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    Home » Sandipani Ashram Ujjain – जानिये क्यों महाकाल की नगरी उज्जैन से श्री कृष्ण का है ख़ास रिश्ता
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    Sandipani Ashram Ujjain – जानिये क्यों महाकाल की नगरी उज्जैन से श्री कृष्ण का है ख़ास रिश्ता

    Prabhu BhaktiBy Prabhu BhaktiJanuary 12, 2024Updated:January 12, 2024
    Sandipani Ashram Ujjain
    Sandipani Ashram Ujjain
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    आइये जानते हैं – गुरु सांदीपनि कौन थे? | Aaiye jante hain Guru Sandipani kaun hain

    Sandipani Ashram Ujjain – गुरु सांदिपनी  (Guru Sandipani) मूलतः काशी के रहने वाले थे पर वे अपने पुत्रों की मृत्यु के वियोग को सहन नहीं कर पा रहे थे इसलिए उन्होंने काशी छोड़कर उज्जैन में रहने का निश्चय किया था। जब उन्होंने उज्जैन (अवंतिका पूरी) में प्रवेश किया तो वहां सिंहस्थ का मेला लगा हुआ था और वहां अकाल पड़ा था। सभी लोगों में पानी और भोजन को लेकर मरने-मारने की स्थिति बनी हुई थी। जैसे ही वहां के लोगों को पता चला कि अवंतिका पुरी में काशी के विख्यात ऋषि सांदीपनि पधारे हैं तो सभी ऋषि के पास पहुंचे और उन्होंने अपनी नगरी की दशा के बारे में ऋषि को विस्तार से बताया।

    यह सुन ऋषि ने इस समस्या के उपाय के तौर पर भगवान शिव की तपस्या करना आरम्भ कर दिया। ऋषि सांदिपनी (Rishi sandipani) वर्षों तक तपस्या में लीन रहे और अंततः भगवान् शिव उनसे प्रसन्न होकर प्रकट हुए और इच्छित वर के बारे में पूछा। ऋषि ने कहा कि अवंतिका पुरी में अकाल की स्थिति बनी हुई है कृपा इस संकट से हमें छुटकारा दिलाएं।

    उज्जैन से श्री कृष्ण का है ख़ास रिश्ता | Ujjain se shree krishna ka hain khaas rishta

    भगवान् श्री कृष्ण  (Bhagwan Shri Krishna) का भी उज्जैन से बहुत ही ख़ास संबंध माना जाता है क्योंकि महाकाल की नगरी उज्जैन में ही उनकी शिक्षा-दीक्षा सम्पन्न हुई थी। 12 ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlingas) में शामिल महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग जहाँ अवस्थित है उज्जैन के राजा कहे जाने वाले महाकाल की नगरी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि कोई भी दूसरा राजा यहाँ पर नहीं रह सकता है। इन मान्यताओं के हटकर यह स्थान भगवान् श्री कृष्ण (Bhagwan Shri Krishna) की शिक्षा-दीक्षा की भूमि भी माना जाता है। 

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    sandipani ashram
    sandipani ashram

    मात्र 64 दिनों में ग्रहण की शिक्षा | Maatr 64 dinon mein grahan kee shiksha

    यहाँ पर गुरु सांदिपनी  (Guru Sandipani) नामक आश्रम मौजूद है जहँ पर भगवान् श्री कृष्ण, बलराम और उनके मित्र सुदामा ने अपनी शिक्षा ग्रहण की थी। इस बात का श्रीमदभागवत, महभारत और अन्य कई पुराणों में उल्लेख किया गया है। कहा जाता है श्री कृष्ण ने मात्र 64 दिनों में जिसमें से 18 दिनों में 18 धर्म पुराण, 6 दिनों में 6 शास्त्र, 4 दिनों में 4 वेद और 20 दिनों में भगवत गीता का संपूर्ण ज्ञान गुरु सांदिपनी  (Guru Sandipani) से हासिल किया था। साथ ही अपनी गुरु दक्षिणा और सेवा भी इन दिनों में ही पूरी की।  

    भगवान् शिव के वरदान से ही उज्जैन नगरी रहती है समृद्ध | Bhagwan Shiv ke vardhan se hee Ujjain nagri rehte hain samrddh

    उनकी इच्छा सुनने के बाद भगवान् शिव बोले कि हे! ऋषि जब तक इस नगरी में महाकाल (Mahakal) का मंदिर रहेगा तब तक यहाँ कभी कोई महामारी या अकाल नहीं पड़ेगा। यहाँ सैदव समृद्धि बनी रहेगी। यह वरदान देने के बाद भगवान् शिव ऋषि से बोले कि हे! ऋषि (Rishi) मैं आपकी इस जनकल्याण की भावना से अत्यधिक प्रसन्न हुआ हूँ। अतः आपको मैं स्वयं के लिए एक इच्छित वर मांगने के लिए कहता हूँ। यह सुन ऋषि सांदीपनि ने मृत 7 पुत्रों में से अपने एक पुत्र को जीवित माँगा।

    (भगवान् शिव के महाकाल स्वरुप का आशीर्वाद पाने के लिए Mahakal Kavach Locket का प्रयोग करें। यह महाकालेश्वर का आशीर्वाद स्वरुप है।)

    सांदीपनि आश्रम उज्जैन इतिहास | Sandipani Ashram Ujjain History

    प्राचीन उज्जैन, अपने राजनीतिक और धार्मिक महत्व के अलावा, महाभारत  काल की शुरुआत में शिक्षा का एक प्रतिष्ठित केंद्र था । भगवान कृष्ण औरसुदामागुरु सांदीपनि के आश्रम में नियमित शिक्षा प्राप्त की। महर्षि सांदीपनि का आश्रम मंगलनाथ रोड फुट पर स्थित है।
    sandipani ashram ujjain
    sandipani ashram ujjain

