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    Home » Sarasvati Mata : जानिये क्यों दिया ब्रह्मा ने अपने कमंडल से सरस्वती को जन्म
    Saraswati shailputri mata Story

    Sarasvati Mata : जानिये क्यों दिया ब्रह्मा ने अपने कमंडल से सरस्वती को जन्म

    Prabhu BhaktiBy Prabhu BhaktiDecember 23, 2023Updated:December 23, 2023
    Saraswati Mata
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    देवी सरस्वती की उत्पत्ति कैसे हुई? | Devi Saraswati ki utpati kaise hui

    हिन्दू धर्म में हर वर्ष वसंत पंचमी का त्यौहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन का संबंध सरस्वती देवी की उत्पत्ति से है ऋतुओं का राजा कहे जाने वाले वसंत में ही सरस्वती माता ( Saraswati Mata ) का जन्म हुआ था। दरअसल भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी को सृष्टि के निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी थी।

    सृष्टि के निर्माण की इस प्रक्रिया में ब्रह्मा जी ने जीव जंतुओं, पेड़ पौधों, और मनुष्य को जन्म दे तो दिया परन्तु वे अपने ही द्वारा बनाई गई सृष्टि से संतुष्ट नहीं थे। उन्हें बार-बार इस बात की अनुभूति हो रही थी कि मेरे द्वारा बनाये गए इस संसार में हर्ष और सौंदर्य की कमी थी।

    ब्रह्मा जी ने उस कमी को दूर करने के लिए अपने कमंडल से जल छिड़का और जैसे ही वह जल धरती पर गिरा धरती कांपने लगी। इसके बाद एक ऐसी शक्ति का जन्म हुआ जिसने श्वेत वस्त्र धारण किये हुए थे। उस अद्भुत शक्ति के एक हाथ में वीणा थी तो एक हाथ वरमुद्रा में था। वह एक हाथ में पुस्तक लिए हुए थी तो दूसरे हाथ में माला थी।

    ब्रह्मा जी ने जैसे ही सौंदर्य पूर्ण चतुर्भुज स्त्री के रूप को देखा तो उन्हें वीणा बजाने का अनुरोध किया। सरस्वती ने जैसे ही वीणा बजाई पूरा संसार हर्ष से खिल उठा। पेड़-पौधे खिलखिला उठे और जीव-जंतुओं में भी हर्ष उत्पन्न हुआ। ब्रह्मा जी ने उसी क्षण उस शक्ति को सरस्वती कहकर पुकारा।

     Sarasvati Mata
    Sarasvati Mata

    सरस्वती माता का जन्म कब और कहां हुआ था? | Saraswati Mata ka janam kab aur kaha hua tha

    सरस्वती माता (Saraswati Mata) का जन्म माघ मास की शुक्ल पक्ष को पंचमी के दिन हुआ था। यह वही ऋतू है जिसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है। श्री कृष्णा ने भी इसी संबंध में कहा था कि ऋतुओं में भी मैं वसंत ऋतू हूँ।

    सरस्वती जन्मोत्सव कब मनाया जाता है? | Saraswati janmotsav kab manaya jataa h

    सरस्वती का जन्मोत्सव वसंत पंचमी के दिन मनाया जाता है। इसी दिन को वसंत पंचमी के रूप में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।

    Mata Saraswati
    Mata Saraswati

    माँ सरस्वती के पति कौन है? | Maa Saraswati ke pati kon hai

    सरस्वती माता (Saraswati Mata) के पति ब्रह्मा जी को माना जाता है। ब्रह्मा जी ने ही देवी सरस्वती को जन्म दिया था और बाद में वे अपनी ही पुत्री पर मोहित हो गए थे। ब्रह्मा जी का देवी के प्रति आकर्षण इतना अधिक था कि उनके मन में देवी से विवाह करने की इच्छा जागी। देवी ब्रह्मा जी की इच्छा को जान गई और उनसे बचने का प्रयास करने लगी लेकिन देवी के सभी प्रयास असफल रहे और अंततः सरस्वती को ब्रह्मा जी से विवाह करना पड़ा।   

