अमावस्या क्या है? | What is Amavasya? | Amavas kya hai
अमावस्या का अर्थ क्या होता है? | What is the meaning Amavasya?
अमावस्या का रहस्य क्या है? | Mystery of Amavasya
अमावस्या कितने प्रकार की होती है? | Amavasya kitne prakar ki hoti hai?
1. सोमवती अमावस्या
2. भौमवती अमावस्या
3. मौनी अमावस्या
4. शनि अमावस्या
5. हरियाली अमावस्या
6. दिवाली अमावस्या
7. कुश गृहिणी अमावस्या
8. सर्वपितृ अमावस्या
बाकी दान-पुण्य और स्नान के लिए महत्व रखने वाली अमावस्या माह विशेष और वार के नामों से जानी जाती हैं।
अमावस्या को पूजा कैसे करें? | Amavasya ko Puja Kaise karen? | अमावस्या की पूजा विधि
2. सूर्य देव और पितरों को जल अर्पित करें। इससे घर से कलह और दरिद्रता दूर होगी।
3. इसके बाद पीपल के वृक्ष की पूजा और परिक्रमा करें क्योंकि पीपल के वृक्ष में ईश्वर का वास माना जाता है।
4. इस दिन तुलसी की 108 परिक्रमा से भी शुभ फल की प्राप्ति होती है।
5. भगवान विष्णु की पूजा कर उन्हें पीले पुष्प, पीला वस्त्र, चन्दन, सुपारी, कुमकुम अर्पित करें।
6. घी का दीपक और धूप जलाकर आराधना करें।
7. इसके बाद ब्राह्मण को भोजन कराएं और गरीबों या जरूरतमंदों को दान दें।
अमावस्या के दिन घर में क्या करना चाहिए ? | Amavasya ke din kya karna chahiye ?
- अमावस्या के दिन सात्विक रहकर ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- प्रातःकाल उठकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें और भगवान विष्णु का पूजन करें।
- पीपल के वृक्ष का पूजन कर उसकी परिक्रमा करनी चाहिए।
अमावस्या के दिन क्या ना करें? | Amavasya ke din kya nahi karna chahiye ?
- इस दिन किसी दूसरे के घर में भोजन करने से बचना चाहिए।
- किसी से लड़ाई-झगड़ा या अपशब्द कहने से बचें।
- शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए और न ही तेल की मालिश करें।
- चद्रं दोष से पीड़ित लोग गाय को दही या चावल खिलाएं।
- नाख़ून और सर के बाल नहीं काटने चाहिए।
अमावस्या के दिन क्या खरीदना चाहिए ? | Amavasya ke din kya kharidna chahiye?
अमावस्या के दिन क्या नहीं खरीदना चाहिए ? | Amavasya ke din kya nahi kharidna chahiye?
- इस दिन मांस-मदिरा न खरीदें।
- नई झाड़ू न खरीदें, ऐसा करने से लक्ष्मी माँ नाराज़ होती हैं।
- आटा या गेहूं की खरीद नहीं करनी चाहिए वरना पितृ नाराज़ हो जाते हैं।।
- किसी शुभ कार्य मुंडन, गृह प्रवेश आदि न करें।
अमावस्या के टोटके | Amavasya ke totke | अमावस्या के उपाय | Amavasya ke upay
2. अमावस्या के टोटके में एक यह है कि इस दिन काली चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा खिलाने से मनोकामना की पूर्ति होती है और आपके द्वारा किये सभी पापों का क्षय होगा।
अमावस्या के दिन कौन सा टोटका करना चाहिए?
3. लम्बे समय से नौकरी नहीं मिल रही है तो अपनी इस इच्छा की पूर्ति के लिए एक नींबू को साफ कर घर के मंदिर में रखें फिर रात में उस नींबू को बेरोज़गार व्यक्ति के सिर से 7 बार उतारें। उसके बाद नींबू को चार भागों में काटकर चौराहे पर चारों अलग दिशाओं में फेंक दें। यह टोटका जल्दी नौकरी लगने में कारगर साबित होगा।
4. जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष हावी है उन्हें अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा कर नदी में प्रवाहित कर दें। साथ ही Kaal Sarp Dosh Nivaran Yantra भी यन्त्र धारण करें। इस तरह जातक के ऊपर से काल सर्प दोष के प्रभाव कम होने लगेंगे।
5. अमावस्या के टोटके (Amavasya ke totke) में काल सर्प दोष के निवारण के लिए अमावस्या के दिन घर भगवान शिव का पूरे विधि विधान से पूजन कराएं और Kaal Sarp Yog Yantra को घर में स्थापित करें। इससे सभी संकट टल जाएंगे।
6. धन प्राप्ति के लिए अमावस्या का टोटका यह भी है कि इस दिन पांच लाल पुष्प और पांच जलते हुए दीपक को नदी में प्रवाहित करें। ऐसा करने से लाभ मिलने की पूरी-पूरी संभावना होती है।
7. रात्रि को काले कुत्ते को तेल या घी चुपड़ी रोटी खिलाएं। इससे आपको अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होगी और यदि शत्रु आपके खिलाफ कोई साजिश कर रहे होंगे तो वे असफल हो जाएंगे।
8. Amavasya ke totke में एक टोटका यह अपनाएं कि अमावस्या की संध्या पर लाल बाती वाला गाय के घी का दीपक जलाएं, इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
अमावस्या को किसकी पूजा होती है? | Amavasya ko kiski Puja hoti hai?
अमावस्या के व्रत में क्या खाना चाहिए? | Amavasya ke Vrat me kya khana chahiye?
अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए? | Amavasya ke din kya nhi karna chaiye
अमावस्या को अशुभ क्यों माना जाता है? | Amavasya ko ashubh kyu manaa jaata hai
अमावस्या की रात क्या करें? | Amavasya ke din kya kare
अमावस्या पर किस भगवान की पूजा करनी चाहिए? | Amavasya par kis bhagwan ki puja karne chaiye
सोमवती अमावस्या पर कैसे पूजा करें? | Somvati Amavasya par kaise puja kare
सोमवती अमावस्या पूजा विधि
यदि संभव हो तो किसी पवित्र नदी में स्नान करें और इसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। साथ ही सूर्य मंत्रों का जप करें। इसके बाद शिवजी की पूजा करें और शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके बाद धतूरा, पुष्प, बेलपत्र आदि शिवजी को अर्पित करें।