स्फटिक की माला ( Sphatik Mala )
व्यक्ति के जीवन में सुख को जो ग्रह प्रभावित करता है वह शुक्र है। शुक्र ग्रह की दशा सही बनाये रखने के लिए और अपने जीवन में सुख को आकर्षित करने के लिए स्फटिक की माला ( Sphatik Mala ) बहुत उपयोगी मानी जाती है। इसे धारण करने मात्र से व्यक्ति को सुख-शांति की अनुभूति होने लगती है। आज हम जानेंगे स्फटिक की माला से जुड़ी अहम जानकरियों के बारे में :
स्फटिक की पहचान कैसे की जाती है? ( How to Identify Original Sphatik Mala? )
कई बार बाजारों में स्फटिक के नाम पर कांच या प्लास्टिक की माला पकड़ा दी जाती है इसलिए स्फटिक की माला की पहचान करने के लिए इसे हाथ में लें। हाथ में यह माला लेने पर थोड़ी सी भारी और ठंडी महसूस होगी। यदि Original Sphatik Mala है तो वह कभी अपनी चमक नहीं छोड़ेगी।
स्फटिक माला ओरिजिनल को रगड़ने पर चिंगारी सी निकलने लगती है। अँधेरे में इसपर रोशनी मारने पर यह चमकने लगती है। साथ ही ध्यान देने वाली बात यह है कि इस माला के मोती पारदर्शी नहीं होते हैं और कभी मटमैले भी नहीं होते हैं।
स्फटिक माला ओरिजिनल को रगड़ने पर चिंगारी सी निकलने लगती है। अँधेरे में इसपर रोशनी मारने पर यह चमकने लगती है। साथ ही ध्यान देने वाली बात यह है कि इस माला के मोती पारदर्शी नहीं होते हैं और कभी मटमैले भी नहीं होते हैं।
स्फटिक माला कौन पहने? ( Who Can Wear Sphatik Mala? )
कुंडली में यदि शुक्र गृह अशुभ प्रभाव दे रहा हो या शुक्र गृह अस्त होता दिखाई दे रहा हो तो स्फटिक की माला धारण करने की सलाह दी जाती है। स्फटिक की माला धारण करने से व्यक्ति की कुंडली में शुक्र के दुष्प्रभाव समाप्त हो जाते हैं या निचले स्तर पर आ जाते हैं। इस तरह शुक्र के दोषों का निवारण करने के लिए स्फटिक की माला पहनी जाती है।
स्फटिक की माला कैसे धारण करें? ( How to wear Sphatik Mala? )
1. स्फटिक की माला को धारण करने का सबसे शुभ दिन शुक्रवार है।
2. शुक्रवार के दिन प्रातःकाल स्नान कर माता लक्ष्मी की पूजा करें।
3. महा लक्ष्मी मंत्र ‘ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: ‘ का जाप 108 बार करें।
4.माता लक्ष्मी का ध्यान करने के बाद स्फटिक माला मंत्र का जप करते हुए माला धारण करें।
स्फटिक माला मंत्र ( Sphatik Mala Mantra )
‘पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:।। ‘
2. शुक्रवार के दिन प्रातःकाल स्नान कर माता लक्ष्मी की पूजा करें।
3. महा लक्ष्मी मंत्र ‘ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम: ‘ का जाप 108 बार करें।
4.माता लक्ष्मी का ध्यान करने के बाद स्फटिक माला मंत्र का जप करते हुए माला धारण करें।
स्फटिक माला मंत्र ( Sphatik Mala Mantra )
‘पंचवक्त्र: स्वयं रुद्र: कालाग्निर्नाम नामत:।। ‘
स्फटिक पहनने से क्या लाभ होता है? ( What are the Benefits of Sphatik Mala? )
1. स्फटिक की माला व्यक्ति को बुरी नजर, भूत-प्रेत के भय से छुटकारा मिलता है।
2. स्फटिक की माला पहनने से घर में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता वहां कभी वास नहीं करती है।
3. यह मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
4. व्यक्ति को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
5. आक्समिक मृत्यु से मुक्ति मिलने के साथ दीर्घायु प्राप्त होती है।
2. स्फटिक की माला पहनने से घर में सुख-समृद्धि आती है और दरिद्रता वहां कभी वास नहीं करती है।
3. यह मन को शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
4. व्यक्ति को सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
5. आक्समिक मृत्यु से मुक्ति मिलने के साथ दीर्घायु प्राप्त होती है।
स्फटिक किसका उपरत्न है? ( Sphatik kiska upratna hai? )
स्फटिक हीरे का उपरत्न होता है जिसे शुक्र के लिए धारण करने की सलाह दी जाती है।
स्फटिक की माला कितने की है? ( What is the Price of Sphatik Mala )
बाजारों में इसकी गुणवत्ता के आधार पर इसकी अलग-अलग कीमत तय की गई हैं। हमारे पास Original Sphatik Mala उचित मूल्य पर उपलब्ध है। आप prabhubhakti.in पर जाकर इसे Online Buy कर सकते हैं।