साल में दो महीने चलने वाली अमरनाथ यात्रा(Amarnath yatra) की शुरूआत इस साल भी 1 जुलाई से हो चुकी है। एक जुलाई से शुरू हुई बाबा बर्फानी की यह यात्रा 31 अगस्त को खत्म होगी। हर साल की तरह ही इस साल भी बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे। हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा का विशेष महत्व है, और यह हिंदूओं के पवित्र स्थानों में से एक है। लेकिन हाल ही में अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है।
क्यों रोकी गई अमरनाथ यात्रा। kyun roki gyi amarnath yatra
दरअसल अमरनाथ यात्रा( Amarnath yatra)को खराब मौसम के चलते फिलहाल के लिए रोक दिया है। मौसम ठीक होने के बाद ही श्रद्धालुओं को आगे जाने की अनुमति दी जाएगी।मौसम के खराब होने चलते आज बालटाल और नुनवान में श्री अमरेश्वर धाम की तीर्थ यात्रा को रोक लिया गया है। खराब मौसम होने के चलते किसी भी तीर्थ यात्री को पवित्र गुफा की तरफ जाने की अनुमति नहीं दी गई है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक मौसम के साफ होने पर ही श्रद्धालुओं को आगे की तीर्थ यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
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अब तक 80 हजार से ज्यादा श्रद्धालु कर चुके है दर्शन
इस साल जब से यात्रा शुरू हुई है तब से अब तक लगभग 84 हजार से ज्यादा श्रद्धालु बाब बर्फानी के दर्शन करने आ चुके है। एक जुलाई को 3400 श्रद्धालुएं के पहले जत्थे को रवाना किया गया था। यह यात्रा 62 दिन तक चलेगी। अमरनाथ यात्रा (Amarnath yatra)को लेकर सेना के जवान सुरक्षा व्यवस्था चौकस रखने में ड्रोन, डॉग स्कवायड और चप्पे-चप्पे पर निगरानी तलाशी के जरिये कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। बता दें कि पिछली बार 3.60 लाख श्रद्धालु दर्शन के लिए आए थे। वहीं इस बार यह उम्मीद लगाई जा रही है कि यह आंकड़ा 6 लाख के पार जा सकता है।
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अमरनाथ गुफा की कहानी। amarnath ki kahani
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव से अमरत्व का कारण जानना चाहा। तब भगवान शिव ने ऐसे स्थान की तलाश शुरू की जहां उनकी कथा को माता पावर्ती के आलावा कोई और ना सुन सके, और अमरनाथ ही वहीं स्थान था। जहां भगवान शिव ने माता पार्वती को( Amarnath yatra)अमरनाथ कथा सुनाई थी। लेकिन अमरत्व का यह रहस्य माता पार्वती के साथ वहां मौजूद कबूतरों के एक जोड़े ने भी सुन लिया था। श्रद्धालुओं द्वारा इन कबूतरों को आज भी देखने का दावा किया जाता रहा है।
अमरनाथ गुफा का रहस्य। amarnath ka rahasya
अमरनाथ( Amarnath yatra)की पवित्र गुफा गर्मी के कुछ दिनों को छोड़कर साल के अधिकांश समय बर्फ से ढंकी रहती है दिलचस्प बात यह है कि इस पवित्र गुफा में प्रत्येक वर्ष बर्फ का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बनता है । कहा जाता है कि इस गुफा की छत की एक दरार से पानी की बूंदे टपकती है, जिससे बर्फ का शिवलिंग बनता है। क्योंकि ठंड की वजह से पानी जम जाता है, और बर्फ शिवलिंग का आकार ले लेता है। इस शिवलिंग के बगल में दो छोटे और आकर्षक बर्फ के शिवलिंग भी बनते है। जिन्हे माता पार्वती और भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है।