके ( Harsingar ke totke )
1. मंगलवार के दिन हरसिंगार के पौधे ( Harsingar tree ) को हनुमान जी के मंदिर के पास, किसी नदी के पास या सामाजिक स्थल पर लगाने से एक तोला स्वर्ण दान करने जितना पुण्य प्राप्त होता है। इतना ही नहीं हनुमान जी भी प्रसन्न होते है और अपनी कृपा बरसाते हैं।
2. हार सिंगार के बांदे को एक लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखने से धन का कभी अभाव नहीं होता है और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
3. Harsingar ka paudha को किसी शुभ मुहूर्त पर अपने घर के उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में लगाएं, नियमित रूप से उसकी देखभाल करें। ऐसा करने से घर के सभी वास्तु दोषों की सम्पति होती है।
2. हार सिंगार के बांदे को एक लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखने से धन का कभी अभाव नहीं होता है और माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
3. Harsingar ka paudha को किसी शुभ मुहूर्त पर अपने घर के उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में लगाएं, नियमित रूप से उसकी देखभाल करें। ऐसा करने से घर के सभी वास्तु दोषों की सम्पति होती है।
पारिजात का पौधा घर में लगा सकते हैं क्या? ( Parijat ka paudha ghar me laga sakte hain kya? )
पारिजात का पौधा घर में लगा सकते हैं बल्कि यह पौधा तो घर के वास्तु दोष दूर करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
पारिजात का पौधा घर पर कैसे लगाएं? ( Parijat ka paudha ghar par kaise lagaye? )
आइये जानते हैं घर पर पारिजात का पौधा कैसे लगाएं :
1. एक मिट्टी का बर्तन लें जो करीब 16 इंच डायमीटर का हो। साथ ही उस बर्तन के तल पर तीन जल निकासी छेद हों ताकि अतिरिक्त पानी उसमें से निकल सके।
2. वसंत ऋतू इस पौधे को रोपने के लिए सबसे बेहतर है।
3. सर्दियों के मौसम में Parijat ka paudha लगाने से बचें।
4. बीजों को अंकुरित होने से बचाएं।
5. पोटिंग मिक्स में 50% सामान्य गॉर्डन की मिट्टी और 50% आर्गेनिक खाद होनी चाहिए। अच्छी तरह से मिलाकर ट्रे भर दें।
6. हर सेक्शन में एक बीज होना अनिवार्य है उनमें 2 सेमी गहराई बनाकर रखें।
7. आधी पानी न डालते हुए पौधे में नमी बनाएं रखें।
8. छः घंटे तक पौधे को धूप दिखाना ज़रूरी है जबकि पौधा आंशिक धूप और आंशिक छाया में हो।
9. सर्दियों में इस पौधे को नियमित रूप से पानी देने से बचें।
1. एक मिट्टी का बर्तन लें जो करीब 16 इंच डायमीटर का हो। साथ ही उस बर्तन के तल पर तीन जल निकासी छेद हों ताकि अतिरिक्त पानी उसमें से निकल सके।
2. वसंत ऋतू इस पौधे को रोपने के लिए सबसे बेहतर है।
3. सर्दियों के मौसम में Parijat ka paudha लगाने से बचें।
4. बीजों को अंकुरित होने से बचाएं।
5. पोटिंग मिक्स में 50% सामान्य गॉर्डन की मिट्टी और 50% आर्गेनिक खाद होनी चाहिए। अच्छी तरह से मिलाकर ट्रे भर दें।
6. हर सेक्शन में एक बीज होना अनिवार्य है उनमें 2 सेमी गहराई बनाकर रखें।
7. आधी पानी न डालते हुए पौधे में नमी बनाएं रखें।
8. छः घंटे तक पौधे को धूप दिखाना ज़रूरी है जबकि पौधा आंशिक धूप और आंशिक छाया में हो।
9. सर्दियों में इस पौधे को नियमित रूप से पानी देने से बचें।
हरसिंगार के पौधे की पहचान क्या है? ( Harsingar ke paudhe ki pehchan kya hai? )
हार सिंगार का पौधा छोटे या बड़े दोनों रूपों में विकसित हो सकता है। इसके फूल सफ़ेद और सुगन्धित होते हैं। हरसिंगार का छोटा पौधा 10 से 11 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इस पौधे की छाल बहुत कठोर होती है जो परतदार और भूरे रंग की दिखती है।
हरसिंगार में फूल कब आते हैं? ( Har singar me phool kab aate hain? )
हरसिंगार के पौधे (Har singar plant) में फूल आने का समय अगस्त माह से दिसंबर माह तक होता है। जबकि सर्दियों में इस पौधे को लगाने से बचना चाहिए।
पारिजात का फूल कौन से भगवान को चढ़ता है? ( Parijat ka phool kaun se bhagwan ko chadhta hai? )
Parijat ka Phool भगवान श्री हरि और माता लक्ष्मी को चढ़ाया जाता है। यह फूल दोनों को ही अत्यंत प्रिय माना जाता है इसलिए माता लक्ष्मी और श्री हरि के शृंगार में har singar ka ped के फूल प्रयोग में लाये जाते हैं।
हार सिंगार का पत्ते का पानी से क्या होता है? ( Harsingar ke patta ka pani peene se kya hota hai? )
हरसिंगार का पौधा ( harsingar ka paudha ) एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल गुणों से लैस माना जाता है। हरसिंगार के पत्ते का पानी पीने से बुखार, सर्दी, खांसी और साइनस जैसे रोगों में राहत मिलती है। इसके पत्ते को पानी उबालकर इसकी चाय पियें, यह बहुत फायदेमंद मानी जाती है।
हरसिंगार के पत्ते कितने दिन पीना चाहिए?
