आखिरकार क्यों हम अस्थियों का गंगा में विसर्जन करते है, क्या है इसके पीछे की कहानी। जानने के लिए वीडियो को अंत तक देखें, और अगर आप हमारे चैनल पर नए हो तो चैनल को सब्सक्राइब कर लें। साथ ही अगर आपको हमारी वीडियो पसंद आए तो वीडियो को लाइक कर लें। और कमेंट में हर-हर महादेव जरूर लिखें। क्या आपने कभी सोचा है कि अस्थियों का गंगा में ही क्यों प्रवाह किया जाता है। क्या हो सकती है इसके पीछे की कहानी।
हम अस्थियों को क्यों गंगा में बहाते है? why ashes are thrown into the ganga river
हालांकि गंगा में अस्तियों के विसर्जन को लेकर कई कथाए प्रचलित है। आज की इस वीडियो में हम ऐसी ही एक प्रथा के बारे में जानेंगे।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हस्तिनापुर के राजा शांतनु ने रानी को ओक दिन गंगा नदी पर देखा। राजा उन्हे देखते ही उन पर मोहित होगए। और उनके सामने विवाह का प्रस्ताव रख दिया। रानी ने राजा से शादी करने के लिए तो हां कर दी। लेकिन उसके बदले में रानी ने राजा से एक प्रतिज्ञा ली। उस प्रतिज्ञा में रानी ने राजा से कहा कि वो कभी भी रानी से प्रश्न नहीं करेंगे। रानी जो भी कार्य कर रही हो । राजा उनसे कोई प्रश्न नहीं करेंगे। राजा ने रानी की यह शर्त मान ली। और उन्हें प्रतिज्ञा दे दी कि मैं आपसे कभी भी कोई भी प्रश्न नहीं पूछूंगा। उसके बाद राजा और रानी की शादी हो गई। कुछ महीनों बाद रानी को पुत्र की प्राप्ति हुई। रानी उस पुत्र को उठाकर गंगा की और चल दी। और गंगा नदी पर पहुंच कर उन्होंने पुत्र को नदी में बहा दिया। राजा दूर खड़े यह सब देख रहे थे। लेकिन प्रतीज्ञा से बंधे होने के कारण वह कुछ बोल ना सके। इसके कुछ समय बाद रानी को फिर दूसरे पुत्र की प्राप्ति हुई। रानी उस पुत्र को लेकर भी गंगा की और गई। और उसे भी गंगा में बहा दिया। ऐसा करते-2 रानी ने अपने सातों पुत्रों गंगा में बहा दिया।
क्या है इसके पीछे की कहानी? what’s the story behind it
वहीं राजा दूर खड़े होकर यह सब देखते रहते, लेकिन प्रतिज्ञा से बंधे होने के कारण वह न तो कभी रानी को रोक सके और ना ही कोई प्रश्न पूछ पाएं। कुछ समय बाद रानी को आठवें पुत्र की प्राप्ति हुई। रानी उस पुत्र को लेकर भी गंगा की और प्रवाह के लिए जाने लगी। तभी राजा ने बीच में आकर रानी से पूंछने लगे। तभी रानी उन्हें उनकी प्रतिज्ञा याद दिलाने लगी।तब राजा से रहा न गया। और राजा ने उनसे इसका कारण पूछा। कि तुम हमारे पुत्रों को गंगा में क्यों त्याग रही हो। तब रानी ने राजा को बताा कि वह ब्रह्मा की बेटी है। और ऋृषि वशिष्ट ने उनके सभी बच्चों को धरती लोक पर पैदा होने का श्राप दिया था। अगर वो अपने बच्चों को गंगा में बहा देती है तो उसके बच्चो को मनुष्य लोक से सदा के लिए मुक्ति मिल जाएगी।
हरिद्वार में अस्थि विसर्जन क्यों करते हैं? why we throw ashes in haridwar
इसी कारण से हम भी अस्थियों को गंगा में इस प्रवाह करते है ताकि उन्हें भी मुक्ति मिल सके। अपने पापों और बुरे कर्मो से मुक्ति मिल सके। साथ ही कहा जाता है कि मनुष्य की अस्थि जितने समय तक गंगाजल में रहती है, उतने समय तक वह स्वर्ग लोक में रहता है। सभी प्राणियों की हत्या करने वाले की अस्थियां गंगाजी में गिरने पर वह भी दिव्य विमान पर चढ़कर देवलोक को जाता है।