हेलो दोस्तों आपका हमारे यूट्यूब चैनल में स्वागत है। हर बार की तरह इस बार भी हम आपके लिए लेकर आए है एक ऐसी चमत्कारी वीडियो जिसे देखकर आपके होश उड़ जाएंगें।
हाल ही में, एक ऐसी कहानी सामने आई जिसे देखने के बाद आपको भी हनुमान जी की शक्तियों पर पूरा भरोसा हो जाएगा। यह कहानी रायपुर के एक गांव की है। जहां पर रोहित राव नाम का एक लड़का रहता था। जिस पर बजरंगबली की बहुत बड़ी कृपा थी। वैसे तो रोहित पेशे से पहलवान था, लेकिन हनुमान जी का भी परम भक्त था। एक बार रोहित के पास असीफ खान नाम का एक लड़का पहलवानी सीखने आया, लेकिन रोहित ने उसके मज़हब के चलते उसे पहलवानी सिखाने के लिए मना कर दिया, लेकिन आसिफ ने हार नहीं मानी और रोज़ अखाड़े के पास आता और रोहित से पहलवानी सिखानी की विनती करता। एक दिन रोहित के पिताजी उस अखाड़े पर आए और असीफ को गिड़गिड़ाते देखने लगे, तब रोहित के पिताजी ने कहा कि, बेटा हमने तुझे इस लायक इसलिए बनाया कि, तू किसी का भविष्य सवार सके ना की उसका भविष्य बर्बाद करें।
फिर आसिफ ने कहा कि, अंकल इनका नाम पूरे गांव में है मैं भी इनकी तरह काबिल बनना चाहत हूं। मेरी लगन ही पहलवानी में है। तब पिताजी के दबाव देने के बाद रोहित ने उसको पहलवानी सिखानी शुरु कर दी। पहले दिन जब आसिफ अखाड़े में आया तो रोहित ने कहा सबसे पहले तुझे हनुमान जी के आगे हाथ जोड़ने होगें यह हमारे अखाड़े का प्रथम नियम है, क्योंकि इस मिट्टी पर यही हमें टिकाये रखते है, पहले तो आसिफ ने मना किया, लेकिन काफी समझाने पर उसने हां कर दी और दूर से ही हनुमान जी के आगे हाथ जोड़कर अखाड़ें में उतर गया। इसके बाद रोहित पूरी लगन से आसिफ को पहलवानी सिखाने लगा, लेकिन वह नहीं जानता था कि, आसिफ के मन में उसको लेकर इतनी ईर्ष्या थी, कि वह चाहता था आज जितना भी नाम रोहित ने कमाया है वो सारा नष्ट हो जाए और वह गांव छोड़कर यहां से चला जाए। इस गांव में पहलवानी में नंबर वन सिर्फ उसे माना जाए।
जिसके लिए आसिफ काफी प्रयास कर रहा था। धीरे-धीरे आसिफ अच्छी-खासी पहलवानी करने लगा। उसका थोड़ा बहुत नाम भी होने लगा, लेकिन एक दिन आसिफ अखाड़े में आया और सीधा अंदर चला गया, यह देखकर रोहित ने उसे टोका और कहा कि, ऐसे अंदर नहीं जाते तुम्हें यह बात पता है फिर भी तुम नज़रअंदाज करके जा रहे हो आज के बाद ऐसा नहीं होना चाहिए। यह बात आसिफ को इतनी बुरी लगी वह तनतना हुआ अखाड़े से बाहर आया और बोला कि, ये तेरा होगा मेरा कुछ नहीं है ये तुम लोगों के भगवान है हम मुस्लिम के नहीं। अगर आज हाथ नहीं जोड़े तो कौन सा पहाड़ टूट गया। तभी रोहित ने कहा कि, इन्होंने हमें इस लायक बनाया है और तुझे भी इन्होंने ही बनाया है। तभी आसिफ बोलने लगा कि, इन्होंने नहीं हमारे अल्लाह ने इस काबिल बनाया है। रोहित ने बड़े प्यार भरे स्वभाव से कहा अच्छी बात है अल्लाह तेरे साथ है, लेकिन इनका भी आर्शीवाद जरूरी है तेेरे लिए।
काफी देर इन दोनों में बहसबाजी चलती रही। धीरे-धीरे इस बहस ने लड़ाई का रूप कब ले लिया वहां खड़े पहलवानों को समझ नहीं आई। तभी आसिफ ने मुस्लिम समाज के कुछ लोगों को बुलाया और रोहित के अखाड़े के पास लगी हनुमान जी की मूर्ति को तोड़ने लगा। मूर्ति टूटने पर हिंदु पहलवानों को इतना गुस्सा आया कि, देखते ही देखते दोनों समाज आपस में भिड़ गये। जैसे-तैसे मुस्लिम समाज के लोग भाग गये। इसके बाद पुलिस में मामला दर्ज हुआ दोनों पक्षों का समझौता करवाया गया, लेकिन आसिफ के मन में रोहित को लेकर बदले की भावना तब भी बनी रही। रोहित हनुमान जी का परम भक्त था। एक दिन आसिफ रात के समय