हरसिंगार के पत्ते ( harsingar leaf ) का पानी सूजन-दर्द, घावों, पेट के कीड़ों, सर्दी, सूखी खांसी, साइटिका से राहत दिलाता है। इसके पत्ते का पानी तब तक पियें जब तक आपको अपनी समस्या से राहत नहीं मिल जाती है।
हरसिंगार के कितने नाम होते हैं? ( Harsingar ke kitne naam hote hain? )
हरसिंगार को पारिजात ( Parijatha ), प्राजक्ता, शेफाली, शिउली, पार्दक, पगडमल्लै, मज्जपु, पविझमल्लि, गुलजाफरी, नाइट जेस्मिन, सिंघार आदि अन्य नामों से भी जाना जाता है।
पारिजात का पेड़ कौन सी दिशा में लगाना चाहिए? ( Parijat ka ped kaun si disha me lagana chahiye? )
Parijat ka pedh उत्तर या पूर्व दिशा में लगाना शुभ होता है। हिन्दू धर्म में इन दिशाओं में ईश्वर का वास माना जाता है इसलिए इन दिशाओं में Parijat ka ped या पौधा लगाने से देव दोषों और वास्तु दोषों से मुक्ति मिलती है।
हरसिंगार के फूल को चेहरे पर लगाने से क्या होता है? ( Har singar ke phool ko chehre par lagane se kya hota hai? )
हरसिंगार का फूल (Har singar phool)को पीस कर चेहरे पर लगाने से त्वचा से जुड़ी समस्याएं जैसे रूखापन, दाग-धब्बे खत्म हो जाती है। इसका प्रयोग यदि नियमित रूप से किया जाए तो चेहरे में चमक आनी शुरू हो जाती है।
हरसिंगार के टोटके | Harsingar ke totke
हरसिंगार के 21 फूल को लाल कपड़े में बांधकर घर या व्यापारिक स्थल के मंदिर में माता लक्ष्मी के पास रख दें। ऐसा करने से व्यापार में अच्छी तरक्की होती है और नौकरी पेशा जातकों के करियर में अच्छे अवसर प्राप्त होते हैं। साथ ही किसी भी तरह की कोई अड़चन आ रही हो तो वह भी दूर हो जाती है।
हरसिंगार का पौधा कैसा होता है | Harsingar ka paudha kaisa hota hai
Harsingar, एक पौधा है जिसमें नारंगी और सफेद रंग के आकर्षक फूल खिलते हैं। इसको पारिजात, रात्रि-फूल वाली चमेली (Night Jasmine), शिउली या शेफाली (Shiuli) जैसे कई नामों से भी जाना जाता है। सुंदर और सुगंधित फूल पाने के लिए इसे मध्यम आकार के गमलों में उगाया जा सकता है।
हरसिंगार का पेड़ कौन कौन सी बीमारी में काम आता है? | Har singar ka ped kon konsi bimaare ke kaam aata hai
हरसिंगार के पौधे ( harsingar ka paudha ) की पत्तियों का उपयोग एक अलग तरह के बुखार, खांसी, गठिया, कृमि संक्रमण आदि के इलाज के लिए किया जाता है। पत्तियों का रस कड़वा होता है और टॉनिक के रूप में काम करता है। इसका काढ़ा गठिया, कब्ज, कृमि संक्रमण के लिए उत्तम होता है।
हरसिंगार के पत्ते कितने दिन पीना चाहिए? | Har singar ke patte kitne din peena chaiye
Har singar ke paudhe की पत्तियों का उपयोग एक अलग तरह के बुखार, खांसी, गठिया, कृमि संक्रमण आदि के इलाज के लिए किया जाता है। पत्तियों का रस कड़वा होता है और टॉनिक के रूप में काम करता है। इसका काढ़ा गठिया, कब्ज, कृमि संक्रमण के लिए उत्तम होता है।
हरसिंगार के कितने पत्ते खाने चाहिए? | Harsingar ke kitne paate khane chaiye
गठिया के दर्द से निजात पाने के लिए आप हरसिंगार के पत्ते, फूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक गिलास पानी में 2-3 हरसिंगार पत्ते (Harsingar patte) और 4-5 फूल को एक साथ उबालें। उसके बाद इसमें 2-3 तुलसी के पत्ते डाल दें। फिर चाय की तरह इसका सेवन करें।