Original Dakshinavarti Shankh (Big)

Status: 16 in stock

Dakshivarti Shankh का महत्व।
हिंदू धर्म में शंख को विशेष महत्व दिया गया है. क्योंकि इसकी प्राप्ति समुद्र मंथन से हुई है. समुद्र मंथन से 14 रत्न प्राप्त हुए, जिसमें से एक Dakshivarti Shankh  भी था.
हिन्दू धर्म में पूजा और शुभ कार्यों में शंख का प्रयोग अत्यंत शुभ माना गया है. शादी विवाह, उत्सव और अन्य मांगलिक कार्यों में शंख बजाने की परंपरा है.
शंख की ध्वनि को अत्यंत शुभ माना गया है शंखों में Dakshivarti Shankh को श्रेष्ठ और शुभ मना गया है.

Deals ends in:

1,299.00

1,100.00
349.00
601.00
451.00
449.00
Buy Now Compare
SKU:Pprabhubhakti1773

Original Dakshinavarti Shankh की पहचान क्या है? 

  • वालमपुरी कहे जाने वाले शंख के बारे में तो जान लिया। अब इसकी असली पहचान पता चलना बहुत जरूरी है। तभी शंख का सही फायदा मिल सकता है। अतः कष्टों के शीघ्र निवारण के लिए यह आवश्यक है।
  • Original Dakshinavarti Shankh ki pehchan के दो ही तरीके है। इन तरीकों के अलावा कोई और तरीका अभी तक निजात नहीं किया गया। आइये जानते हैं इनके बारे में :
  • सर्वप्रथम तो इस शंख की पहचान करने का सरल तरीका है इसकी दिशा देखना। यानी शंख का पेट यदि दाहिने ओर खुला है तो वह दक्षिणावर्ती है।
  • इसे कान पर लगाकर सुनने से भी यह मालूम चल सकता है वह असली है। दरअसल इस प्रकार के शंख (Original Dakshinavarti Shankh Identification ) में से ध्वनि निकलती है।

Original Dakshinavarti Shankh घर में कैसे रखें? 

Original Dakshinavarti Shankh को घर में रखना बहुत शुभ माना गया है इस शंख को घर में रखने के लिए कुछ नियम का ध्यान रखना जरूरी है।
  • सबसे पहले लाल रंग का एक कपड़ा ले। इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में गंगाजल भर दें।
  • इसके बाद इस मंत्र का एक माला जाप करें- ॐ श्री लक्ष्मी सहोदराय नम:’।
  • मंत्र का जाप करने के बाद दक्षिणावर्ती शंख को लाल कपड़े में लपेट कर, मंदिर में उचित स्थान पर रखे।
  • शुक्रवार के दिन इस शंख की विशेष पूजा करें।
  • पूजा के बाद इससे बजाना चाहिए।

Original Dakshinavarti Shankh और वामावर्ती शंख में क्या अंतर् है ? 

  • भगवान् विष्णु दक्षिणावर्ती शंख धारण करते हैं। तो माता लक्ष्मी वामावर्ती शंख धारण करती हैं। घर में वामावर्ती शंख हो तो धन का कभी अभाव नहीं होत।
  • वामावर्ती शंखों का पेट बायीं तरफ खुला हुआ रहता है. जबकि दक्षिणावर्ती शंख का मुख दायीं तरफ होता है।
  • दक्षिणावर्ती शंख की एक पहचान और भी बताई गई है की इस शंख को कान पर लगाने से ध्वनि सुनाई देती है।
  • वामावर्ती शंख पूजा में शंखनाद के काम आता है, क्योंकि वामवर्ती शंख मुख्य रूप से केवल बजाने के काम आता है,और दक्षिणावर्ती शंख का पूजा में विशेष महत्त्व है, श्रीहरि विष्णु ने दक्षिणावर्ती शंख को अपने दाहिने हाथ में धारण कर लिया था।

Know more about वामावर्ती शंख  https://prabhubhakti.in/pooja-items-online/big-size-blowing-shankh/

घर में कितने शंख रखने चाहिए?

  • 1.घर में हमेशा दो शंख होने चाहिए. एक शंख से भगवान की पूजा, उनका अभिषेक वगैरह किया जाता है, दूसरे को बजाया जाता है उसे कभी न बजाएं वर्ना भगवान नाराज हो सकते हैं।
  • ध्यान रखें कि पूजा घर में एक ही शंख रखा जाए. भगवान की पूजा के साथ उस शंख की भी पूजा करनी चाहिए।
  • पूजा में इस्तेमाल किए जाने वाले शंख को हमेशा पानी भरकर रखना चाहिए. पूजा के बाद इस पानी का छिड़काव घर में और घर के सदस्यों पर करने से तमाम समस्याएं दूर होती हैं।
  • जिस शंख को बजाते हैं, उसे एक सफेद वस्त्र में लपेटकर पूजा के आसपास किसी स्थान पर रख सकते हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Original Dakshinavarti Shankh (Big)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

0
Back to Top

Search For Products

Product has been added to your cart