रोहित के अखाड़े पर हनुमान जी का गद्दा चुराकर लाया। दरअसल, रोहित ने हनुमान जी की मूर्ति सोने की बना रखी थी। जिसका गद्दा आसिफ ने चुराया। अगली सुबह जब रोहित को यह बात पता चली तो पूरे गांव में हडकंप मच गया। पुलिस में मामला दर्ज हुआ और गांव में तफ्तीश की गई, लेकिन कही भी गद्दे का पता नहीं चला। आखिर में पुलिस वाले आसिफ के घर की तहकीकात करने लगे वहां भी उन्हें कुछ नहीं मिला। धीरे-धीरे यह मामला खत्म हो गया। फिर एक दिन आसिफ ने गांव के एक लड़के को अपनी सच्चाई बताई, जिसे सुनकर वह हैरान रह गया।
वह लड़का आसिफ का परम मित्र था। आसिफ ने उसको बताया कि, उसने रोहित के अखाड़े से हनुमान जी के गद्दे की चोरी की है और अपने घर के आंगन में 20 फीट नीचे उसे दफन कर रखा है, लेकिन जब से उसने ऐसा किया है तब से उसके हाथों में कौढ़ी जैसी खतरनाक बीमारी हो गई है। अभी तक मैं उस गद्दे को नहीं निकाल पाया हूं। तू मेरे साथ चल और गद्दा बाहर निकाल। आसिफ की ये समस्या सुनने के बाद वह दोस्त उसके घर गया और गद्दा निकाल लिया। इसके बाद उस गद्दे को आसिफ ने अपने पास रखा। फिर उसी रात आसिफ को हनुमान जी के दर्शन स्वप्न में होने लगे। कुछ समय तो आसिफ इसका मतलब नहीं समझा, लेकिन लगातार एक ही सपना आने की वजह से वह परेशान हो गया। फिर आसिफ ने सोचा की इस गद्दे को किसी नदी में फेंक आता हूं किसी को कुछ पता नहीं चलेगा। आसिफ ने छुपकर रात के समय गद्दे को पास की नदी में बहा दिया और घर आकर सो गया। अगली सुबह वह गद्दा आसिफ को हवा में उड़ता हुआ दिखा। हैरानी की बात यह थी कि, आसिफ को जो गद्दा दिख रहा था। अब वह किसी को भी नज़र नहीं आ रहा था। गांव वासी उसकी इन हरकतों पर उसको मानसिक रोगी समझ रहे थे, लेकिन सच्चाई कुछ और ही थी।
फिर एक दिन काफी परेशान होने पर आसिफ ने रोहित को अपने घर बुलाया और सारी सच्चाई बताई कहा कि, मैं बस तुमसे बदला लेना चाहता था। मेरा चोरी करने का कोई मकसद नहीं था। रोहित ने आसिफ को कहा कि, ठीक है मैं तुम्हें माफ करता हूं अब हनुमान जी का गद्दा मुझे सौंप दो। तब आसिफ ने खुशी-खुशी कहा कि, टेबल पर ही रखा है इसे ले जाओ। आसिफ ने कहा कि, टेबल पर नहीं है तुम लाकर दो कहां है गद्दा। फिर आसिफ समझ गया कि, यह कोई साधारण बात नहीं है बल्कि हनुमान जी का चमत्कार है जिसे सिर्फ में ही देख पा रहा हूं। तब आसिफ ने रोहित को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह गुस्से में आकर वहां से चला गया और बोला कि, मैं हनुमान जी का गद्दा खुद बनवा लूंगा। इसके बाद आसिफ ने गद्दा की पूजा करना शुरु किया और उसकी किस्मत बदलने लगी। उसकी कौढ़ी की समस्या दूर हो गई और उसकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो गई। साथ ही पूरे गांव में ग्रेट पहलवान के नाम से आज भी आसिफ को जाना जाता है। जिसका श्रेय हमेशा आसिफ हनुमान जी और रोहित को देता है।
यदि रोहित से वह शिक्षा नहीं लेता और हनुमान जी का सबक उसे नहीं मिलता तो वह कुछ भी नहीं कर पाता। आज भी आसिफ उस गद्दे को अपने दिल से लगाकर रखता है और रोज़ हिंदुओं की तरह सुबह-शाम उसकी पूजा करता है, लेकिन आज भी वह गद्दा अदृश्य है। किसी को नज़र नहीं आता। यह चमत्कार है या सबक यह तो भगवान हनुमान जी ही जानते हैं, लेकिन किसी ने सच कहा कि, इंसान का मज़हब तो है, लेकिन भगवान का कोई मज़हब नहीं है वह हर मज़हब की भक्ति को स्वीकारते हैं। यदि आपको हमारी धार्मिक व आध्यात्मिक वीडियो पसंद आई हो और ऐसी ही कुछ अन्य सच्ची कहानियों से जुड़ना चाहते हैं तो कमेंट बॉक्स में हनुमान जी लिखें बिना ना जाएं।