हेलो दोस्तों आपका हमारे यूट्यूब चैनल में स्वागत है। यह वीडियो भगवानों पर विश्वास रखने वालों भक्तों के लिए खास है।वो कैसे है, यह आपको इस पूरी वीडियो में देखने के बाद ही पता चलेगा।
शायद ही आपको इस कहानी के बारे में पता होगा, क्योंकि पहली बार हमारे चैनल के जरिये ये कहानी भक्तों के बीच पहुंचेगी। आपने देवप्रयाग नदी के बारे में सुना होगा, लेकिन उसकी चमत्कारी सच्चाई से आप वाकिफ नही होगें। जी हां, देवप्रयाग में अलकनंदा, भागीरथी और गंगा नदी का संगम होता है। यह अत्याधिक पवित्र स्थान है जहां पर तीनों नदियों का संगम होता है। देवप्रयाग एक तीर्थस्थल है जहां पर लोग पूजा-पाठ करने के लिए आते हैं। कुछ लोग तो इस जगह पर सौंदर्य का लुफ्त उठाने आते हैं। वाकई में यहां पर आकर मन को शांत होता है और भगवानों के समीप आने की अनूभूति होती है। वहीं आपमें से कई लोग ऐसे होंगे जो यहां पर कई बार दर्शन के लिए गये होंगे तो कई लोग ऐसे भी है जिन्होंने इस नदी को कभी देखा। हैरानी की बात यह है कि, सालों से देवप्रयाग का यह सच आजतक राज़ बना हुआ है। जिसको आज हम आपके साथ साझा करेंगें।
इस सच से हर कोई वाकिफ हैं कि, इस सृष्टि को चलाने वाले देवों के देव महादेव है। वहीं, देवी-देवताओं को भी चलाने वाले हमारे महादेव ही हैं। जी हां, महादेव ने इंसानी दुनिया की तरह देवी-देवताओं की भी दुनिया बसां रखी है। ये कहां है और कैसी है यह आपको हम वीडियो में बताएंगें। जी हां, यह चमत्कारी दुनिया देवप्रयाग नदी के नीचे बसी हुई है। जिसका जिक्र एक ऐसे साधु ने किया है जो महादेव की बरसों से नीलकंठ पर भक्ति कर रहा है। उस साधु का दावा है कि, देवप्रयाग के नीचे एक रहस्मय देवी-देवताओं की नगरी बसी हुई है। जिसका राज़ हर कोई नहीं जान पाएगा। साधु ने बताया कि, उसने खुद नदी के अंदर कूदकर उस नगरी को पास से देखा है। जैसे हम इंसानी दुनिया में रहते हैं वैसे ही देवी-देवताओं की नगरी बसी हुई है। वहां पहुंचकर स्वर्ग की अनुभूति होती है। मैं वहां का अनुभव शब्दों से जाहिर कर नहीं कर सकता, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि, वहां तक भगवान का कोई अवतार ही जा सकता है।वह जगह इतनी रहस्मय है कि, वहां पर मौजूद हर एक चीज़ का कोई ना कोई मकसद है। जैसे ही आप देवी-देवताओं की नगरी में कदम रखोगे सबसे पहले महादेव की मूर्ति नज़र आती है। जिसको नमस्कार करके ही आप नगरी में जा सकते हो।
ऐसे कई चीज़ें हैं जिसका रहस्य आने वाले समय में ही भक्तों को पता चलेगा। मैं वहां से आना नहीं चाहता था, लेकिन मैं वहां के सबसे पवित्र स्थान पर पहुंच गया था जहां पर दूतों ने मुझे जाने नहीं दिया और उस नगरी के बिल्कुल बाहर निकाल दिया। उसके बाद में बेहोश हो गया और कब मैं नदी के किनारे पहुंच गया। मैं नहीं जानता। जैसे ही मैं बाहर निकला तो वहां के आस-पास के गांव वासियों ने बताया कि, मैं पानी पर तैर रहा था। मानो जैसे कि मैं लाश हूं, लेकिन मुझे जिंदा देख हर कोई हैरान रह गया। मैं वहां से तो चला आया, लेकिन पहाड़ों में जाकर मैंने महादेव की उस नगरी का रहस्य जानने के लिए गहरी तपस्या कि ताकि मैं महादेव के करीब जाकर इसका रहस्य समझ सकूं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। सालों से मैं महादेव के पवित्र पहाड़ों पर जाकर छुपकर तपस्या कर रहा हूं, लेकिन फिर भी मुझे उसका रहस्य अभी तक समझ नहीं आ रहा कि, महादेव ने वहां देवी-देवताओं की नगरी क्यों रची? आखिर इसके पीछे भक्तों का कल्याण है या सतयुग का वापिस आना। यह एक गंभीर रहस्य है जिसको जानना बेहद जरूरी है। यदि आपको भगवानों से जुड़ी ये कहानी पसंद आई हो तो कमेंट बॉक्स में महादेव लिखे बिना नहीं जाएं।
ReplyForward |