    सरस्वती मां कौन है? | Saraswati Mata kon hai

    सरस्वती जिनकी गिनती त्रिदेवियों में की जाती है। इनकी चार भुजाएं हैं। जिनके एक हाथ में वीणा, एक हाथ में पुस्तक, एक में माला और एक हाथ वर मुद्रा में है। सरस्वती वह जो विद्या की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। उनके हाथों में विराजमान पुस्तक से ज्ञान का और वीणा से संगीत विद्या का बोध होता है। देवी सरस्वती (Devi Saraswati) साहित्य, संगीत और कला की देवी हैं।  

    saraswati mata photo
    saraswati mata photo

    सरस्वती की कृपा कैसे पाएं? | Saraswati ki kirpa kaise paay

    सरस्वती माता (Saraswati Mata) की कृपा पाने के लिए जातक Saraswati kavach और कवच रुपी locket को धारण कर सकते है। ऐसा करने से सरस्वती माँ (Saraswati Maa)की कृपा सदैव जातकों पर बनी रहेगी। इसका सबसे अधिक लाभ यह है कि व्यक्ति की एकाग्रता शक्ति बढ़ेगी और वह कला, साहित्य और संगीत आदि जैसे क्षेत्र में तेजी से प्रगति करेगा। पढ़ाई में अत्यधिक मन लगेगा और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे छात्रों के लिए भी यह अत्यंत लाभकारी है।

    ब्रह्मा और सरस्वती का क्या संबंध था | Brahma aur Saraswati ka kya sambandh tha

    अंत में सरस्वती जी को ब्रह्मा से विवाह करना पड़ा। ऐसा माना जाता है कि इसकी देवलोक में बहुत आलोचना हुई और यही कारण है कि ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती। सरस्वती पुराण में कहा गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती (Saraswati) ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया। इस दौरान ब्रम्हा और सरस्वती में प्रेम बना रहा।
    saraswati mata ka photo
    saraswati mata ka photo

    ब्रह्मा जी ने अपनी पुत्री से विवाह क्यों किया | Brahma ji ne apne putree se vivah kyu kiya

    सरस्वती ने अपने पिता की इस मनोभावना को भांपकर उनसे बचने के लिए चारो दिशाओं में छिपने का प्रयत्न किया लेकिन उनका हर प्रयत्न बेकार साबित हुआ। इसलिए विवश होकर उन्हें अपने पिता के साथ विवाह करना पड़ा। ब्रह्मा और सरस्वती करीब 100 वर्षों तक एक जंगल में पति-पत्नी की तरह रहे।

    माँ सरस्वती के पति कौन है | Saraswati ji ke pati kaun hai (saraswati mata ka pati kaun hai)

    अंत में सरस्वती जी को ब्रह्मा से विवाह करना पड़ा। ऐसा माना जाता है कि इसकी देवलोक में बहुत आलोचना हुई और यही कारण है कि ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती। सरस्वती पुराण में कहा गया है कि ब्रम्हा और सरस्वती ने 100 साल तक जंगल में पति-पत्नी के रूप में बिताया।
    saraswati painting
    saraswati painting

    ब्रह्मा जी की पुत्री का नाम | Brahma ji ki putree ka naam

    प्रसंग के अनुसार सरस्वती जी ब्रह्मा जी की बेटी थीं। ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के बाद सरस्वती जी को अपने तेज से उत्पन्न किया था। इसीलिए यह कहा जाता है कि सरस्वती जी की कोई मां नहीं थी। सरस्वती जी को विद्या की देवी कहा जाता है।

    सरस्वती जी ब्रह्मा जी की पत्नी कैसे बनी? | Sarawati ji brahma ji ki patni kaise banee

    इस रहस्य के अनुसार महालक्ष्मी के द्वारा विष्णु और सरस्वती की उत्पत्ति हुई अर्थात विष्णु और सरस्वती बहन और भाई हैं। इन सरस्वती का विवाह ब्रह्माजी से और ब्रह्माजी की जो पुत्री है, उनका विवाह विष्णुजी से हुआ है।
     
     
     
     
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