    संदीपनी आश्रम क्यों प्रसिद्ध है? | Sandipani Ashram kyu prasid hain

    आश्रम के पास के क्षेत्र को अंकपात के नाम से जाना जाता है, माना जाता है कि यह स्थान भगवान कृष्ण द्वारा अपनी लेखनी को धोने के लिए इस्तेमाल किया गया  था। माना जाता है कि एक पत्थर पर पाए गए अंक 1 से 100 तक गुरु सांदीपनि द्वारा उकेरे गए थे।

    सांदीपनि ऋषि के गुरु कौन थे | Sandipani Rishi ke guru kaun the

    सांदीपनि मुनिके माता का नाम पूर्णमासी था, जिनके गुरु नारद थे।

    संदीपनी ऋषि कौन थे? | Sandipani Rishi kaun the

    भगवान श्रीकृष्ण और बलराम के गुरु महर्षि सांदीपनि थे। सांदीपनि (Sandipani संदीपन ऋषि) ने ही श्रीकृष्ण को 64 कलाओं की शिक्षा दी थी। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गुरु सांदीपनि का आश्रम है। शिक्षा पूरी होने के बाद जब गुरु दक्षिणा की बात आई तो ऋषि सांदीपनि ने कहा कि शंखासुर नाम का एक दैत्य मेरे पुत्र को उठाकर ले गया है।
    sandipani ashram photos
    sandipani ashram photos

    सांदीपनि आश्रम उज्जैन से कितनी दूर है? | Sandipani Ashram ujjain se kitne dur hain

    उज्जैन जंक्शन से 6 किमी की दूरी पर , सांदीपनि आश्रम मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित एक पवित्र मंदिर है।

    सांदीपनि आश्रम का क्या महत्व है? | Sandipani Ashram ka kya mahatv hain

    प्राचीन उज्जैन , अपने राजनीतिक और धार्मिक महत्व के अलावा, महाभारत काल की शुरुआत में शिक्षा का एक प्रतिष्ठित केंद्र था । भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा ने गुरु सांदीपनि (Guru sanipani) के आश्रम में नियमित शिक्षा प्राप्त की।

    कृष्ण सांदीपनि आश्रम में कितने दिन रहे? | Krishna Sandipani Ashram me kitne din rahe

    यह वह पवित्र स्थान है जहाँ किशन जी, बलराम जी और सुदामा जी ने ऋषि सांदीपनि के संरक्षण में अध्ययन किया था। वे यहां 64 दिनों तक रहे  और कुल 64 विद्याएं सीखीं।
    ujjain sandipani ashram
    ujjain sandipani ashram

    सांदीपनि की कहानी क्या है? | Sandipani ki kahani kya hain

    सांदीपनि धनुर्विद्या में निपुण थे। अपनी पढ़ाई पूरी करने पर, सांदीपनि ने अपने बेटे को जीवित करने के लिए कृष्ण और बलराम से गुरु दक्षिणा (पढ़ाई पूरी होने के बाद एक शिक्षक को दिया जाने वाला वेतन) मांगी, जो समुद्र में डूब गया था और मर गया था। श्रीकृष्ण (Shri krishna ) ने अपने गुरु की यह मांग पूरी की।

    कृष्ण ने सांदीपनि से क्या सीखा? | krishna ne Sandipani Ashram se kya sikha

    सांदीपनि (Sandipani)  जिसे कभी-कभी सांदीपन भी कहा जाता है, हिंदू धर्म में कृष्ण और बलराम के गुरु हैं। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने उन्हें सभी वेदों, चित्रकारी की कला, खगोल विज्ञान, गंधर्व वेद, चिकित्सा, हाथियों और घोड़ों को प्रशिक्षित करने और तीरंदाजी के बारे में शिक्षित किया था ।

    संदीपनी का मतलब क्या है? | Sandipani ka matlab kya hain

    सांदीपनि (Sandipani) का अर्थ है: ऋषि , वह भगवान कृष्ण और बलराम के शिक्षक थे। लिंग। लड़का।
    ashram ujjain
    ashram ujjain

    श्रीकृष्ण के गुरु कौन थे – krishna bhagwan ke guru kaun the

    भगवान श्रीकृष्ण और बलराम के गुरु महर्षि सांदीपनि (Sandipani) थे। सांदीपनि ने ही श्रीकृष्ण को 64 कलाओं की शिक्षा दी थी। मध्य प्रदेश के उज्जैन में गुरु सांदीपनि का आश्रम है। शिक्षा पूरी होने के बाद जब गुरु दक्षिणा की बात आई तो ऋषि सांदीपनि ने कहा कि शंखासुर नाम का एक दैत्य मेरे पुत्र को उठाकर ले गया है।

    कृष्ण ने अपनी शिक्षा कहां से ली थी? | Krishna ne apne siksha kaha se le the

    प्राचीन उज्जैन, अपने राजनीतिक और धार्मिक महत्व के अलावा, महाभारत काल की शुरुआत में शिक्षा का एक प्रतिष्ठित केंद्र था। भगवान कृष्ण और सुदामा ने गुरु सांदीपनि के आश्रम में नियमित शिक्षा प्राप्त की।
    sandipani
    sandipani

    कृष्ण और बलराम ने कहां पढ़ाई की थी? | Krishna aur balraam ne kaha padhai ki the

    दुष्ट राजा के मारे जाने के बाद, बलराम और कृष्ण अपनी शिक्षा के लिए उज्जैन में ऋषि सांदीपनि के  आश्रम में गए।
     
     
     
     
     
     
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