भगवान विष्णु की उत्पत्ति कैसे हुई? ( Bhagwan Vishnu ki utpatti kaise hui? )
भगवान विष्णु की उत्पत्ति के संबंध में पुराणों में अलग-अलग कहानियां हमें पढ़ने-सुनने को मिलती है जिनमें से एक कहानी शिव पुराण में वर्णित है। आइये जानते हैं आखिर विष्णु जी का जन्म कैसे हुआ था :
शिवपुराण ( Shiv Puran ) में भगवान विष्णु के जन्म से जुड़ी कहानी के अनुसार चिरकाल में भगवान शिव और देवी पार्वती भ्रमण कर रहे थे। तभी शिव जी के मन में यह विचार आया कि इस भूमण्डल में कोई दूसरा व्यक्ति भी होना चाहिए।
यह सुनकर आदि शक्ति ने भगवान शिव से कहा कि हे! प्रभु आपको फिर अपने विचार में किस प्रकार का संशय है? आप इस संसार के पालनहार हैं जो समस्त संसार की भलाई के लिए विचार करते हैं। शिव जी ने आदि शक्ति के विचार को सुनकर अपने वामअंग पर अमृत से स्पर्श किया। अमृत स्पर्श करने के बाद एक पुरुष की उत्पत्ति हुई जिसने पूरे संसार को पलभर में ही प्रकाशमय कर दिया। इस तरह भगवान विष्णु की उत्पत्ति इस संसार में हुई।
भगवान विष्णु को देख भोलेनाथ बोले कि हे! वत्स तुम्हारे होने से यह संसार प्रकाशमय हो गया अतः मैं तुम्हरा नाम विष्णु रखता हूँ। शिव जी की बात सुनकर विष्णु जी बोले हे! प्रभु मेरे क्या आज्ञा है? इसपर भगवान शिव ने उन्हें तप करने की आज्ञा दी। भगवान विष्णु के तप से संसार में जल की उत्पत्ति हुई जिससे ही जीवन संभव हो पाया। इस तरह ही विष्णु भगवान का जन्म हुआ था और तभी से वे सृष्टि के पालनहार के नाम से जाने जाते हैं।
शिवपुराण ( Shiv Puran ) में भगवान विष्णु के जन्म से जुड़ी कहानी के अनुसार चिरकाल में भगवान शिव और देवी पार्वती भ्रमण कर रहे थे। तभी शिव जी के मन में यह विचार आया कि इस भूमण्डल में कोई दूसरा व्यक्ति भी होना चाहिए।
यह सुनकर आदि शक्ति ने भगवान शिव से कहा कि हे! प्रभु आपको फिर अपने विचार में किस प्रकार का संशय है? आप इस संसार के पालनहार हैं जो समस्त संसार की भलाई के लिए विचार करते हैं। शिव जी ने आदि शक्ति के विचार को सुनकर अपने वामअंग पर अमृत से स्पर्श किया। अमृत स्पर्श करने के बाद एक पुरुष की उत्पत्ति हुई जिसने पूरे संसार को पलभर में ही प्रकाशमय कर दिया। इस तरह भगवान विष्णु की उत्पत्ति इस संसार में हुई।
भगवान विष्णु को देख भोलेनाथ बोले कि हे! वत्स तुम्हारे होने से यह संसार प्रकाशमय हो गया अतः मैं तुम्हरा नाम विष्णु रखता हूँ। शिव जी की बात सुनकर विष्णु जी बोले हे! प्रभु मेरे क्या आज्ञा है? इसपर भगवान शिव ने उन्हें तप करने की आज्ञा दी। भगवान विष्णु के तप से संसार में जल की उत्पत्ति हुई जिससे ही जीवन संभव हो पाया। इस तरह ही विष्णु भगवान का जन्म हुआ था और तभी से वे सृष्टि के पालनहार के नाम से जाने जाते हैं।
विष्णु का अर्थ क्या है? ( What is the meaning of ‘Vishnu’? )
