मथुरा में बाढ़ का कहर। | Flood Havoc In Mathura.
सावन के इस पावन महीने में,दहल उठी मथुरा नगरी।मथुरा और वृन्दावन के साथ-साथ आगरा में भी दिखा बाढ़ के पानी कहर। बाढ़ के पानी ने मचाया पूरे ब्रज क्षेत्र में आतंक और आधे से ज्यादा दिल्ली डूबी नजर आई। लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि,ये तो बस उस तबाही की शुरुआत है। ऐसा माना जा रहा है कि,आने वाले दिनों में ब्रजधाम में इससे भी भयानक बाढ़ आने की सम्भावना है और कुछ हीं दिनों में ब्रज के वो हिस्से भी डूबे नजर आएँगे जो अभी तक बचे हुए हैं। तो आखिर क्या है मथुरा में,यमुना नदी के रौद्र तांडव की कहानी? आइये जानते है।
वृन्दावन भी डूब गया। | Vrindavan Also Drowned.
दिल्ली में एक बड़े इलाके को बाढ़ से प्रभावित करने के बाद उत्तर प्रदेश में यमुना अब उफान पर है। मथुरा और वृंदावन में रविवार दोपहर को कालिंदी यानी यमुना का जलस्तर खतरे के निशान 166 मीटर से ऊपर 166.64 मीटर तक पहुंच गया। जिसके कारण निचले इलाकों में पानी भर गया है।जिला प्रशासन के अनुसार, यमुना में आई बाढ़ से कम से कम 40 गांव और 12 कॉलोनियां प्रभावित हुईं हैं और करीब 1,000 लोग फंसे हुए हैं।
एक आधिकारिक अनुमान के अनुसार बाढ़ के पानी से जिले में 400 बीघे से ज्यादा खेतीहर भूमि पर फसलें पानी में डूब गई हैं।अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन अलर्ट पर है और स्थिति को संभालने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल NDRF की दो टीमों को तैनात किया है। मथुरा के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट योगानंद पांडेय ने कहा कि,अब तक किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
NDRF की टीमों ने फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है। निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। प्रशासन की ओर से राहत शिविरों में भोजन और इलाज की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। बताया गया है कि बाढ़ से प्रभावित 30 गांवों में दो दिन से बिजली नहीं है।
बांके बिहारी मंदिर में भी घुसा पानी | Water Also Entered In Banke Bihari Temple.
मथुरा के जिला मजिस्ट्रेट पुलकित खरे ने यमुना किनारे के इलाकों का दौरा कर स्थिति का आकलन किया। प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि मथुरा और वृंदावन में घाटों पर फिलहाल न जाएं। वृंदावन में बांके बिहारी मंदिर के पीछे और परिक्रमा मार्ग पर यमुना का पानी आ चुका है। सोशल मीडिया पर वृंदावन के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं।
मथुरा के अलावा आगरा में भी यमुना का पानी लोगों को डरा रहा है। रविवार दोपहर तक ताज महल के पास यमुना का जलस्तर 495.80 फीट दर्ज किया गया। बाढ़ के कारण आगरा में करीब 250 बीघे से ज्यादा खेत जलमग्न हो गए हैं। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम ने फतेहाबाद ब्लॉक के गांवों से करीब 50 परिवारों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।आगरा के पुलिस आयुक्त प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि,यमुना के पास वाले सभी थानों को अलर्ट पर रखा गया है। निचले इलाकों के पास बाढ़ चौकियां पहले ही बनाई जा चुकी हैं। टीमें बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों की सुरक्षित निकासी के लिए काम कर रही हैं। स्पीड बोट और गोताखोरों को तैनात किया गया है।