भगवान विष्णु के नाम का अर्थ में विश शब्द से तात्पर्य प्रवेश करने के अर्थ में लिया गया है। आदि शंकराचार्य ने ने भी अपने विष्णु सहस्रनाम-भाष्य में ‘विष्णु’ शब्द का अर्थ व्यापक (व्यापनशील) ही माना है। उन्होंने आगे लिखा है कि विश धातु का रूप ही विष्णु बनता है। इसे हम आसान तरीके से विशु पुराण में दिए गए वाक्य से समझ सकते है। विष्णुपुराण में कहा गया है– ‘उस महात्मा की शक्ति इस सम्पूर्ण विश्व में प्रवेश किये हुए हैं; इसलिए वह विष्णु कहलाता है, क्योंकि ‘विश्’ धातु का अर्थ प्रवेश करना है”।
भगवान विष्णु के 10 अवतार कौन-कौन से हैं? ( Bhagwan Vishnu ke 10 Avatar kaun – kaun se hai? )
विष्णु अवतार नाम लिस्ट :
1. मत्स्य
2. कूर्म
3. वराह
4. नरसिंह
5. वामन
6. परशुराम
7. राम
8. कृष्ण
9. बुद्ध
10. कल्कि
1. मत्स्य
2. कूर्म
3. वराह
4. नरसिंह
5. वामन
6. परशुराम
7. राम
8. कृष्ण
9. बुद्ध
10. कल्कि
भगवान विष्णु के कितने पुत्र हैं? ( Bhagwan Vishnu ke kitne putra hai? )
हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में विष्णु जी और उनकी अर्धांग्नी देवी लक्ष्मी के 18 पुत्रों का वर्णन हमें मिलता है। इन 18 पुत्रों में :
1. सलिल
2. चिक्लीत
3. अनुराग
4. कर्दम
5. दमक
6. जातवेद
7. आनन्द
8. सम्वाद
9. विजय
10. देवसखा
11. मद
12. हर्ष
13. बल
14. कुरूण्टक
15. श्रीप्रद
16. वल्लभ
17. गुग्गुल
18. तेज।
1. सलिल
2. चिक्लीत
3. अनुराग
4. कर्दम
5. दमक
6. जातवेद
7. आनन्द
8. सम्वाद
9. विजय
10. देवसखा
11. मद
12. हर्ष
13. बल
14. कुरूण्टक
15. श्रीप्रद
16. वल्लभ
17. गुग्गुल
18. तेज।
विष्णु भगवान के गुरु कौन थे? ( Bhagwan Vishnu ke Guru kaun the? )
भगवान विष्णु ने अनेकों अवतार लिए और इन अवतारों में उन्होंने कई लोगों को अपना गुरु माना। विष्णु जी के परशुराम अवतार के गुरु भगवान शिव माने गए हैं जबकि प्रभु श्री राम ने गुरु वशिष्ठ और ब्रह्मऋषि विश्वामित्र को अपना गुरु माना। यहीं भगवान विष्णु के श्री कृष्ण अवतार ने गुरु सांदीपनि को अपना गुरु माना था।
विष्णु भगवान के पिता जी का नाम क्या था? ( Vishnu Bhagwan ke pita ji ka naam kya tha? )
शिव पुराण के अनुसार भगवान विष्णु के पिता जी भगवान शिव बताये गए हैं क्योंकि उन्हीं के वाम अंग में अमृत स्पर्श करते समय विष्णु जी की उत्पत्ति हुई थी। जबकि विष्णु पुराण में भगवान विष्णु को स्वयंभू बताया गया है।
भगवान विष्णु को कैसे प्रसन्न करें? ( Bhagwan Vishnu ko kaise prasann kare? )
भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए हर रोज़ या गुरुवार के दिन Original Tulsi Mala से विष्णु मंत्र ” ॐ विष्णवे नम:” का जप करें। तुलसी विष्णु जी की सबसे प्रिय मानी जाती है। तुलसी का इतना अधिक महत्व है कि इसके बिना विष्णु जी की कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है।